
हल्द्वानी, प्रेस 15 न्यूज। वैसे तो मातृशक्ति के लिए कुछ भी असंभव नहीं है। मजबूत इच्छाशक्ति और लगन के दम पर परिवार की जान और शान बनने वाली ऐसी ही मातृशक्ति की कहानी आज हम आपसे साझा कर रहे हैं।
घर में रहकर शौकिया तौर पर काम करना अलग बात और कारोबार स्थापित करना अलग। कारोबार करने में चुनौतियां तो काफी आती हैं, लेकिन जिसने इन चुनौतियों से पार पा लिया तो उसका मुनाफा भी बढ़ जाता है और काम अधिक होने पर अन्य लोगों को भी रोजगार मिल जाता है।
हल्द्वानी के गणपति विहार निवासी पूनम सिंह ने सिलाई का काम तो बहुत पहले सीख लिया था, लेकिन घर में ही सिलाई का कार्य करने से ज्यादा मुनाफा नहीं होता था। अचानक पति की मृत्यु हो जाने के बाद तो पूरे घर के खर्च की जिम्मेदारी पूनम पर आ गयी।
पूनम बताती हैं कि नौकरी मिलना भी इतना आसान नहीं था, साथ ही बच्चों के भरण पोषण की समस्याएं भी बढ़ने लगी। ऐसे में पूनम ने अपने सिलाई के सीखे हुए काम को ही आगे बढ़ाने का निर्णय लिया।
लेकिन दुकान लेकर बुटीक खोलने में काफी रूपयों की जरूरत थी। इसके बाद उन्होंने सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारी लेते हुए उद्योग विभाग की प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना की जानकारी ली।
इस पर उन्होंने जिला उद्योग केन्द्र में जाकर आवेदन कर दिया। पूनम बताती हैं कि विभागीय अधिकारियों ने उनका साक्षात्कार लेकर आवेदन पत्र लोन स्वीकृति के लिए उत्तराखंड ग्रामीण बैंक को दिया। बैंक ने भी प्रक्रिया पूरी कर उन्हें साढ़े चार लाख रुपए का लोन स्वीकृत कर दिया।
पूनम सिंह बताती है कि बैंक से मिले लोन की बदौलत उन्होंने सिलाई मशीनें खरीदी। दुकान के लिए काउंटर रैक और सिलाई के लिए पर्याप्त कपड़े आदि सामान खरीदे। इसके बाद दुकान के बाहर बोर्ड लग जाने से उनके काम का प्रचार होने लगा और कार्य में तेजी आने लगी।
काम अधिक होने के कारण ही उन्होंने तीन लोगों को प्रत्यक्ष और चार लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार से जोड़ा है। कहा कि उद्योग विभाग की योजना का लाभ पाकर आत्मनिर्मर हैं । इसके लिए उन्होंने जिला उद्योग केन्द्र हल्द्वानी और उत्तराखंड ग्रामीण बैंक का आभार व्यक्त किया।
