

हल्द्वानी, प्रेस 15 न्यूज। ऐसे स्मार्ट मीटर से तो भगवान ही बचाए जो एक झटके में लाखों का बिल थमा देता है। यह बिल नहीं अच्छे भले इंसान का हार्ट अटैक दे सकता है।
यह बात हल्द्वानी का हर बिजली उपभोक्ता पिछले दो दिन से कर रहा है। दरअसल, छड़ायल निवासी एक बुजुर्ग बिजली उपभोक्ता के साथ जो घटा है, उसने हर बिजली उपभोक्ता को स्मार्ट मीटर के प्रति शंका से भर दिया है।

हालाकि उपभोक्ता की पीड़ा मीडिया में छाने के बाद अब आनन फानन में यूपीसीएल के अधीक्षण अभियंता ने सारा ठीकरा पुराने मीटर पर फोड़ दिया। साथ ही लापरवाही मानते हुए विभागीय जेई और स्मार्ट मीटर लगाने वाली अदाणी कंपनी के प्रबंधक को नोटिस जारी कर उपभोक्ताओं के गुस्से को शांत करने की कोशिश की है।
पहले पूरा मामला जान लीजिए। नगर निगम के वार्ड 43 अरावली वाटिका छड़ायल निवासी हंसा दत्त जोशी के घर महीने भर पहले स्मार्ट मीटर लगाया गया था। इसके बाद बिजली का जो बिल उन्हें मिला, उसे देख उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। यह बिल 46 लाख 60 हजार 151₹ का था।
हंसा दत्त जोशी ने बताया कि महीना भर पहले अदाणी एनर्जी सॉल्यूशन के कुछ कर्मचारी उनके घर पर आकर स्मार्ट मीटर लगा गए। बताया कि दो दिन पहले ही उन्हें ऑनलाइन माध्यम से एक महीने का बिजली का बिल मिला है। यह बिल 46 लाख 60 हजार से अधिक था। बिल की धनराशि देख वो हैरान परेशान हो गए।
उन्होंने इसकी शिकायत ट्रांसपोर्ट नगर स्थित ऊर्जा निगम के दफ्तर में की जहां से उन्हें हीरानगर स्थित कार्यालय भेजा गया।
यूपीसीएल के अधिकारी अब कह रहे हैं कि हंसा दत्त जोशी का आठ अप्रैल को बिल जारी हुआ, शिकायत मिलने पर नौ अप्रैल को एमआरआई कराई गई। इसमें खुलासा हुआ कि उनके पुराने मीटर में डिस्पले खराबी के कारण पहली वाली डिजिट शून्य के बजाय सात दर्शा रही थी।
उनकी मार्च महीने में मात्र 339 यूनिट बिजली खर्च हुई थी, नंबर गलत दर्शाने से यह यूनिट सात लाख हो गई। इसी के हिसाब से बिल जनरेट हुआ।
स्मार्ट मीटर 24 मार्च को लगा था। इसके बाद की रीडिंग जांची गई तो 26 मार्च से एक अप्रैल तक का यूनिट खर्च क्रमशः 4.28 यूनिट, 5.11 यूनिट, 4.71, 4.19, 3.06, 2.85 व 3.96 यूनिट मिला। 46 लाख ₹ का बिल जारी होने की वजह पुराने बिलों का मिलान नहीं किया गया। और यही सबसे बड़ी लापरवाही हुई।



