
हल्द्वानी, प्रेस 15 न्यूज। “आप दिव्यांग नहीं, समाज के दिव्य अंग हैं, यह बात मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विश्व दिव्यांगजन दिवस के अवसर पर समाज कल्याण विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम के दौरान कही।
हल्द्वानी एमबीपीजी कॉलेज ऑडिटोरियम में राज्य स्तरीय दक्षता पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दिव्यांगजन प्रतिभागियों को पुरस्कार राशि, मेडल, प्रशस्ति पत्र एवं मानपत्र प्रदान किए।
मुख्यमंत्री ने सभी दिव्यांगजनों को विश्व दिव्यांग दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह दिवस केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि उन असाधारण व्यक्तियों को सम्मान देने का अवसर है जिन्होंने चुनौतियों को अवसर और संघर्षों को प्रेरणा में बदलकर समाज को दिशा दी है।
उन्होंने कहा कि “दिव्यांगता शरीर में हो सकती है, लेकिन सपनों में नहीं”, और आज हमारे दिव्यांग भाई-बहन प्रत्येक क्षेत्र में देश का गौरव बढ़ा रहे हैं।
उन्होंने भारत के पहले पैरालंपिक स्वर्ण पदक विजेता मुरलीकांत पेटकर, इंग्लिश चैनल पार करने वाले सत्येंद्र सिंह लोहिया तथा बिना हाथों के विश्व पैरा तीरंदाजी चैंपियन बनीं शीतल देवी जैसे प्रेरक उदाहरण साझा किए। मुख्यमंत्री ने हाल ही में भारत की दिव्यांग महिला क्रिकेट टीम द्वारा कोलंबो में टी-20 ब्लाइंड वूमेन वर्ल्ड कप–2025 जीतने पर भी गर्व व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज देश और राज्य सरकार दोनों दिव्यांगजनों को समान अवसर और गरिमामय जीवन प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
नए भवनों, अस्पतालों व बस अड्डों के निर्माण में दिव्यांगजन-अनुकूल व्यवस्थाएँ अनिवार्य की गई हैं। कई पुराने भवनों में भी सुगम्यता हेतु आवश्यक परिवर्तन किए गए हैं। साथ ही “कॉमन साइन लैंग्वेज” के प्रसार और दिव्यांगजन हितैषी स्टार्ट-अप्स को प्रोत्साहन भी सरकार की प्राथमिकता है।
मुख्यमंत्री द्वारा बताई गई प्रमुख योजनाएं
आर्थिक रूप से कमजोर दिव्यांगजनों को ₹1500 मासिक पेंशन
दिव्यांग बच्चों के अभिभावकों को ₹700 मासिक भरण-पोषण अनुदान
तीलू रौतेली विशेष दिव्यांग पेंशन योजना व बौना पेंशन योजना के तहत ₹1200 मासिक पेंशन
सरकारी नौकरियों में दिव्यांगजनों के लिए क्षैतिज आरक्षण 3% से बढ़ाकर 4%
दिव्यांग छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति
कृत्रिम अंगों हेतु ₹7000 अनुदान
दिव्यांग से विवाह करने पर ₹50,000 प्रोत्साहन राशि
दिव्यांग छात्रों के लिए सिविल सेवा परीक्षा की निःशुल्क ऑनलाइन कोचिंग सुविधा
जिला दिव्यांग पुनर्वास केन्द्रों के माध्यम से सभी योजनाओं का एकीकृत लाभ
इसके साथ ही देहरादून स्थित आयुक्त दिव्यांगजन कार्यालय में ऑनलाइन सुनवाई की व्यवस्था तथा ऊधमसिंह नगर में मानसिक रूप से दिव्यांगों के लिए पुनर्वास गृह का निर्माण किया गया है। देहरादून में राज्य का पहला “प्रधानमंत्री दिव्यांशा केंद्र” भी प्रारंभ किया गया है। राज्य गठन के बाद पहली बार दिव्यांग सर्वेक्षण भी प्रारंभ किया गया है, जिससे दिव्यांगजनों की वास्तविक संख्या व आवश्यकताओं का सही आकलन हो सकेगा।
मुख्यमंत्री ने राज्य के “यंग इनोवेटिव माइंड्स” से अपील की कि वे अपने आविष्कारों में दिव्यांगजनों की जरूरतों को विशेष स्थान दें और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित तकनीक विकसित कर दिव्यांगजनों के जीवन को और सुगम बनाएं। उन्होंने अधिकारियों को ऐसे युवाओं को आवश्यक सहयोग प्रदान करने के निर्देश भी दिए।
41 दिव्यांगजनों का सम्मान
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री द्वारा 41 प्रतिभाशाली दिव्यांगजनों को ₹8000 की पुरस्कार राशि, मेडल, प्रशस्ति पत्र एवं मानपत्र प्रदान किए गए। मुख्यमंत्री ने सभी से व्यक्तिगत रूप से मिलकर उनका मनोबल बढ़ाया।
शिलान्यास एवं उद्घाटन
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री धामी द्वारा देहरादून में ₹905.13 लाख की लागत से बनने वाले आयुक्त दिव्यांगजन उत्तराखण्ड, उत्तराखण्ड बहुउद्देशीय वित्त एवं विकास निगम लिमिटेड तथा समाज कल्याण आईटी सेल के बहुउद्देशीय कार्यालय भवन का शिलान्यास प्रधानमंत्री दिव्याशा केंद्र, नैनीताल (एलिम्को) का उद्घाटन किया गया।
कार्यक्रम में सचिव समाज कल्याण श्रीधर बाबू अदांगी, डीएम ललित मोहन रयाल, एसएसपी डॉ. मंजूनाथ टीसी सहित अनेक जनप्रतिनिधि, अधिकारी, गणमान्य नागरिक एवं बड़ी संख्या में दिव्यांगजन उपस्थित रहे।









