
नैनीताल, प्रेस 15 न्यूज। तहसील वो जगह होती है जहां हर आम और खास आदमी का पाला पड़ ही जाता है। ऐसे में यहां तैनात अधिकतर सरकारी अधिकारी, कर्मचारी रिश्वत लेना अपना अधिकार समझते हैं।
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रिश्वत लेने का यह सिलसिला सालों से बदस्तूर जारी है। बहुत कम भ्रष्ट अधिकारी कर्मचारी बेनकाब हुए। अधिकतर रिश्वत की कमाई लेकर रिटायर तक हो गए। लेकिन सारा सिस्टम खामोशी से चल रहा है।
लेकिन जब से स्मार्टफोन और सोशल मीडिया का दौर आया है तबसे छोटे ही सही भ्रष्ट सरकारी कर्मचारी पकड़े जरूर जा रहे हैं। आम आदमी यूं कहें भ्रष्ट सिस्टम का सताया मानुष भ्रष्ट्राचारियों को कैद कर ही ले रहा है। जिसके बाद बड़ी कुर्सी में बैठे जिम्मेदार कार्रवाई करने को मजबूर भी हो रहे हैं।
हालाकि सिर्फ निलंबन की कार्रवाई का ढोल पीटा जा रहा है। जबकि होना तो ये चाहिए था कि ऐसे भ्रष्ट सरकारी दामादों को बर्खास्त करना चाहिए था। लेकिन ऐसा कहां होता है।
नैनीताल जिले के रामगढ़ में तैनात राजस्व उपनिरीक्षक यानी पटवारी प्रकाश चन्द्र देवतल्ला भी ऐसा ही नाम है जिसने रिश्वत मांगने को अपना धर्म मान लिया था। यानि सरकारी तनख्वाह से बच्चे नहीं पल पा रहे थे।
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रामगढ़ तहसील में तैनात इस भ्रष्ट पटवारी के विरुद्ध रिश्वत मांगने के आरोप में प्राप्त शिकायत एवं उपलब्ध कराए गए ऑडियो साक्ष्य की प्राथमिक जांच में आरोप प्रथमदृष्टया सत्य प्रतीत होने पर, डीएम ने मंगलवार को इस पटवारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
हालाकि पटवारी के निलंबन की खबर जैसे ही आमजन तक पहुंची तो लोग कहने लगे कि अच्छी बात है एक भ्रष्ट्राचारी बेनकाब हुआ लेकिन अब भी सिस्टम में बड़े पदों पर कई रिश्वतखोर बैठे हैं। काश! कभी उनका चेहरा भी बेनकाब हो जाता।
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रामगढ़ के राजस्व उप निरीक्षक/पटवारी प्रकाश चन्द्र देवतल्ला के विरुद्ध विभिन्न आरोप प्राप्त हुए जिसमें तहसील नैनीताल में कार्यरत उक्त राजस्व उपनिरीक्षक का फेसबुक पर रिश्वत मांगने का ऑडियो सार्वजनिक रूप से प्रसारित हुआ है।
जांच के बाद पाया गया कि उक्त ऑडियो में आवाज उक्त कार्मिक प्रकाश चन्द्र देवतल्ला, राजस्व उपनिरीक्षक, क्षेत्र रामगढ़ की ही है। राजस्व उपनिरीक्षक/ पटवारी प्रकाश देवतल्ला के द्वारा सरकारी कामकाज में लापरवाही बरतने के सम्बन्ध एवं कार्य को बेवजह देरी करने तथा भूमि का खसरा देने के एवज में 25,000 से 50,000 हजार ₹ की रिश्वत मांगने के आरोप है।
आदेश के क्रम में निलंबन की अवधि में उक्त राजस्व उपनिरीक्षक प्रकाश चन्द्र देवतल्ला, तहसील खनस्यूं में सम्बद्ध रहेंगे। डीएम ने भ्रष्ट पटवारी के विरुद्ध विभागीय जाँच के आदेश भी दिए हैं।
कहा गया कि भ्रष्टाचार के मामलों में जिला प्रशासन शून्य सहनशीलता (Zero Tolerance) की नीति पर कार्य कर रहा है तथा दोषी पाए जाने पर कठोरतम कार्रवाई की जाएगी। भगवान करे ये बात सच हो जाए, हालाकि ऐसा होना नामुमकिन सा लगता है।
डीएम की ओर से यह भी कहा गया है कि जनपद के समस्त कार्मिकों को भी निर्देशित किया जाता है कि वे अपने आचरण को पूर्णतः पारदर्शी एवं जनहितपरक रखें। साथ ही आमजन से यह अपील की जाती है कि यदि किसी भी सरकारी कर्मचारी द्वारा रिश्वत माँगी जाती है तो इसकी सूचना तत्काल जिला प्रशासन अथवा संबंधित प्राधिकरण व टॉल फ्री नंबर 1064 पर सूचना उपलब्ध करा सकते हैं।

