नैनीताल में 18 अगस्त का दिन भारी, हाईकोर्ट से 500 मीटर में दायरे में “पांच” की इंट्री बैन

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नैनीताल, प्रेस 15 न्यूज। 18 अगस्त का दिन नैनीताल में भारी होगा। नैनीताल जिले के साथ साथ पूरे उत्तराखंड की नजर हाईकोर्ट की सुनवाई पर टिकी है। जिला पंचायत अध्यक्ष पद का चुनाव परिणाम कोर्ट के माध्यम से जारी होने की तैयारियों के बीच उत्तराखंड उच्च न्यायालय नैनीताल परिसर से बाहर 500 मीटर की परिधि में निषेधाज्ञा लागू की गई है।

14 अगस्त के दिन वोटिंग के दौरान पांच जिला पंचायत सदस्यों के अपहरण और उसके बाद कांग्रेस और भाजपा के पलटवार के बाद पांचों गायब सदस्यों का वीडियो के माध्यम से प्रकट होना सबने देखा।

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कांग्रेस की जिला पंचायत अध्यक्ष प्रत्याशी पुष्पा नेगी के पति लाखन सिंह नेगी भाजपा की प्रत्याशी दीपा दर्मवाल के पति आनंद दर्मवाल को चेतावनी देते हुए कह चुके हैं कि 18 अगस्त को आगर क्षेत्र से 20 हजार से ज्यादा लोग उनके समर्थन में नैनीताल आएंगे। वहीं, भाजपा प्रत्याशी की और से भी कार्यकर्ताओं के जुटने के आसार हैं।

ऐसे में पहले से ही सवालों के घेरे में आया नैनीताल जिला प्रशासन भी किसी तरह के बवाल के डर से सहमा हुआ है। पुलिस के सामने पांच जिला पंचायत सदस्यों का खुलेआम अपहरण हो जाता है और एसएसपी माननीय हाईकोर्ट में बयान देते हैं कि उन्होंने अभी तक अपहरण का वीडियो नहीं देखा। ऐसे में हाईकोर्ट ने नैनीताल पुलिस के कप्तान के प्रति नाराजगी भी दिखाई थी।

जारी आदेश में कहा गया है कि उच्च न्यायालय की खंडपीठ में जिला पंचायत अध्यक्ष नैनीताल के चुनाव संबंधी याचिका पर सुनवाई होनी है जिसके संबंध में काफी संख्या में याचिकाकर्ताओं एवं समर्थकों द्वारा माननीय उच्च न्यायालय उत्तराखंड नैनीताल में आने की संभावना है।

जिस कारण शांति एवं कानून व्यवस्था प्रभावित होने की संभावना के मद्देनजर एसडीएम  नवाजिश खलीक ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 के अंतर्गत निहित अधिकारों का प्रयोग करते हुए परगना नैनीताल अंतर्गत स्थित माननीय उच्च न्यायालय, उत्तराखण्ड, नैनीताल के परिसर की सीमा से बाहर 500 मीटर की परिधि में निषेधाज्ञा आदेश पारित किए गए हैं।

उक्त निषेधाज्ञा के अनुसार, माननीय उच्च न्यायालय के परिसर से 500 मीटर की परिधि के भीतर उक्त अवधि में जिला मजिस्ट्रेट अपर जिला मजिस्ट्रेट अथवा उनकी पूर्वानुमति के बिना किसी सार्वजनिक स्थान पर पांच या पांच से अधिक व्यक्ति समूह के रूप में एकत्रित नहीं होंगे।

और ना ही कोई सार्वजनिक सभा करेंगे और ना ही जुलूस आदि निकालेंगे और ना ही नारे आदि लगा सकेंगे। कोई भी व्यक्ति लाठी, डंडा, बल्लम,अग्नि शस्त्र, तलवार, विस्फोटक आदि लेकर माननीय उच्च न्यायालय परिसर की 500 मीटर की परिधि में नहीं आएगा।

माननीय उच्च न्यायालय के परिसर में शांति व्यवस्था हेतु तैनात पुलिस सुरक्षाकर्मी इस प्रतिबंध से मुक्त रहेंगे। कोई भी व्यक्ति माननीय उच्च न्यायालय परिसर के 500 मीटर की परिधि में बिना सक्षम अधिकारी की पूर्वानुमति के किसी भी प्रकार का ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग नहीं करेगा।

कोई भी व्यक्ति किसी प्रकार की अफवाहें नहीं फैलाएगा और ना ही किसी प्रकार की पर्ची आदि का वितरण करेगा।

कोई भी व्यक्ति माननीय उच्च न्यायालय से 500 मीटर के भीतर ऐसी कोई सामग्री अपने साथ लेकर प्रवेश नहीं कर सकेगा अथवा ऐसी कोई गतिविधि नहीं करेगा जिससे शांति एवं कानून व्यवस्था पर किसी प्रकार का प्रतिकूल प्रभाव पड़ता हो।

कोई भी व्यक्ति ऐसे बैनर, पोस्टर, झंडे, पैम्पलेट्स आदि नहीं लगाएगा जिससे माननीय उच्च न्यायालय की गरिमा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। वाहन जाम/अवरोध पैदा करने हेतु वाहन खड़े करना वर्जित रहेगा। पुलिस द्वारा चिन्हित पार्किंग स्थलों के अतिरिक्त वाहन कहीं और नहीं खड़े किए जाएंगे।

माननीय उच्च न्यायालय के कार्यों में बाधा पहुँचाने वाले या असामाजिक उपद्रवी तत्वों को परिसर के आसपास आने की अनुमति नहीं होगी। किसी भी प्रकार का उत्तेजक भाषण, घोषणाएं, पर्चे वितरण या ऐसा कार्य जो लोक शांति को प्रभावित करे, पूर्णतः निषिद्ध रहेगा।

जारी आदेश के अनुसार, इस निषेधाज्ञा का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। निषेधाज्ञा समय अभाव होने के कारण एक पक्षीय रूप से लागू की जा रही है। यह निषेधाज्ञा तत्काल प्रभाव से प्रभावी होगी।

(नैनीताल से वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट)

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संजय पाठक

संपादक - प्रेस 15 न्यूज | अन्याय के विरुद्ध, सच के संग हूं... हां मैं एक पत्रकार हूं

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