नैनीताल पुलिस की अंधेरगर्दी से वरिष्ठ अधिवक्ता इस्तीफा देने को हुए मजबूर, पत्र में बयां किया दर्द

खबर शेयर करें -

नैनीताल, प्रेस 15 न्यूज। नैनीताल पुलिस की काहिली के चलते उत्तराखंड के काबिल वरिष्ठ अधिवक्ता को अपनी जिम्मेदारियों से इस्तीफा देने को मजबूर होना पड़ा है।

उत्तराखंड हाईकोर्ट में पिछले 20 सालों से जिला पंचायत के अधिवक्ता की जिम्मेदारी बखूबी निभा रहे रवींद्र सिंह बिष्ट ने सोमवार शाम दुखी मन से इस्तीफा दे दिया। अपने इस्तीफे में उन्होंने जिला पंचायत सदस्यों के अपहरण के दौरान नैनीताल पुलिस की चुप्पी और नाकामी का जिक्र भी किया है।

Ad

14 अगस्त को हुए अपहरण कांड से दुखी वरिष्ठ अधिवक्ता रवींद्र सिंह बिष्ट ने नैनीताल पुलिस की काहिली के चलते हाईकोर्ट में जिला पंचायत की तरफ से केस लड़ने में असमर्थता जताई।

मंगलवार यानि 19 अगस्त को जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष चुनाव और अपहरण मामले में सुनवाई होनी है। ऐसे में जिला पंचायत के वरिष्ठ अधिवक्ता रवींद्र सिंह बिष्ट के इस्तीफे ने हलचल मचा दी है।

अपने इस्तीफे में अधिवक्ता रवींद्र सिंह बिष्ट ने लिखा है कि 14 अगस्त को चुनाव के दिन पुलिस के सामने सदस्यों को हथियारबंद बदमाश उठा ले गए लेकिन पुलिस खामोश तमाशबीन बनी रही।

अधिवक्ता रवींद्र सिंह बिष्ट ने डीएम और जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी को इस्तीफा भेज दिया है। बताते चलें कि मामले की सुनवाई के दौरान 14 अगस्त और 18 अगस्त को मुख्य न्यायाधीश भी एसएसपी प्रहलाद नारायण मीणा को कड़ी फटकार लगा चुके हैं।

पूरे मामले में पुलिस की लापरवाही और अपराधियों को बचाने की मंशा उजागर होने पर मुख्य न्यायाधीश ने एसएसपी के तत्काल ट्रांसफर की बात भी कही। सोमवार को मुख्य न्यायाधीश की फटकार के बाद एसएसपी ने 24 घंटे में अपहरण में शामिल सभी आरोपियों की गिरफ्तारी की बात कही। अब सबकी नजर कल यानी मंगलवार 19 अगस्त को होने वाली सुनवाई पर टिकी है।

बताते चलें कि गुरुवार 14 अगस्त को हुए जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनाव के दौरान पुलिस की मौजूदगी में मतदान स्थल से कुछ ही दूरी पर कांग्रेस सदस्यों डिकर सिंह मेवाड़ी, प्रमोद कोटलिया, तरुण कुमार शर्मा, दीप सिंह बिष्ट और विपिन सिंह जंतवाल को रेनकोट पहने हथियारबंद लोगों ने जबरन उठा लिया था। इस घटना ने अपराधियों के साथ पुलिस की मिलीभगत को बेनकाब किया था।

घटना के बाद कांग्रेस ने चुनाव बहिष्कार का ऐलान कर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। हाईकोर्ट में सुनवाई के बाद तल्लीताल पुलिस ने एसआई सतीश उपाध्याय की तहरीर पर अज्ञात आरोपियों के खिलाफ अपहरण और अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था।

देर रात कांग्रेस परपुष्पा नेगी, सदस्य जीशांत कुमार, सदस्य प्रमोद कोटलिया के भाई विनोद कोटलिया और डिकर मेवाड़ी के साले आशीष गौनिया की ओर से अलग-अलग तहरीरें देकर भाजपा से जुड़े कार्यकर्ताओं और अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया।

एसओ रमेश सिंह बोरा के अनुसार, इस सिलसिले में आरोपियों आनंद सिंह दर्मवाल, शंकर कोरंगा, प्रताप बिष्ट, चतुर बोरा, प्रमोद बोरा, प्रखर साह, बीबी भाकुनी, विशाल नेगी, पंकज नेगी, शुभम दर्मवाल, कोमल दर्मवाल सहित 10 से 15 अज्ञात लोगों के खिलाफ बीएनएस की धारा 191(2), 140(3), 115(2), 352, 351(3), 74, 62 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

वहीं भाजपा की ओर से इस पूरी वारदात का ठीकरा कांग्रेस पर फोड़ा गया। कांग्रेस प्रत्याशी दीपा देवी की शिकायत पर नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्या, उपनेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी, विधायक सुमित हृदयेश, पूर्व विधायक संजीव आर्या के खिलाफ तहरीर दी गई थी।

भाजपा प्रत्याशी दीपा देवी दर्मवाल ने 14 अगस्त को तल्लीताल थाने में दी शिकायत में बताया था कि उनके चार समर्थक जिला पंचायत सदस्य मतदान के लिए पहुंचे थे, तभी कांग्रेस नेताओं और कुछ अज्ञात लोगों ने उनके समर्थकों से मारपीट की और उन्हें जबरन उठाने का प्रयास किया। पर पुलिस ने शनिवार को नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, हल्द्वानी विधायक सुमित हृदयेश, विधायक भुवन कापड़ी और पूर्व विधायक संजीव आर्य के खिलाफ भी केस दर्ज किया। इन पर मारपीट और अपहरण का आरोप है।

हालाकि एक सच ये भी है कि नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्या के फेसबुक लाइव वीडियो में सिर्फ और सिर्फ रेनकोट पहने बदमाश और भाजपा नेता ही भागते नजर आ रहे हैं।

यही वजह है कि अब माननीय हाईकोर्ट की फटकार के बाद नैनीताल के एसएसपी ने 19 अगस्त को सभी आरोपियों को गिरफ्तार करने की हामी भरी है। अब देखना होगा हाईकोर्ट में की अपने बयान पर एसएसपी कितना खरा उतरते हैं, इस पर न केवल नैनीताल जिले बल्कि उत्तराखंड भर के लोगों की निगाहें टिकी हैं।

What’s your Reaction?
+1
1
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
Ad

संजय पाठक

संपादक - प्रेस 15 न्यूज | अन्याय के विरुद्ध, सच के संग हूं... हां मैं एक पत्रकार हूं

सम्बंधित खबरें