हल्द्वानी में SDM के ताबड़तोड़ छापे, किसी की धज्जियां किसी पर पर्दा !

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हल्द्वानी, प्रेस 15 न्यूज। कोई पूछे कि इन दिनों हल्द्वानी शहर में क्या चल रहा है तो जवाब होगा नवनियुक्त एसडीएम की अगुवाई में ताबड़तोड़ छापे… छापे भी ऐसे ऐसे की मीडिया भी छापने और दिखाने को मजबूर है। इतना ही नहीं इन छापों से शहर की आम जनता भी बहुत खुश है।

हो भी क्यों ना, अचानक शहर में अवैध शराब बिक्री से लेकर गंदगी और मिलावट वाली जलेबी, समोसा, कोल्ड ड्रिंक, आइसक्रीम, जूस जो पकड़ा जा रहा है।

ये सारे काले कारोबार न जाने कब से हल्द्वानी शहर में चल रहे थे लेकिन नवनियुक्त एसडीएम साहब के इन्हें पर्दाफाश करने और सबक सिखाने की हिम्मत दिखा ही दी। फिर चाहे लक्ष्मी सिनेमा के बगल वाली जायसवाल स्वीट्स की तीन दुकानें हों या फिर माहेश्वरी चाट भंडार का कोकरोच और फफूंद वाला चिली सॉस या फिर मेरठ के मोहम्मद राशिद का केमिकल वाला बच्चों के खाने वाला जूस और आइसक्रीम…

आरोपियों के नाम पता लगने से हल्द्वानी की जनता भी बहुत खुश हुई। खुश इसलिए ताकि वो भविष्य में गंदगीबाजों और केमिकल खिलाकर बीमार बनाने वालों से सतर्क रहे।

हालाकि एक सच ये भी है कि छापे के कुछ दिन बाद ये सभी गंदगीबाज और मिलावटखोर अपना शटर उठाकर धंधा शुरू कर कर रहे हैं। अब ये ऐसा चमत्कार कैसे कर रहे हैं, ये तो ये भगवान जाने।

हल्द्वानी में एक पखवाड़े से एसडीएम की अगुवाई वाली इस लाइट, कैमरा, एक्शन वाली कार्रवाई में कई बार आरोपियों के नाम सार्वजनिक नहीं हुए, यही शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है।

अब देखिए ना सोमवार यानि 29 अप्रैल को शाम करीब 6:30 एसडीएम राहुल शाह के नेतृत्व में एक बार फिर सरकारी अमला रोडवेज बस अड्डे से ऊपर तिकोनिया की तरफ बढ़ा। गुटका, पान मसाला की दुकानों की चेकिंग के बाद आगे जब एसडीएम टीम के साथ मशहूर नॉनवेज रेस्टोरेंट शमा में पहुंचे तो यहां कई खामियां मिली।

शमा रेस्टोरेंट में एक्सपायरी सॉस के डिब्बे और गंदगी बेहिसाब मिली। लेकिन शमा रेस्टोरेंट का नाम सार्वजनिक नहीं किया गया। इससे आगे बालाजी मिठाई की दुकान में गंदगी मिलने पर सैंपल भरा गया।

मजे की बात थी कि जैसे जैसे एसडीएम के छापे के खबर बाजार में दौड़ी तो एक के बाद एक खाने पीने के रेस्टोरेंट का शटर डाउन होने लगा। यानि साफ था कि ये सभी रेस्टोरेंट कहीं न कहीं मानकों में फिट नहीं थे। ऐसे में इन्होंने शटर गिराने में ही भलाई समझी।

जैसे ही एसडीएम राहुल शाह प्रेम सिनेमा के पास व्यापार मंडल के अध्यक्ष योगेश शर्मा के गुरु कृपा रेस्टोरेंट के पास पहुंचे तो यहां उनकी नजर रेस्टोरेंट के सड़क तक किए अतिक्रमण पर पड़ी। चिकन का कॉर्नर सड़क पर लगा मिला। जब अंदर देखा तो रेस्टोरेंट के एक फ्रिज में वेज और नॉनवेज दोनों खाना एक साथ ठूंसा मिला।

इतना ही नहीं रेस्टोरेंट के अंदर तीन घरेलू गैस सिलिंडर मिले जिनका व्यावसायिक उपयोग करने की मंशा से रखे थे।

जब एसडीएम ने व्यापार मंडल के अध्यक्ष योगेश शर्मा से फूड लाइसेंस दिखाने को कहा तो जवाब आया अप्लाई किया है। कुल मिलाकर व्यापार मंडल के अध्यक्ष के रेस्टोरेंट में कई खामियां मिली लेकिन उनका नाम सार्वजनिक नहीं किया गया।

अब ऐसा क्यों किया गया इसका जवाब तो एसडीएम साहब ही दे सकते हैं। लेकिन इस तरह खाने पीने के रेस्टोरेंट, गोदाम में गंदगीबाज और मिलावटखोर किसी व्यापारी का नाम सार्वजनिक करना और किसी का न करना, कही न कहीं जनता के मन में सवाल तो खड़े कर ही रहा है।

जनता कह रही है कि नियम सबके लिए एक होने चाहिए फिर चाहे वो नामी गिरामी व्यक्ति का व्यापारिक प्रतिष्ठान हो या फिर मेरठ का मोहम्मद राशिद या कोई और गुमनाम व्यापारी…

यहां साफ करते चलें कि हमारा व्यापार मंडल के अध्यक्ष योगेश शर्मा और शमा रेस्टोरेंट के मालिक से कोई बैर नहीं है। दोनों ही खानदानी नामी कारोबारी हैं। केवल और केवल सरकारी छापे के मिजाज को उजागर करने के लिए यह खबर लिखी गई है। जहां गुमनाम दोषी के लिए कुछ और नामी दोषी के लिए कुछ होता है।

यही वजह भी है कि आज हर आम नागरिक के मन में सरकारी सिस्टम लेकर सवाल उठते हैं कि आप कुछ भी कर लो अगर सेटिंग में माहिर हो तो गुनाह माफ हैं।

लेकिन आप ही बताइए देश में माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार है जो कई बार सख्त अंदाज में कह चुके हैं कि न खाऊंगा न खाने दूंगा। वहीं राज्य के लोकप्रिय मुखिया माननीय पुष्कर सिंह धामी भी भ्रष्ट्राचार पर सख्त लहजे में कह चुके हैं कि उत्तराखंड में डबल इंजन की सरकार है ऐसे में जीरो टॉलरेंस की सरकार में छोटी सी गलती भी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

सवाल तो हल्द्वानी की जनता खाद्य सुरक्षा विभाग के उन जिम्मेदारों से भी पूछ रही है जो सालों से हल्द्वानी और जिले में काबिज हैं लेकिन उनकी नजर कभी खाने पीने के नाम पर गंदगी और जानलेवा मिलावट परोसने वालों पर टेढ़ी हुई ही नहीं।

होली, दिवाली न होती तो शायद हल्द्वानी के लोगों को खाद्य सुरक्षा विभाग और यहां जमे अधिकारियों का भी पता न होता। साल भर केवल और केवल खानापूर्ति की कार्रवाई के खाद्य सुरक्षा विभाग के जिम्मेदारों ने कुछ नहीं किया शायद यही वजह है कि हल्द्वानी शहर समेत जिलेभर में खाने पीने के नाम पर जहर बेचने वालों के हौसले बुलंद हैं।

अब वो प्रेस नोट भी पढ़िए जो एसडीएम समेत तमाम अधिकारियों के छापे के बाद जारी किया गया। इसमें आपको एक भी गंदगीबाज और मानकों को ताक पर रखने वाले बिजनेसमैन का नाम नहीं मिलेगा। लेकिन छापा मारने वाले अधिकारियों के नाम जरूर मिलेंगे।

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खाद्य सुरक्षा अभियान के तहत संयुक्त निरीक्षण

स्थान: हल्द्वानी

आज दिनांक 29 अप्रैल, 2025 को प्रशासन, नगर पनिगम एवं खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा हल्द्वानी बस स्टैंड के आस पास संयुक्त चेकिंग अभियान किया गया।

निरीक्षण के दौरान स्थानीय बाजार में रेस्टोरेंट, मिठाई की दुकानें, किराना स्टोर आदि का गहन परीक्षण किया गया।

निरीक्षण के दौरान खाद्य सामग्री के मानक की जाँच, साफ-सफाई एवं स्वच्छता की स्थिति का अवलोकन, लाइसेंस एवं रजिस्ट्रेशन की जाँच एवं अवैध खाद्य पदार्थों के विक्रय पर रोक लगाए जाने हेतु संयुक्त अभियान चलाया गया।

निरीक्षण के दौरान खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा Food Safety and Standards Act, 2006 (FSS Act) के क्रम में expiry item में 01, गंदगी में 01, बिना लाइसेंस पंजीकृत रेस्टोरेंट 02 एवं इम्प्रूवमेंट नोटिस 02 निर्गत करते हुए मुकदमा न्यायालय को प्रेषित किया।

नगर निगम द्वारा कुल 08 चालान करते हुए ₹9100 की धनराशि का चालान किया।

मौके पर नगर आयुक्त नगर निगम ऋचा सिंह, उपजिलाधिकारी राहुल शाह, DO खाद्य सुरक्षा संजय सिंह, कुलदीप पाण्डे तहसीलदार लालकुआं, खाद्य सुरक्षा अधिकारी कैलाश टम्टा, SNA नगर निगम गणेश भट्ट, आदि उपस्थित रहे।

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संजय पाठक

संपादक - प्रेस 15 न्यूज | अन्याय के विरुद्ध, सच के संग हूं... हां मैं एक पत्रकार हूं

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