उत्तराखंड का सबसे बड़ा घोटाला खोलने वाले हल्द्वानी के विक्की खान को सलाम, उनकी याचिका पर हाईकोर्ट ने CBI से पूछा ये सवाल

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हल्द्वानी, प्रेस 15 न्यूज। कोई आपसे पूछे कि लंबे समय से उत्तराखंड में क्या चल रहा है तो जवाब होगा सरकारी बजट को ठिकाने लगाने का खेल…

अगर आप जागरूक हैं और सामाजिक जीवन में सक्रिय रहते हैं तो आप ऐसे कई वाकए जानते होंगे जिनमें अधिकारियों और सफेदपोशों की शह में सरकारी योजनाओं में बंदरबांट हुई और कार्रवाई के नाम पर ढेला

यह भी देखें : उत्तराखंड में कौशल विकास योजना के नाम पर करोड़ों का महाघोटाला! सुनिए पोल खोलने वाले हल्द्वानी के जांबाज विक्की खान को Exclusive (वीडियो) 

नोट: उत्तराखंड में कोरोना काल के दौरान कौशल विकास योजना का महाघोटाला सामने लाने वाले हल्द्वानी के जांबाज विक्की खान से Press 15 News की एक्सक्लूसिव बातचीत का यूट्यूब विडियो साजिश के तहत रातों रात डिलीट करवा दिया गया। जो साफ इशारा करता है कि तीर निशाने पर लगा। यूट्यूब वीडियो को डिलीट करवाने में घोटाले में शामिल लोगों ने जी जान लगा दी। लेकिन Press 15 News के फेसबुक पेज पर यह खुलासा आज भी जीवित है।

लेकिन समाज में आज भी कई ऐसे जुनूनी हैं जो लगातार जनता से जुड़ी सरकारी योजनाओं में भ्रष्ट्राचार को बेपर्दा करने में जी जान से जुटे रहते हैं। इस काम को करने के बाद उन्हें जानमाल का खतरा भी बना रहता है लेकिन बावजूद इसके वो डटे रहते हैं।

हल्द्वानी में भी एक ऐसे ही जुनूनी समाजसेवक हैं विक्की खान… जिन्होंने उत्तराखंड में कौशल विकास योजना के नाम पर करोड़ों के घोटाले को बेनकाब किया।

विक्की खान ने आरटीआई के जरिए सचिवालय में बैठे अधिकारियों और प्रदेश के बाहर के एनजीओ की ऐसी साठगांठ को जनता के सामने रखा जिसमें प्रदेश के लाखों युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ हुआ।

अफसोस यह कि आरटीआई में कौशल विकास योजना का महाघोटाला सामने आने के बाद भी सरकार हरकत में नहीं आई। यही वजह है कि विक्की खान ने पूरे मामले को माननीय हाईकोर्ट में रखा।

हाईकोर्ट ने कौशल विकास योजना के तहत कोरोना काल में हुए 131 करोड़ की वित्तीय अनियमितता के मामले में दायर जनहित याचिका पर मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ के समक्ष मामले सुनवाई की।

इस दौरान हाईकोर्ट ने सीबीआई से मौखिक तौर पर पूछा कि क्या इस मामले की सीबीआई जांच कराई जा सकती है? कोर्ट ने सीबीआई से स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा है।

याचिकाकर्ता विक्की खान ने केंद्र सरकार, उत्तराखंड सरकार सहित निदेशक कौशल विकास, सचिव कौशल विकास, नोडल अधिकारी कौशल विकास को पक्षकार बनाया है। हाईकोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 30 जुलाई को होगी।

इससे पहले हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को इस मामले के सभी रिकॉर्ड उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे, जबकि याचिकाकर्ता से मामले में शामिल निजी कंपनियों और एनजीओ को पक्षकार बनाने के लिए कहा था।

हल्द्वानी आवास विकास कॉलोनी निवासी विक्की खान ने हाईकोर्ट में जनहित दायर कर कहा था कि उत्तराखंड में केंद्र सरकार के कौशल विकास योजना में कोविड महामारी के दौरान भारी गड़बड़ी की गई है।

उन्होंने याचिका में कहा कि कोरोना काल के दौरान सभी प्रकार की गतिविधियों पर रोक लगी थी, लेकिन इस अवधि में कौशल विकास प्रशिक्षण के नाम पर करीब 131 करोड़ की धनराशि ठिकाने लगा दी गई। जबकि राज्य सरकार ने दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।

याचिकाकर्ता विक्की खान ने बताया कि सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने सरकार को सख्त फटकार लगाई है। जिसके बाद सरकार ने कोर्ट से वक्त मांग लिया। कौशल विकास प्रशिक्षण योजना के नाम पर कई अनियमितताएं की गईं। मामले में सचिवालय के अधिकारी समेत करीब 27 एनजीओ शामिल हैं।

विक्की खान ने बताया कि कोरोना काल में प्रदेश के 55 हजार छात्रों को प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रतिभाग कराकर उन्हें नौकरी तक आवंटित कर दी गई। कोर्स के नाम पर ऐसे युवाओं के नाम पर धन दिया गया जो स्वर्ग सिधार चुके हैं या 18 साल से कम उम्र के हैं और पूरी तरह से अपने माता पिता पर निर्भर हैं।

कौशल विकास योजना में जिन छात्रों के आधारकार्ड लगाए गए हैं वे पूरी तरह फर्जी हैं। जबकि कोरोना काल में प्रशिक्षण बंद था। जनहित याचिका में मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की गई है।

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संजय पाठक

संपादक - प्रेस 15 न्यूज | अन्याय के विरुद्ध, सच के संग हूं... हां मैं एक पत्रकार हूं

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