हल्द्वानी, प्रेस 15 न्यूज। हल्द्वानी में खुद को जनप्रतिनिधि और समाजसेवी (होर्डिंग वाले) कहने वालों की यूं तो कोई कमी नहीं है। लेकिन जमीनी सच्चाई यह है कि असल में यहां जनप्रतिनिधि और समाजसेवियों की बहुत कमी है, जिसका खमियाजा आम जनता को भुगतना पड़ता है.
इन सबके बीच हल्द्वानी में वो जनप्रतिनिधि भी हैं जो हर छोटी बड़ी दुख तकलीफ में जनता के बीच उनका मनोबल बढ़ाने और दर्द बांटने पहुंच ही जाते हैं। उन्हीं में से एक हैं विकास पुरुष पंडित नारायण दत्त तिवारी जी के भतीजे दीपक बल्यूटिया…
अब आपको विस्तार से बताते हैं कि आखिर सच्चे जनप्रतिनिधि के तौर पर हमने कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता दीपक बल्यूटिया का ही नाम क्यों लिया.
दरअसल, बरसात ने भले ही हल्द्वानी के लोगों को चिलचिलाती गर्मी से बड़ी राहत दी हो लेकिन जनजीवन को अस्त व्यस्त भी कर दिया है.
बरसात होते ही काठगोदाम क्षेत्र से हल्द्वानी में आने वाले देवखड़ी, कलसिया और रकसिया नाले उफान पर आ जाते हैं. बीते 11 जुलाई की रात भारी बारिश के चलते देवखड़ी नाले के उफान में बुलेट सवार 40 वर्षीय आकाश सिंह को जान तक गंवानी पड़ गई.
इस घटना की अगली सुबह होते ही दीपक बल्यूटिया उस हादसे वाली जगह पर पहुंचे और स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों को उनकी जिम्मेदारी का एहसास कराया. दीपक ने स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों से तत्काल नाले के दोनों ओर रैलिंग लगाने का सुझाव दिया.
जनप्रतिनिधि में जान हो और उसके इरादे नेक हो तो प्रशासन को भी एक्शन लेने पर विवश होना पड़ता है. ठीक ऐसा ही हुआ भी. दीपक बल्यूटिया की वाजिब मांग का प्रशासन के अधिकारियों ने तुरंत संज्ञान लिया और आननफानन में कुछ ही घंटों में देवखड़ी नाले पर रैलिंग लगा दी.
आप जानते हैं आज सुबह सुबह इसी रैलिंग की वजह से दो कार सवारों की जान बाल बाल बची है. कल देर रात से हुई मूसलाधार बारिश के चलते देवखड़ी नाला उफना गया था. जिसके चलते दो कार सवार कॉलटैक्स सड़क पर मंदिर के पास नाले के बहाव में फंस गए.
हालाकि कार चालकों ने सूझबूझ दिखाई और इसी रैलिंग के सहारे कार से निकलकर अपनी जान बचाई.
अब आप ही बताइए क्या हल्द्वानी के किसी दूसरे जनप्रतिनिधि ने जमीन पर उतरकर कभी इस तरह से प्रशासन को राह दिखाई? मीडिया के कैमरों के सामने प्रशासन को लताड़ने में तो बहुत माहिर हैं लेकिन अपने facebook live से प्रशासन को जनहित में फैसले लेने पर मजबूर करने वाले Deepak Balutiya आज जनप्रतिनिधियों के भीड़ में अलग चमक रहे हैं.
इतना ही नहीं आज सुबह फिर Deepak Balutiya अपने ट्रैक्टर में सवार होकर दमुवाढूंगा क्षेत्र पहुंचे. शिवपुरी शिव मंदिर के पास बह रहे नाले के रौद्र रूप को प्रशासन को नजदीक से दिखाया.
इस दौरान वहां मौजूद स्थानीय लोगों ने बताया कि क्षेत्र में बड़ी आबादी निवास करती है. बच्चों के सरकारी स्कूल भी हैं ऐसे में तबाही लाने वाले देवखड़ी नाले में रैलिंग के बजाय पुल की नितांत जरूरत है.
हालाकि एक सच यह भी है कि जो राज्य सरकार पिछले सात साल में चोरगलिया सितारगंज की लाखों की आबादी को शेर नाला और सूर्या नाला में एक अदद पुल नहीं दे सकी वो दमुआढूंगा के लोगों को कितनी जल्दी पुल देगी, सोचा जा सकता है.
लेकिन स्थानीय लोगों में चर्चा हो रही है कि अगर दीपक बल्यूटिया ने यह मुद्दा उठा दिया है तो अब पुल बनना तय है भले कुछ समय लगे.
इस दौरान Deepak Balutiya ने दमुवाढूंगा के लोगों को बताया कि बहुत जल्द माननीय हाइकोर्ट में उनकी ओर से दाखिल जनहित याचिका में फैसला आने वाला है. उन्हें उम्मीद है कि दमुआढूंगा के लोगों को उनकी जमीन पर मालिकाना हक मिल जाएगा.
अगर ऐसा हुआ तो वाकई जनप्रतिनिधि के तौर पर यह दीपक बल्यूटिया के हिस्से में बड़ी उपलब्धि होगी. क्योंकि दमुवाढूंगा की बड़ी आबादी लंबे समय से यह मांग कर रही है.
इससे पहले चार दिन पहले ही दीपक बल्यूटिया ने देवखड़ी नाले का पानी सिंचाई नहर में मिलाने से लालकुआं क्षेत्र में भारी तबाही के मामले में जिला प्रशासन के अधिकारियों को आड़े हाथ लिया था. इस दौरान deepak Balutiya ने हल्द्वानी समेत जिलेभर में आरटीओ, प्राधिकरण समेत दूसरे सरकारी कार्यालयों में व्याप्त भ्रष्ट्राचार पर इतना तक कह दिया था कि अधिकारी जनता का बजाय मुख्यमंत्री को खुश करने के लिए काम कर रहे हैं.
Press 15 News के जरिए deepak Balutiya के बेबाक बयान का वह वीडियो जनता ने पसंद भी किया।
जिसका त्वरित असर यह हुआ कि खुद सूबे के मुखिया पुष्कर धामी आपदा का जायजा लेने हल्द्वानी दौरे पर आए और कुछ ही घंटों में लापरवाही बरतने के आरोप में सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता बीसी नैनवाल को निलंबित हो गए.
आपको बताते चलें कि इससे पहले नैनीताल रोड टेड़ी पुलिया के पास भी पिछले साल तक नाला उफान मारकर बहा करता था. कई वाहन नाले के पानी के बहाव में बहते नजर आते थे. जिसके वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होते थे और शहर की छवि भी खराब होती थी.
इस साल नैनीताल रोड पर यह तबाही देखने को नहीं मिली। यहां प्रशासन को सुनियोजित नाला बनाने पर मजबूर करने वाले भी Deepak Balutiya ही थे. पिछले साल दीपक भरी बरसात में पानी के बहाव में ही धरने पर बैठ गए थे. जिसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों के मनाने के बाद दीपक धरने से तो उठ गए थे लेकिन अधिकारियों को स्थाई समाधान के कार्ययोजना बनाने पर मजबूर कर दिया। नतीजा आज शहर के सामने है.
उम्मीद करते हैं कि Deepak Balutiya की जन लोकप्रियता से अंदर ही अंदर जलने वाले और उनकी जनसरोकारों की राह में हरदम रोड़ा अटकाने में माहिर दूसरे जनप्रनिधि भी अपने छद्म मीडिया तंत्र से निकलकर जमीन पर लोगों को असरदार राहत देने की पहल करने को आगे आयेंगे. ताकि उनके नेक कामों का लाभ क्षेत्र की आम जनता को मिल सके और उस नेक काम पर कलम चलाने का अवसर हमें भी मिले.