

हल्द्वानी, प्रेस 15 न्यूज। राज्य स्तरीय जलागम परिषद उत्तराखंड के उपाध्यक्ष शंकर कोरंगा ने प्रेसवार्ता के माध्यम से अपनी प्राथमिकताओं को बताया। प्रदेश में हरियाली और जल संरक्षण को राज्यमंत्री शंकर कोरंगा ने “ग्रीन प्लान” बनाया है।
राज्यमंत्री शंकर कोरंगा ने कहा कि उपाध्यक्ष पद ग्रहण करते ही मेरी प्राथमिकता रही है कि जलागम कार्यों को केवल तकनीकी परियोजना न मानते हुए इसे जन आंदोलन और पर्यावरणीय-सांस्कृतिक अभियान के रूप में विकसित किया जाए।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड को हराभरा करना उनका सपना है। इस सपने को वो मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में पूरा करेंगे। शंकर कोरंगा ने कहा कि उत्तराखंड में बाज के अधिक से अधिक पेड़ हों, इस दिशा में वो काम करेंगे क्योंकि बाज ही वो पेड़ है जो हरियाली के साथ साथ जल संरक्षण में बड़ी भूमिका निभाता है।
उन्होंने कहा कि चार जिलों (चंपावत, खटीमा, केदारनाथ, हल्द्वानी) में पायलट मॉडल क्लस्टर जलागम योजना चलाई जाएगी। जल स्रोतों की वैज्ञानिक मैपिंग व संरक्षण हाइड्रोलॉजिकल डेटा व सैटेलाइट तकनीक का प्रयोग होगा। UCOST व अन्य तकनीकी संस्थाओं से गठजोड़ शोध आधारित निर्णय प्रणाली का लाभ लिया जाएगा।
राज्यमंत्री शंकर कोरंगा ने कहा कि प्रदेश में जल पंचायत मॉडल का क्रियान्वयन होगा। ग्रामीण समुदायों को स्वशासी जल प्रबंधन का अधिकार मिलेगा।
सीएसआर बाह्य निधियों की व्यवस्था युवाओं व महिलाओं की सहभागिता संसाधनों का अधिकतम उपयोग होगा। साथ ही इस लक्ष्य की प्राप्ति में स्कूली बच्चों, एनएनएस, एसएचजी की भूमिका को विस्तार मिलेगा। राज्य जल संवाद सम्मेलन उत्तराखंड जल मंथन 2025 का आयोजन किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि आज जब देश प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में एक राष्ट्र- एक सोच एक संकल्प की दिशा में आगे बढ़ रहा है, तब उत्तराखंड को जल, जंगल, जमीन और जन की रक्षा के लिए आगे आना होगा।
राज्यमंत्री शंकर कोरंगा ने कहा कि मैं इस पवित्र भूमि के लोगों से अपील करता हूं कि हर बूँद से जीवन, हर जल स्रोत से संस्कृति जुड़ी है इसे बचाना केवल सरकार का नहीं, हम सबका दायित्व है।
प्रेसवार्ता के माध्यम से राज्यमंत्री शंकर कोरंगा ने पहलगाम आतंकी हमले में शहीद हुए वीर जवानों और निर्दोष नागरिकों को श्रद्धांजलि दी।
उन्होंने कहा कि यह हमला भारत की अखंडता पर सीधा प्रहार था, और हमें गर्व है कि हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर निर्णायक नेतृत्व दिखाते हुए पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश दिया है कि भारत अब हर आघात का जवाब उसी तीव्रता से देगा।
उन्होंने कहा कि पिछले 11 वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने न केवल आर्थिक प्रगति की है, बल्कि राष्ट्रीय आत्मसम्मान, संवैधानिक सुधार और सामाजिक न्याय के क्षेत्र में भी ऐतिहासिक कार्य किए हैं।
अनुच्छेद 370 की समाप्ति (2019) के माध्यम से जम्मू-कश्मीर को शेष भारत से पूरी तरह जोड़ने का ऐतिहासिक कदम, जिसे दशकों से कोई सरकार साहसपूर्वक नहीं उठा सकी।
राम मंदिर निर्माण अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर का निर्माण भारत की आस्था और न्यायिक प्रक्रिया का संतुलन है।
तीन तलाक पर प्रतिबंध मुस्लिम महिलाओं को गरिमा और अधिकार दिलाने वाला ऐतिहासिक कानून साबित हुआ। नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) शरणार्थियों को सम्मानजनक नागरिकता प्रदान करने की पहल है।
इसके साथ ही डिजिटल इंडिया, स्टार्टअप इंडिया, आत्मनिर्भर भारत तकनीकी और आर्थिक आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ी क्रांति साबित हुई।
स्वच्छ भारत मिशन और जल जीवन मिशनः हर गांव तक नल से जल और स्वच्छता का संकल्प।
वन नेशन, वन राशन कार्ड और DBT आधारित कल्याण योजनाओं sसे रोड़ों गरीबों तक पारदर्शी सहायता पहुंचाने की व्यवस्था बनी।
G20 की अध्यक्षता और वैश्विक नेतृत्व ने भारत को विश्वमंच पर सम्मान का स्थान दिलाया। इन सारे कार्यों में भारत की सार्वभौमिकता, संवैधानिक मजबूती और सांस्कृतिक आत्मगौरव का समावेश है।
राज्य स्तरीय जलागम परिषद उत्तराखंड के उपाध्यक्ष शंकर कोरंगा ने कहा उत्तराखंड को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का निर्णायक नेतृत्व मिला है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड में विकास, पारदर्शिता और सुशासन को नई दिशा दी है। उनका प्रमुख ऐतिहासिक निर्णय समान नागरिक संहिता (UCC) रहा।
जिसके बाद उत्तराखंड देश का पहला राज्य बना जिसने संविधान के अनुच्छेद 44 के तहत एक समान नागरिक संहिता को लागू कर समाज में समानता, न्याय और आधुनिकता का संदेश दिया।
इसके साथ ही उत्तराखंड को सख्त भू-कानून भी मिला। भूमि की सुरक्षा और धोखाधड़ी रोकने हेतु पारदर्शी भू-राजस्व प्रणाली की स्थापना हुई। चारधाम मास्टर प्लान व रोपवे परियोजनाओं ने धार्मिक पर्यटन को विश्व स्तरीय बनाया।
साथ ही युवा नीति और मिशन रोजगार से युवाओं को सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता व स्टार्टअप्स को प्रोत्साहन मिल रहा है।
इसके साथ ही सीएम धामी के नेतृत्व में महिला सम्मान और सुरक्षा मजबूत बनी। महिला हेल्पलाइन, मातृ शक्ति सम्मान योजना, पिंक पेट्रोल जैसी पहलों से महिला सुरक्षा को प्राथमिकता मिली।
राज्य में सख्त भ्रष्टाचार विरोधी कार्यवाही ने जीरो टॉलरेंस नीति को जमीनी स्तर पर लागू किया।
राज्य मंत्री शंकर कोरंगा ने कहा कि इन कदमों से स्पष्ट है कि मुख्यमंत्री धामी केवल प्रशासक नहीं, बल्कि आधुनिक उत्तराखंड के स्थापत्यकर्ता हैं।




