हल्द्वानी, प्रेस 15 न्यूज। एक बार फिर पहाड़ की मातृशक्ति ने अपनी प्रबल इच्छाशक्ति और लगन के दम पर देश दुनिया में उत्तराखंड का नाम रौशन किया है। सोनी टीवी पर प्रसारित ‘शार्क टैंक इंडिया’ कार्यक्रम में पहाड़ की हिम्मती मातृशक्ति शशि बहुगुणा रतूड़ी और उनके बेटे सुवेंदु की धूम से हर उत्तराखंडी गर्व कर रहा है।
जो नमक उत्तराखंड के हर पहाड़ी के घर पर सिलबट्टे में पीसकर तैयार होता है, आज उसी नमक के दीवाने देश दुनिया के लोग हैं। लोगों को पहाड़ी नमक का दीवाना बनाने में पहाड़ की मातृशक्ति ‘ नमकवाली’ शशि बहुगुणा रतूड़ी का बड़ा योगदान है।
मूल रूप से टिहरी-गढ़वाल निवासी शशि बहुगुणा रतूड़ी ने छोटी उम्र से ही सामाजिक कार्यों की शुरुवात कर दी थी। गांव की महिलाएं जब खेतीबाड़ी के काम से घर से बाहर जाती थी तब पीछे नौनिहाल घर पर ही रहते थे। ऐसे में शशि ने गांव के नौनिहालों के लिए पाठशाला की शुरुआत की। शशि ने अपने मौसा जी के साथ एक सामाजिक संगठन से जुड़कर पर्यावरण, नारी-सशक्तिकरण के क्षेत्र में भी काम किया।
साल 1982 में महिला नवजागरण समिति की शुरुआत की थी। इस समिति के माध्यम से शशि रतूड़ी ने खासतौर पर पहाड़ की संस्कृति और कलाओं को सहेजने के साथ ही रोजगार के अवसर भी बढ़ाए।
इसी क्रम में शशि बहुगुणा रतूड़ी ने पहाड़ के नमक को देश दुनिया तक पहुंचाने और पहाड़ की महिलाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए ‘नमकवाली’ ब्रांड की शुरुआत की। दो महिलाओं से शुरू हुआ शशि रतूड़ी का सफर आज 10 से 12 महिलाओं के समूहों तक पहुंच गया है। शशि की हिम्मती महिलाएं लंबे समय से पहाड़ पर प्राकृतिक रूप से बनते नमक को तैयार कर रही हैं। जिसे पहाड़ी भाषा में पिसी लूण कहते हैं। आज इस नमक के दीवाने दिल्ली, मुंबई जैसे शहरों के अलावा अमेरिका, दुबई, कनाडा जैसे देशों में भी हैं।
‘ नमकवाली’ का यह खास नमक सिलबट्टे पर पीसकर तैयार किया जाता है। आर्डर के अनुसार 50 ग्राम, 100 ग्राम, 200 ग्राम के पैकेट्स में पैक कर पहाड़ी नमक लोगों तक पहुंचाया जाता है। इस नमक की पैकेजिंग, कूरियर और मार्केटिंग की जिम्मेदारी महिला नवजागरण समिति की है।
आज शशि अपने बेटे सुवेंदु के साथ मिलकर देश दुनिया में उत्तराखंड का नाम तो रौशन कर ही रही हैं साथ ही खुद के साथ साथ कई महिलाओं के परिवारों की भी आजीविका को आगे बढ़ा रही हैं।
देखें उत्तराखंड की ‘ नमकवाली’ का कमाल (वीडियो साभार- शार्क टैंक इंडिया)