

हल्द्वानी, प्रेस 15 न्यूज। उत्तराखंड में पंचायत चुनावों की सरगर्मी के बीच नैनीताल जिले में भी राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष बेला तोलिया ने एक बार फिर अपने समर्थकों और जनता की उम्मीदों के साथ चुनावी मैदान में उतरने का ऐलान किया है। इस बार वह 21- रामड़ी आनसिंह पनियाली हल्द्वानी सीट से दावेदारी कर रही हैं।
अपने पिछले कार्यकाल में क्षेत्रीय विकास, महिला सशक्तिकरण और जनसरोकारों को प्राथमिकता देने वाली बेला तोलिया को एक सक्रिय, स्पष्ट विचारी और जमीनी नेता के रूप में पहचाना जाता है।

राजनीति में आने से पहले भी बेला तोलिया समाज के।वंचित और शोषित तबके से जुड़े लोगों के हित में आगे रहीं। फिर चाहे वो वृद्धाश्रम हो या फिर दिव्यांग बच्चों से जुड़े संस्थान… स्कूल में बच्चों की मदद हो या फिर ग्रामीण क्षेत्रों में मातृशक्ति की हिम्मत, हर बार बेला तोलिया ने अपना योगदान दिया।
इस सफर में जीवनसाथी के तौर पर भाजपा के जमीनी नेता और समाजसेवी प्रमोद तोलिया का साथ भी उनकी बड़ी ताकत बना।
दावेदारी के सवाल पर बेला तोलिया कहती हैं कि मेरी राजनीति जनसेवा के उद्देश्य से प्रेरित है। जनता की समस्याओं और आकांक्षाओं को लेकर मेरी जिम्मेदारी पहले से कहीं अधिक है।
आज के वक्त में जब राजनीति में अधिकतर लोग एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप करने से बाज नहीं आते, ऐसे दौर में बेला तोलिया की राजनीति उन्हें सबसे अलग बनाती है। बेला तोलिया ने भारतीय जनता पार्टी के साथ साथ देश की राजनीति आदर्श भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की कही उस बात को भी चरितार्थ किया है जिसमें उन्होंने कहा था कि छोटे मन से कोई बड़ा नहीं होता, टूटे मन से कोई खड़ा नहीं होता…
बेला के व्यक्तिव की इस गहराई का अंदाजा आप फेसबुक पोस्ट में उनकी लिखी इन बातों से लगाइए…
अपनी मन की बात साझा करते हुए बेला तोलिया ने लिखा कि मैं, बेला तोलिया निवर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष, नैनीताल, प्रदेश में चल रही त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव प्रक्रिया में भाग ले रहे समस्त प्रत्याशियों को अपनी ओर से हार्दिक शुभकामनाएं प्रेषित करती हूं।
यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया न केवल हमारे गांव और समाज को मजबूत बनाती है, बल्कि स्थानीय विकास, जनसरोकार और जनभागीदारी की सच्ची नींव भी रखती है।
उन्होंने कहा कि हर वह उम्मीदवार जो आज अपने क्षेत्र की समस्याओं, जरूरतों और आकांक्षाओं को लेकर मैदान में उतरा है, वह जनसेवा के महान उद्देश्य की ओर पहला कदम रख रहा है।
मैं कामना करती हूं कि आप सभी अपने दायित्वों को पूरी निष्ठा, ईमानदारी और संवेदनशीलता के साथ निभाएं, और अपने क्षेत्र को विकास की दिशा में अग्रसर करें। पंचायतीराज केवल सत्ता का विकेंद्रीकरण नहीं, बल्कि समाज को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक सशक्त कदम है।
क्षेत्रीय राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बेला तोलिया की वापसी एक मजबूत दावेदारी है, और उन्हें जनता का व्यापक समर्थन प्राप्त है।
अब देखना दिलचस्प होगा कि क्या जनता एक बार फिर बेला तोलिया को सेवा का अवसर देती है या नया नेतृत्व सामने आता है।

