

पौड़ी, प्रेस 15 न्यूज। 18 सितंबर 2022 को भले ही पौड़ी की बेटी अंकिता भंडारी के प्राण राक्षसों ने हर लिए हों , लेकिन उसकी आत्मा आज भी न्याय की आस में होगी। अंकिता की बुजुर्ग दादी भी न्याय की आस में स्वर्ग सिधार चुकी हैं। दो साल से ज्यादा समय से घर में बूढ़े मां बाप की आँखें भी बिटिया के दरिदों के खिलाफ न्याय पाने को तरस गई हैं।
लेकिन अब पौड़ी की बेटी अंकिता भंडारी को 30 मई 2025 को न्याय मिलने की उम्मीद जगी है।
अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले में कोटद्वार स्थित अपर जिला एवं सत्र न्यायालय (एडीजे कोर्ट) में सोमवार सुनवाई पूरी हो गई है। अदालत 30 मई को मामले में फैसला सुना सकती है। अदालत के फैसले पर उत्तराखंड के साथ ही देशभर और प्रवासी उत्तराखण्डियों की निगाहें लगी हैं।
सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता विशेष लोक अभियोजक अवनीश नेगी ने बचाव पक्ष की बहस का जवाब दिया।
उन्होंने अदालत में जवाब देते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष ने इस मामले को बखूबी साबित किया है। उन्होंने तीनों हत्यारोपियों को कठोरतम सजा देने की मांग की। अदालत ने दोनों पक्षों की बहस व दलीलें सुनने के बाद फैसला सुनाने के लिए 30 मई की तिथि निर्धारित कर दी है।
अदालत में सुनवाई के दौरान तीनों हत्यारोपी पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता संबंधित जनपदों की जेलों से वीसी केe जरिए अदालत में हाजिर हुए।
28 मार्च, 2023 से अंकिता हत्याकांड मामले की सुनवाई कोटद्वार स्थित एडीजे कोर्ट में शुरू हुई थी। करीब दो साल तक चले ट्रायल में अभियोजन पक्ष की ओर से विवेचक समेत 47 गवाह अदालत में परीक्षित कराए गए।
बताते चलें कि अंकिता भंडारी आठ सितंबर 2022 को लापता हुई थी। 18 सिंतबर, 2022 को वनंत्रा रिजॉर्ट में पौड़ी के डोब श्रीकोट गांव निवासी रिसेप्शनिस्ट अंकिता भंडारी की हत्या कर उसका शव चीला शक्ति नहर में फेंक दिया गया था।
घटना के एक सप्ताह बाद चीला नहर से अंकिता का शव बरामद हुआ। जिसके बाद उत्तराखंड के लोगों ने सड़क पर निकलकर गुस्सा जाहिर किया था। इस जघन्य कांड में भाजपा नेता विनोद आर्य का बेटा पुलकित आर्य और उसके साथी सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता शामिल थे।
आननफानन में रिसॉर्ट के ध्वस्तीकरण को लेकर स्थानीय विधायक रेणु बिष्ट सुर एसडीएम की भूमिका पर भी सवाल उठे थे। मामले में शामिल वीआईपी के तौर पर अजय कुमार का नाम भी उछला था।
एसआईटी की जांच के बाद वनंत्रा रिजॉर्ट के मालिक व दो अन्य कर्मियों के खिलाफ करीब 500 पेज की चार्जशीट अदालत में दाखिल की गई।
अभियोजन पक्ष की ओर से इस मामले में 97 गवाह बनाए गए थे। जिसमें से अभियोजन पक्ष ने विवेचक समेत 47 गवाह परीक्षित कराए। मुख्य आरोपी पुलकित आर्य पर आईपीसी की धारा 302 (हत्या), 201 (साक्ष्य छुपाना), 354 (ए) (छेड़खानी व लज्जा भंग) और अनैतिक देह व्यापार अधिनियम के तहत आरोप तय हुए हैं।
जबकि दूसरे आरोपी सौरभ भास्कर और तीसरे आरोपी अंकित गुप्ता पर आईपीसी की धारा 302 (हत्या), 201 (साक्ष्य छुपाना) और अनैतिक देह व्यापार अधिनियम के तहत आरोपों पर विचारण किया गया। सोमवार को मामले की सुनवाई पूरी हुई।
बताते चलें कि पौड़ी की दिवंगत बेटी अंकिता भंडारी के माता-पिता उसके जाने के एक साल बाद भी में बैठे हुक्मरानों से यही सवाल पूछ रहे हैं आखिर उनकी बेटी का कसूर क्या था? क्यों उनके घर-आंगन की खुशियों बिखेरने वाली बेटी को सत्ता के करीबी दानवों ने मौत की नींद सुला दिया।
इन्हीं सवालों के साथ दिल में सागर सी गहरी दर्द की पोटली छुपाकर एक बार फिर अंकिता भंडारी के माता-पिता बेटी के हत्यारों को सजा दिलाने की मांग को लेकर श्रीनगर के पीपलचौरी में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे। शहीदे आजम चंद्रशेखर आजाद के शहीदी दिवस के दिन 27 फरवरी से अंकिता के पिता वीरेंद्र भंडारी और मां सोनी देवी चीख-चीखकर गुहार लगा रहे हैं कि उनकी बेटी के दरिदों को सख्त से सख्त सजा मिले ताकि फिर कोई बेटी यूं असमय दुनिया से अलविदा न कहे। अब बूढ़े मां बाप को 30 मई का इंतजार है जब अदालत का फैसला आएगा।



