हल्द्वानी, प्रेस 15 न्यूज। दिल्ली कोचिंग हादसे में तीन युवाओं की जान जाने के बाद नैनीताल जिला प्रशासन के अधिकारियों की नींद भी टूटी है।
जिसका असर हुआ कि अब हल्द्वानी में प्रशासन के अधिकारियों को नियम कायदों को ताक पर रखने वाले कोचिंग सेंटर के खिलाफ सड़क पर उतरना पड़ा है। एक बार फिर साफ हो गया कि हमारा सिस्टम हमेशा हादसे के बाद ही जागता है।
कोचिंग एवं स्टडी सेंटरों की जांच के लिए बनाई गई कमेटी ने गुरुवार शाम हल्द्वानी शहर के नैनीताल रोड स्थित दुर्गा सिटी सेंटर, महिला डिग्री कॉलेज के पास, मुखानी कालाढूंगी रोड, देवलचौड़ में बेसमेंट में चलाये जा रहे कोचिंग संस्थानों का रुख किया। इस दौरान भारी गड़बड़ी पाई जाने पर छह कोचिंग सेंटरों को मौके पर ही सील किया गया जबकि 10 को नोटिस दिए गए है।
सोचिए ये 16 कोचिंग सेंटर कैसे बेखौफ होकर कुमाऊं के मुख्य शहर हल्द्वानी में लंबे समय से धंधा चला रहे थे। इनकी अंधेरगर्दी को देखने वाला कोई नहीं। इन सभी कोचिंगों में सुरक्षात्मक उपाय, अग्निशमन यंत्र, प्रवेश एवं निकास की पर्याप्त व्यवस्था, आकस्मिक स्थिति से निपटने की व्यवस्था समेत भवन निर्माण की विधिवत अनुमति के मानकों को ताक पर रखा गया था।
इन्हीं कोचिंग सेंटरों में कुमाऊं के विभिन्न गांव पहाड़ से न जाने कितने भोले भाले युवा ट्रेनिंग और फिर नौकरी की आस में आते होंगे और ये कैसे उन्हें चूना लगाते होंगे, इस खेल को भी समझा जा सकता है।
विश्वस्त सूत्रों की मानें तो खबर तो यहां तक है कि कुछ नामी कोचिंग सेंटरों के खेवनहारों के सिफारशी फोन हल्द्वानी से देहरादून तक गूंजने लगे हैं ताकि उनके अंधेरगर्दी वाले साम्राज्य में नोटिस या सील का ग्रहण न लग जाए।
दिल्ली के उन तीन युवाओं की आत्मा को परमपिता परमात्मा शांति दें और परिजनों को इस असीम दुख को सहन करने की शक्ति… जिन्होंने अपनी जान खोकर उत्तराखंड शासन और हल्द्वानी के जिम्मेदार अधिकारियों को उनकी ड्यूटी का एहसास कराया।
बताते चलें कि राज्य में संचालित समस्त कोचिंग संस्थानों की जनपदवार जांच समिति में उपाध्यक्ष, विकास प्राधिकरण को अध्यक्ष और नगर आयुक्त/अधिशासी अधिकारी, जिला अधिकारी द्वारा नामित अधिकारी, जिला अग्निशमन अधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक द्वारा नामित अधिकारी को सदस्य बनाया गया है।
जांच समिति को अपर सचिव अतर सिंह की ओर से दो हफ्ते में कोचिंग सेटरों की रिपोर्ट आवास विभाग को उपलब्ध कराने के निर्देश मिले हैं।
निरीक्षण करने वाले अधिकारियों में नगर आयुक्त विशाल मिश्रा, सचिव जिला विकास प्राधिकरण विजय नाथ शुक्ल, सिटी मजिस्ट्रेट एपी बाजपेई, एडिशनल एसपी प्रकाश आर्य, मुख्य अग्निशमन अधिकारी गौरव किरार और पुलिस टीम मौजूद रही।