

हल्द्वानी, प्रेस 15 न्यूज। संघर्ष से सफलता की ये कहानी प्रेरणादाई है। ये माना आज के दौर में बेराजगारी चरम पर है लेकिन जो लोग अपने पैरों पर खड़ा होने की हिम्मत रखते हैं उनके लिए रोजगार के तमाम अवसर हैं।
राज्य सरकार की ओर से उत्तराखंड में स्वरोजगार के कई रास्ते खुल रहे हैं। ग्रामोत्थान परियोजना के अंतर्गत नैनीताल जिले के हल्द्वानी विकासखंड के कामाक्षी स्वयं सहायता समूह और उन्नति ग्राम संगठन से जुड़ी हेमलता गुप्ता ने अपने व्यक्तिगत उद्यम से न केवल अपनी आय बढ़ाई है, बल्कि स्वरोजगार के क्षेत्र में अन्य महिलाओं के लिए भी प्रेरणा बन गई हैं।
ग्रामोत्थान परियोजना से सहायता प्राप्त करने से पूर्व हेमलता एक टीन सेड के नीचे चूल्हे पर मठरी तलती थीं, जिससे काफी धुआं होता था और उत्पादन भी सीमित था। परियोजना के सहयोग से उन्होंने दो आधुनिक मठरी फ्राई मशीनें खरीदी। इससे न कैवल उनके कार्य की गति और गुणवता में सुधार आया, बल्कि उत्पादन क्षमता में भी वृद्धि हुई।
वर्तमान में वे प्रतिदिन लगभग 50 मठरी के पैकेट तैयार कर हल्द्वानी मंडी, काठगोदाम, स्थानीय बजार और चाय की दुकानों में विक्रय कर रही हैं। उनकी मासिक आय 20,000-22,000 ₹ हो गई है। साथ ही उन्होंने अन्य महिलाओं को भी रोजगार प्रदान किया है।
हेमलता गुप्ता परंपरागत रूप से मठरी बनाने का कार्य करती थीं, लेकिन संसाधनों की कमी के कारण उनका उत्पादन सीमित था।
ग्रामोत्थान परियोजना के तहत ब्लॉक स्तरीय टीम व हिमालय सीएलएफ फतेहपुर की टीम द्वारा व्यक्तिगत उद्यम गतिविधि सर्वेक्षण के दौरान हेमलता गुप्ता को उद्यम गतिविधि हेतु चयनित किया गया।
उन्हें परियोजना से मिलने वाले आर्थिक सहयोग, संसाधनों और प्रशिक्षण के विषय में विस्तृत जानकारी दी गई। समूह की बैठक में सर्वसम्मति से उन्हें व्यक्तिगत उद्यम गतिविधि से जोड़ने का निर्णय लिया गया।
ग्रामोत्थान परियोजना के अंतर्गत हेमलता गुप्ता को 75,000 ₹ की अनुदान राशि प्रदान की गई। इसके अतिरिक्त, परियोजना कार्मिकों के सहयोग से उन्हें बैंक से 1,65,000 ₹ का ऋण भी प्राप्त हुआ। हेमलता ने ₹75,000 का निवेश अपने उद्यम में किया।
हेमलता गुप्ता कहती हैं कि ग्रामोत्थान परियोजना (रीप) ने उनके सपनों को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आज वह नए उपकरणों के साथ अपने उद्यम को नई दिशा में ले जा पा रही हैं और भविष्य में अपने व्यवसाय का और अधिक विस्तार करना चाहती हैं।




