Haldwani Positive Story: कठिन परिस्थितियों में भी हार नहीं मानी, संघर्ष से सफलता की रेनू आर्या की कहानी 

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हल्द्वानी, प्रेस 15 न्यूज। रख होंसला वो मंजर भी आएगा, प्यासे के पास चलकर समंदर भी आएगा, थककर न बैठ ए मंजिल के मुसाफिर, मंजिल भी मिलेगी जीने का मजा भी आएगा…इन पंक्तियों में छुपे मर्म को विकासखंड हल्द्वानी की ग्राम पंचायत पनियाली की रहने वाली रेनू आर्या ने सच साबित करके दिखाया है।

रेनू संघर्ष से सफलता का आसमान छूने के सफर पर निकली हैं। इस सफर में उन्हें ग्रामोत्थान परियोजना (रीप) का सहयोग मिला तो अब आजीविका भी बढ़ी है।

‘रोशनी स्वयं सहायता समूह और ‘नारी शक्ति ग्राम संगठन’ से जुड़ी रेनू ने कठिन परिस्थितियों के बावजूद हार नहीं मानी और आज पशुपालन के माध्यम से अपने परिवार का जीवन स्तर सुधार रही हैं।

सहायक ज्ञान प्रबंधन, आईटी ग्रामोत्थान नैनीताल शिवानी पांडे ने बताया कि 2005 से आंगनबाड़ी सहायिका के रूप में कार्यरत रेनू आर्या का जीवन 2019 में पति के असमय निधन के बाद आर्थिक चुनौतियों से भर गया था। चार बेटियों और एक बेटे की परवरिश की जिम्मेदारी अकेले उठाते हुए संघर्ष किया।

ऐसे कठिन समय में ग्रामोत्थान परियोजना के अंतर्गत किए गए अल्ट्रा पुअर परिवारों के डोर-टू-डोर सर्वेक्षण में उन्हें चिन्हित कर सहायता प्रदान की गई। परियोजना के तहत अल्ट्रा पुअर पैकेज अंतर्गत रेनू आर्या को 35,000 ₹ की ब्याज मुक्त आजीविका सहायता राशि प्रदान की गई, जिससे उन्होंने एक गाय खरीदी।

इसके अलावा पहले से उनके पास एक छोटी भैंस और चार-पांच बकरियाँ थीं। अब वह प्रतिदिन 4-5 लीटर दूध बेचकर लगभग ₹ 5,000 से ₹ 6,000 मासिक आय अर्जित कर रही हैं।

परियोजना के दिशानिर्देशों के अनुसार, रेनू आर्या दो वर्षों के बाद सहायता राशि की वापसी 10-12 मासिक किस्तों में क्लस्टर खाते में करेंगी।

इसके अतिरिक्त, पूर्व में मनरेगा के तहत उन्हें गौशाला निर्माण का लाभ मिला था तथा ग्रामोत्थान परियोजना के सहयोग से उनके पशुओं का बीमा भी कराया गया। आज रेनु आर्या अपने परिवार का भरण-पोषण आत्मसम्मान के साथ कर रही हैं और अपने बच्चों की शिक्षा को भी जारी रखे हुए हैं। भविष्य में और अधिक पशुपालन के जरिए अपनी आय बढ़ाने की योजना भी रेनू आर्या ने साझा की।

रेनू आर्या ने ग्रामोत्थान परियोजना का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस सहयोग ने उन्हें कठिन परिस्थितियों में भी आगे बढ़ने का हौसला दिया है एवं आत्मनिर्भर बनने का अवसर मिला है।

सहायक ज्ञान प्रबंधन /आईटी ग्रामोत्थान नैनीताल शिवानी पांडे ने बताया कि परियोजना के अंतर्गत अत्यंत गरीब एवं अतिनिर्धन परिवारों को आत्मनिर्भर बनाने के उ‌द्देश्य से अल्ट्रा-पुअर पैकेज प्रदान किया जाता है।

इस पैकेज का लाभ उन लाभार्थियों को मिलता है जो परियोजना द्वारा निर्धारित चयन मानदंडों के अंतर्गत आते हैं। चयनित लाभार्थियों को उनकी आजीविका शुरू करने के लिए ₹35,000 की ब्याज मुक्त ऋण राशि प्रदान की जाती है, ताकि लाभार्थियों को किसी भी वित्तीय दबाव का सामना न करना पड़े।

शिवानी पांडे ने बताया कि पुनर्भुगतान की प्रक्रिया भी लाभार्थियों के लिए सुविधाजनक बनाई गई है। यह राशि बिना ब्याज के होती है और इसे दो वर्षों के पश्चात 10-12 किस्तों में CLF को वापस चुकाना होता है।

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संजय पाठक

संपादक - प्रेस 15 न्यूज | अन्याय के विरुद्ध, सच के संग हूं... हां मैं एक पत्रकार हूं

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