
हल्द्वानी, प्रेस 15 न्यूज। जंगलों की सुरक्षा खासकर गर्मियों के सीजन में किसी चुनौती से कम नहीं होती है। फायर सीजन में कई हेक्टेयर जंगल आग की भेंट चढ़ जाते हैं। इतना ही नहीं कई बार इंसानी जान भी जंगल की आग के चलते तबाह हो जाती है। ऐसे में वन विभाग के लिए भी जंगलों की सुरक्षा करना चैलेंज से कम नहीं होता।
फायर सीजन 2025 के लिए वन विभाग ने शीतलाखेत मॉडल के अनुसार वनाग्नि पर प्रभावी नियंत्रण एवं रोकथाम एवं रणनीति तैयार कर कार्य किये जा रहे हैं। यह जानकारी प्रभागीय वनाधिकारी वन प्रभाग नैनीताल चंद्रशेखर जोशी ने दी है।
उन्होंने बताया कि इस सम्बन्ध में प्रमुख वन संरक्षक, (HOFF) उत्तराखण्ड द्वारा भी निर्देश दिये गए हैं कि एक अप्रैल 2025 के बाद कोई भी व्यक्ति अपनी निजी नाप भूमि में उगी झाड़ियों, आडा एवं अन्य निष्प्रोज्य / ज्वलनशील सामग्री के निस्तारण हेतु आग नहीं लगायेंगे।
इस हेतु वन विभाग द्वारा फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इण्डिया की साइट पर नियमित रूप से प्रतिदिन निगरानी भी रखी जा रही है तथा वर्षामापी यंत्रों तथा मौसम विभाग द्वारा जारी बुलेटिन के आधार पर वनाग्नि की दृष्टि से संवेदनशील वन क्षेत्रों में विशेष निगरानी एवं सतर्कता बरती जा रही है।
इसके साथ ही विभाग द्वारा Forest Fire App 3.0 में अधिक से अधिक संख्या में स्थानीय ग्रामीणों/वन पंचायत सरपंचों एवं स्थानीय ग्रामीणों को जोड़ा गया है तथा एप के माध्यम से बहुत ही न्यून समयान्तर्गत विभाग द्वारा त्वरित कार्यवाही की जा रही है।
वन विभाग द्वारा विभिन्न शिक्षण संस्थानों/ विश्वविद्यालयों एवं सरकारी एवं अर्द्धसरकारी संस्थानों में वनाग्नि काल में वनों की अग्नि से सुरक्षा एवं व्यापक रणनीति एवं प्रचार प्रसार हेतु संस्थानों के प्रमुखों के साथ गोष्ठी एवं समन्वय स्थापित कर वनाग्नि के दुष्परिणामों के प्रति जागरूक भी किया गया है।
प्रभागीय वनाधिकारी ने बताया कि नैनीताल वन प्रभाग, अन्तर्गत वनाग्नि काल 2025 में वनाग्नि के प्रभावी नियंत्रण एवं रोकथाम हेतु कुल 70 क्रू स्टेशन स्थापित किये गये हैं, जिनमें प्रत्येक क्रू स्टेशन में चार-चार फायर वाचरों की तैनाती की गई है।
प्रभाग द्वारा विगत वनाग्नि काल 2024 में वनाग्नि से प्रभावित क्षेत्रों को जीआईएस मैपिंग की गई है एवं संवेदनशील वन क्षेत्रों/मोटर मार्गों के समीप विभाग द्वारा वनाग्नि के सम्बन्ध में चेतावनी बोर्ड स्थापित किये गये हैं।
नैनीताल वन प्रभाग, नैनीताल द्वारा वनाग्नि की दृष्टि से संवेदनशील मोटर मार्गों / राष्ट्रीय मार्गों में फायर मोबाईल फायर टेण्डर की तैनाती की कार्यवाही की गई है। वनाग्नि काल 2025 में वनाग्नि के सम्बन्ध में व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार भी किया जा रहा है।
वनाग्नि की विभिषिका के मद्देजनर विभाग द्वारा माह अक्टूबर, 2024 से लगातार प्रचार-प्रसार किया जा रहा है तथा प्रभाग द्वारा लाउडस्पीकर के माध्यम से वृहद स्तर पर वनाग्नि पर प्रभावी नियंत्रण एवं रोकथाम हेतु स्थानीय ग्रामीणों को जागरूक किये जाने की कार्यवाही की जा रही है।
उन्होंने बताया कि 19 दिसम्बर, 2024 को जिला स्तर पर गठित जिला वनाग्नि समिति की सम्पन्न बैठक में वनाग्नि काल 2025 के प्रभावी नियंत्रण एवं रोकथाम हेतु जिला वनाग्नि प्लान 2025 को जिलाधिकारी द्वारा अनुमोदित भी किया जा चुका है एवं ब्लॉक स्तर तथा ग्राम पंचायत/ वन पंचायत स्तर पर वनाग्नि समितियों का गठन भी किया जा चुका है।
प्रभागीय वनाधिकारी चंद्रशेखर जोशी ने आम जनता से भी अपील की है कि वह वनाग्नि से रोकथाम हेतु अपना सहयोग प्रदान करें।
