सारा ठीकरा बारिश पर फोड़िए! गौला और काठगोदाम पुल के नीचे घोड़ा खच्चर गिरोह पर आंखें मूंदिए 

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हल्द्वानी, प्रेस 15 न्यूज। ये सही है कि बीते तीन दिन से मूसलाधार बारिश हो रही है। पहाड़ से लेकर मैदान तक जनजीवन अस्तव्यस्त है। प्रकृति के आगे किसी का वश भी तो नहीं चलता। ठीक वैसे ही जैसे हल्द्वानी और नैनीताल जिले में बेलगाम इंसानी करतूतों के आगे हमारे सिस्टम का वश नहीं चलता।

बुधवार 11 सितंबर से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश से गौला नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बढ़ गया है। पानी के बढ़ने से पुल को भी खतरा है।

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गौला नदी के बढ़ते जलस्तर के कारण हल्द्वानी और काठगोदाम गौला पुल को सावधानी के तौर पर यातायात के लिए अस्थाई रूप से बंद किया गया है।

शुक्रवार को देर शाम डीएम वंदना सिंह ने काठगोदाम और हल्द्वानी गौला पुल का निरीक्षण किया। लेकिन सच मानिए जैसे आज देर शाम डीएम अपने अधीनस्थ अधिकारियों के साथ गौला पुल पर पहुंची, वैसे ही कभी और भी निरीक्षण को आती तो…

अगर डीएम आती तो वो देखती कैसे गौला के किनारे रहने वालों ने गौला पुल की जड़ों को खोद दिया है। जिस पुल के नीचे पिलर के आसपास खनन प्रतिबंधित है, कैसे घोड़ा खच्चर की मदद से उसे खोखला कर दिया गया है। यह कोई एक दिन का काम नहीं है। सालों से यह खुली अंधेरगर्दी वन निगम के सचल दल के नाक के नीचे चल रही है। लेकिन जो मजाल कभी खनन माफिया को सबक सिखाया गया हो। या पुल हिफाजत के लिए संजीदा हुए हों।

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ये बात सही है कि गौला नदी का बहाव तेज है लेकिन साहब तभी तो करोड़ों की लागत से यह पुल बनाया गया है। वरना गौलापार, चोरगलिया, सितारगंज, नानकमत्ता वाले लोग मिलकर लकड़ी का पुल बना लेते। जब भारी बारिश में आप काठगोदाम और गौला पुल को यूं बंद कर देंगे तो कैसे आम जनता सरकारी सिस्टम पर भरोसा करे।

आपने तो एक झटके में आदेश दे दिया कि गौला और काठगोदाम पुल सुरक्षित नही है और कोई इस पर नहीं गुजरेगा लेकिन सोचिए आम आदमी पर इसका क्या असर पड़ा होगा? रोजगार और स्वास्थ संबधी उपचार के लिए आने जाने वालों को कितनी परेशानी होगी? जब हल्द्वानी जैसे वीवीआईपी शहर का ये हाल है तो सोचिए नैनीताल जिले के दूरस्थ गांवों की बंद पड़ी सड़कों का तो भगवान ही मालिक है।

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गौला पुल और काठगोदाम पुल पर यातायात बंद करना कहीं न कहीं हल्द्वानी में बैठे उन तमाम जनप्रतिनिधियों के मुंह में भी तमाचा है जो खुद को जनता का बढ़ा हितेषी बताते नहीं थकते।

आज जब गौलापार की बड़ी आबादी अपने घर जाने के बजाय रास्ते में खड़ी सोच रही है कि कैसे अपने घर जाएं, तब सारे जनप्रतिनिधि घरों में दुबके हैं। कोई तो बताए आखिर क्यों गौला और काठगोदाम पुल तीन दिन की बारिश भी नहीं झेल सका?

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उधर, शेर नाला और सूर्या नाला पर सालों से एक अदद पुल की मांग कर रहे चोरगलिया और सितारगंज के लोगों को आज फिर घूमकर अपने घर जाने को विवश होना पड़ा। वैसे कहीं न कहीं इस अनदेखी के लिए क्षेत्र के वो लोग भी जिम्मेदार हैं जो चुनावों में बिकने तो तैयार रहते हैं।

सच मानिए नेताओं से उन्होंने कभी पुल मांगा ही नहीं। जो मांगा होता तो आज क्षेत्र के लोगों को यूं वाया रुद्रपुर, किच्छा से घूमकर हल्द्वानी या दूसरी जगहों पर नहीं जाना पड़ता। वैसे इन दोनों नालों में पुल नही बना अच्छा हो है वरना उनका हाल भी वैसा ही होता जैसा आज गौला और काठगोदाम पुल का हुआ है। यानी पुल होकर भी पुल से गुजर नहीं सकते।

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ऐसे में अगर कभी यह खबर आ जाए कि तेज बारिश के चलते गौला और काठगोदाम पुल गिरा, तो चौंकिएगा मत। क्योंकि पुल को बचाने के जैसे इंतजाम सरकारी सिस्टम में बैठे जिम्मेदारों ने पिछले कुछ सालों में किए हैं, उसमें पुल के गिरने पर कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए।

इस सवाल के जवाब में प्रशासनिक अधिकारी और नेता बहुत सारी बातें गिना देंगे कि पुल पर यातायात क्यों रोका गया लेकिन दोनों पुलों के आसपास सालों से देर रात और सुबह तड़के जो घोड़ा खच्चर गिरोह संचालित होता है, उस पर बोलने पर सब बगलें झांकने लगेंगे।

आज NHAI और रेलवे द्वारा गौला नदी के किनारे कराए गए सुरक्षा कार्यों को हो रही क्षति को देखते हुए डीएम वंदना ने गौला में पानी का जल स्तर कम होते ही आवश्यक स्थानों पर चैनलाइजेशन के कार्य करने के निर्देश पीड़ी एनएचएआई को दिए।

उन्होंने कहा कि गौलापुल चोरगलिया, सितारगंज, टनकपुर, नानकमत्ता का लिंक है। इसे सुरक्षित बनाए रखना विभाग की जिम्मेदारी है।

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सुरक्षा को देखते हुए डीएम ने पीड़ी एनएचएआई को निर्देश दिए हैं कि जैसे ही पानी कम होना शुरू हो, तत्काल मशीन लगाकर चैनलाजेशन का कार्य शुरू किया जाए। इसके लिए एसडीएम हल्द्वानी परितोष वर्मा को वन विभाग से समन्वय करने के निर्देश दिए।

जिलाधिकारी ने सभी अधिकारियों को अलर्ट रहने और आपदा राहत कार्य में रिस्पॉन्स टाइम को कम से कम रखने के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान सिटी मजिस्ट्रेट एपी बाजपेई, तहसीलदार सचिन कुमार मौजूद थे।

वहीं, गौला पुल पर यातायात ठप होने के बाद पुलिस ने भी आम जनता के लिए फौरन डायवर्टेड ट्रैफिक प्लान जारी कर दिया। यह डायवर्जन प्लान शुक्रवार शाम से अग्रिम आदेश तक प्रभावी रहेगा।

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पर्वतीय क्षेत्र से आने वाले एवं बनभूलपुरा स्थित गोला पुल होते हुए तीनपानी की ओर जाने वाले समस्त प्रकार के वाहन नारीमन तिराहा से डायवर्ट होकर कॉलटैक्स तिराहा से पनचक्की तिराहा होते हुए चंबलपुल से चौपला चौराहा होते हुए ऊंचा पुल तिराहा से अपने गंतव्य को जाएंगे।

तीनपानी तिराहा से बनभूलपूरा स्थित गोला पुल होते हुए पर्वतीय क्षेत्र को जाने वाले समस्त प्रकार के वाहन मोती नगर तिराहा / डिबेर कट तिराहा से डायवर्ट होकर गन्ना सेंटर/ शीतल होटल तिराहा होते हुए पंचायतघर से आरटीओ रोड होते हुए लालडॉट तिराहे से कॉल टैक्स तिराहा होते हुए अपने गंतव्य को जाएंगे।

सब्जी मंडी से पर्वतीय क्षेत्र को जाने वाले समस्त प्रकार के बड़े वाहन मंडी गेट द्वितीय से सतवाल पेट्रोल पंप तिराहा होते हुए टीपी नगर तिराहा से पंचायतघर तिराहा होते हुए आरटीओ रोड से लालडांट तिराहा होते हुए कॉलटैक्स तिराहा से अपने गंतव्य को जाएंगे।

चोरगलिया से हल्द्वानी,रुद्रपुर की ओर आने वाले समस्त प्रकार के वाहन कुंवरपुर -खेड़ा होते हुए काठगोदाम से अपने गंतव्य को जाएंगे।

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संजय पाठक

संपादक - प्रेस 15 न्यूज | अन्याय के विरुद्ध, सच के संग हूं... हां मैं एक पत्रकार हूं

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