हल्द्वानी, प्रेस 15 न्यूज। सफेद दूध का कारोबार करने वाले नैनीताल-लालकुआं दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ के अध्यक्ष मुकेश बोरा की काली करतूत का घड़ा भले भर गया हो लेकिन दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज होने के बाद भी अभी तक पुलिस उसे गिरफ्तार नहीं कर सकी है। यानी रस्सी जल गई और बल अभी भी बचा है।
इधर, पीड़िता ने मंगलवार को इस मामले में बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि मुकेश बोरा की गंदी नजर अब उसकी बेटी पर भी थी। पीड़िता ने यहां तक कह दिया कि अगर 24 घंटे में आरोपी मुकेश बोरा की गिरफ्तारी नहीं हुई तो वह लालकुआं थाने में आत्मदाह कर लेगी।
पीड़िता ने कहा कि आज मुकेश बोरा की पत्नी उसे भगवान कह रही है, तो फिर वो भगवान उसके साथ काठगोदाम के होटल में क्या कर रहा था।
पीड़िता ने पूछा कि आज मुकेश बोरा के खिलाफ कुछ लोग उसका साथ दे रहे हैं तो इसमें क्या गलत है? क्या मदद लेना गुनाह है?
पीड़िता ने कहा कि आखिर पुलिस और प्रशासन किस दबाव है, क्यों मुकदमा दर्ज होने के बाद भी दुष्कर्म का आरोपी मुकेश बोरा खुला घूम रहा है। पीड़िता ने कहा कि डर की वजह से वो घर में कैद होकर रह गई है। इतना ही नहीं मुकेश बोरा और उसके आदमियों की वजह से उसके बच्चे भी स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। उसे मुकेश बोरा और उसके आदमियों से डर है।
बताते चलें कि नैनीताल-लालकुआं दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ के अध्यक्ष मुकेश बोरा पर लालकुआं क्षेत्र की एक विधवा महिला ने नौकरी दिलाने के नाम पर काठगोदाम के एक होटल में दुष्कर्म करने और मुंह खोलने पर जान से मारने धमकी धमकी देने का आरोप लगाया था।
जिसके बाद पीड़िता को मुकेश बोरा के खिलाफ एक अदद एफआईआर कराने के लिए लालकुआं से हल्द्वानी तक भटकना पड़ा था। मीडिया में खबरें छाने के बाद 24 घंटे लगे और लालकुआं थाने में मुकेश बोरा के खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज हुआ।
मजे की बात यह है कि कल तो जो भाजपाई मुकेश बोरा को भाजपाई मानते थे, उन्होंने भी डूबता जहाज समझकर मुकेश बोरा से कन्नी काट ली। एक धड़ा तो खुलकर मुकेश बोरा के खिलाफ मशाल लेकर सड़क पर आ गया। वहीं, मुकेश बोरा की पत्नी भी पति को भगवान साबित करने की मंशा के साथ सड़क पर निकली।
हालाकि ये भी एक सच है कि मुकेश बोरा की दबंगई से खुद भाजपा के लोग ही लंबे समय से परेशान थे। ऐसे में आज उन्हें मुकेश बोरा के खिलाफ खुंदक निकालने का मौका भी मिल गया।
बात अगर मुकेश बोरा के सार्वजनिक जीवन के कारनामों की करें तो आप इसकी कलंक कथा को पढ़ते पढ़ते थक जाएंगे। ओखलकांडा क्षेत्र का कोई भी व्यक्ति आपके पहचान का हो तो वो आपको मुकेश बोरा की सड़कछाप दबंगई और लालकुआं को कोई भी व्यक्ति मुकेश बोरा के दुग्ध संघ के भ्रष्ट्राचार और दूसरे कारनामों के बारे में आसानी से बता देगा।
साढ़े पांच साल में नैनीताल दुग्ध संघ के कार्यकाल में मुकेश बोरा समेत अन्य अधिकारियों पर कई आरोप लगे। शिकायतकर्ता भुवन पोखरिया को अपनी शिकायत पर कार्रवाई के लिए कोर्ट तक जाना पड़ा था। इसके बाद भी दोषियों में कार्रवाई होना तो दूर जांच भी पूरी नहीं हुई।
नैनीताल दुग्ध संघ में लाखों रुपए का पश्मीना रजाई और कंबल घोटाला हुआ। पहले तो इस मामले की जांच में लापरवाही बरती गई और जब कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत की जांच में आरोप सही पाए गए तो तक शासन के निर्देश पर दोबारा जांच शुरू हुई लेकिन सत्ता के करीबी मुकेश बोरा के खिलाफ होने वाली जांच को जबरन लटकाया गया। 15 दिन में जांच अधिकारी को रिपोर्ट देने के लिए कहा गया था लेकिन दो सितंबर तक रिपोर्ट नहीं मिली।
अब मुकेश बोरा का कांड सामने आने और उसे यूसीडीएफ के प्रशासक पद से हटाने के बाद डेयरी विकास विभाग के निदेशक संजय खेतवाल ने इस मामले में जांच अधिकारी को दोबारा रिमांइडर भेजा है।
शनिवार को पीड़ित महिला लालकुआं से हल्द्वानी तक न्याय की आस में भटकती रही। हल्द्वानी कोतवाली में बैठे पुलिस के अधिकारियों ने पीड़ित महिला को लालकुआं क्षेत्र का मामला कहकर वापस लालकुआं कोतवाली भेज दिया। एक बार के लिए आरोपी का नाम नैनीताल-लालकुआं दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ के अध्यक्ष मुकेश बोरा सुनकर पुलिस भी सकते में आ गई थी।
जिसके बाद पीड़ित महिला ने लालकुआं कोतवाली पहुंचकर नैनीताल-लालकुआं दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ के अध्यक्ष मुकेश बोरा की घटिया करतूत की पोल पट्टी लिखित में खोल दी।
पीड़ित महिला ने पुलिस को बताया कि उसके पति के निधन के बाद वह भाजपा नेता और नैनीताल-लालकुआं दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ के अध्यक्ष मुकेश बोरा के पास नौकरी की आस में गई थी। मुकेश बोरा ने उसे आउटसोर्स के माध्यम से नौकरी पर रखवा भी दिया।
कुछ समय बाद मुकेश बोरा ने उसे अपने आफिस में बुलाकर कहा कि वह उसे नियमित नौकरी दिलवाने की सोच रहा है। इस बीच बोरा ने उसका फोन नंबर भी ले लिया।
पीड़िता ने पुलिस को बताया कि मुकेश बोरा ने उसे नौकरी में नियमित करने के लिए काठगोदाम नरीमन चौराहा के पास के होटल में बुलाया। जब वह होटल पहुंची तो होटल में सिर्फ मुकेश बोरा ही था। इस दौरान मुकेश बोरा ने नियमित नौकरी दिलाने का भरोसा देकर उसके साथ जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाए।
इतना ही नहीं यह बात किसी को बताने पर नौकरी से निकालने की धमकी भी दी।
पीड़ित महिला ने पुलिस को बताया कि तब नौकरी जाने और लोकलाज के कारण वह चुप रही। इसके बाद भी मुकेश बोरा ने उसे अपने कार्यालय में बुलाकर गलत जगह छुआं और धमकी दी कि उसके पास उसकी होटल वाली अश्लील फोटो और वीडियो हैं। इसलिए कहीं मुंह मत खोलना।
इतना ही नहीं, वीडियो वायरल करने के नाम पर मुकेश बोरा ने कई बार जबरन शारीरिक संबंध बनाए।
पीड़िता ने पुलिस को बताया कि जब उसने विरोध किया तो मुकेश बोरा ने अपने ड्राइवर के माध्यम से उसे जान से मारने की धमकी दिलवाई। पीड़िता ने ड्राइवर की ओर से दी गई धमकी की वाट्सएप चैट भी पुलिस को सौंपी है।
इधर, लोग कह रहे हैं कि यह वही भाजपा है जो बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा देती है लेकिन आज बीजेपी नेताओं से ही बेटी बचाने को जरूरत है। नैनीताल-लालकुआं दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ के अध्यक्ष मुकेश बोरा की करतूत सामने आने के बाद खुन्नस खाए भाजपाइयों के साथ कांग्रेस को भी बैठे बिठाए धामी सरकार को घेरने का मौका मिल गया है।