हल्द्वानी, प्रेस 15 न्यूज। मुद्दई लाख बुरा चाहे तो क्या होता है, वही होता है जो मंजूरे खुदा होता है। ये पंक्तियां इन दिनों पहाड़ के शेर बेटे बॉबी पंवार पर सटीक बैठ रही हैं।
अब देखिए ना जिस बॉबी पंवार ने भाजपा राज में बेरोजगारों के साथ हो रहे छल के खिलाफ पूरे उत्तराखंड में अलख जगाई, जब वही बॉबी पंवार टिहरी की जनता की आवाज बनने के लिए लोकसभा चुनाव के मैदान में उतरा तो भाजपा और कांग्रेस जैसी राष्ट्रीय पार्टियों के माथे पर बल पड़ गए।
लेकिन आप इसे देवभूमि के देवों का आशीर्वाद ही समझिए कि जो सरकारें रात दिन बॉबी को जेल में डालने और बेरोजगारों की आवाज को खत्म करने की साजिश रचती रहीं, उसी बॉबी को चुनाव आयोग ने हीरा चुनाव चिन्ह देकर जनता के बीच उतार दिया। आने वाली 19 अप्रैल को टिहरी की जनता भी बता ही देगी कि उनके लिए कौन हीरा है और कौन कोयला…
इस बीच आपको बता दें कि बॉबी पंवार के समर्थन में कल यानी चार अप्रैल को देहरादून के सहसपुर स्थित रामराय इंटर कॉलेज में विशाल जनसभा होने जा रही है। ये बॉबी पंवार के प्रति आमजन का स्नेह ही है कि बॉबी को सुनने के लिए टिहरी और आसपास के क्षेत्रों के साथ ही कुमाऊं के भी लोग तीन अप्रैल से ही देहरादून में एकजुट होने लगे हैं।
बताते चलें कि कुछ दिन पहले ही उत्तराखंड रीजनल पार्टी एलाइंस जिसमें 6 क्षेत्रीय दल शामिल हैं, उन्होंने बॉबी के समर्थन का ऐलान किया था। जिसके बाद उत्तराखंड समानता पार्टी ने टिहरी से अपना नामांकन वापस लेकर बॉबी के समर्थन का ऐलान किया था।
उसके बाद से ही लगातार उत्तराखंड के क्षेत्रीय दलों ने बॉबी पवार को मुख्य चेहरा बनाकर चुनाव लड़ने की बात कही है व सभी जमीनी स्तर पर मेहनत भी कर रहे हैं। इतना ही नहीं कई भाजपा के कई कार्यकर्ताओं ने तो खुलकर इस्तीफा देकर बॉबी के समर्थन में आने का ऐलान भी कर दिया है वहीं कांग्रेस में भी लगातार बॉबी के पक्ष में इस्तीफे जारी हैं।
सूत्रों के मुताबिक, बॉबी पंवार की लोकप्रियता का आलम यह है कि अंदरखाने कई भाजपा व कांग्रेस के कार्यकर्ता भी बॉबी के समर्थन में हैं।
उत्तराखंड युवा एकता मंच के संयोजक पीयूष जोशी ने युवाओं से अपील करते हुए कहा है कि जब पेपर लीक हो रहे थे तब बॉबी ही ऐसा व्यक्ति था जो उनके लिए डंडे खा रहा था व आवाज उठा रहा था। आज बॉबी द्वारा खाई गई एक-एक लाठी डंडों का कर्ज चुकाने का वक्त है तो कर्ज चुकाने के लिए युवाओं को चार अप्रैल को देहरादून आना होगा।
पीयूष ने बताया कि कई क्षेत्रीय संगठनों के लोग भी उनके साथ अपने-अपने खर्चे पर देहरादून जा रहे हैं।