
नैनीताल, प्रेस 15 न्यूज। उच्च न्यायालय में जिला पंचायत अध्यक्ष उपाध्यक्ष चुनाव मामले में सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश ने चुनाव के दौरान एसएसपी की कार्यशैली पर चुनाव आयोग से तीखे सवाल किये। चुनाव आयोग ने कहा कि शुक्रवार को सभी प्रभावित पक्ष आयोग में बुलाए गए हैं। मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र और न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ ने अगली सुनवाई मंगलवार के लिए तय की है।
उच्च न्यायालय में आज हुई सुनवाई में चुनाव आयोग के अधिवक्ता संजय भट्ट ने पूर्व में न्यायालय द्वारा मांगा जवाब पेश किया। चुनाव आयोग की तरफ से उपस्थित अधिवक्ता जितेंद्र कुमार सेठी ने न्यायालय को बताया कि जिलाधिकारी और एसएसपी से फाइनल रिपोर्ट मिली है। पराजित प्रत्याशी ने भी लिखित शिकायत दी है। डीजीपी से रिपोर्ट मांगी गई है। हम सभी को सुनने के बाद री-पोल या जीत/हार तय करेंगे।

शुक्रवार की सुनवाई में सभी को अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाएगा। डीएम व प्रत्याशियों के साथ याची को भी बुलाया जाएगा और इसके बाद ही आयोग निर्णय लेगा। उन्होंने कहा कि सौ मीटर के दायरे वाली गाइडलाइन्स केंद्र की है जिसे राज्य भी पालन करता है।
उन्होंने याचिकाकर्ता के अधिवक्ता से याचिका वापस लेने की प्रार्थना की ताकि आयोग के निर्णय को सर्वोच्च माना जा सके। मुख्य न्यायाधीश के सवाल पर उन्होंने कहा कि हम एसएसपी से सब कुछ पूछेंगे। उन्होंने न्यायालय से कहा कि ऐसा नहीं है कि आयोग कमजोर है।
बताया कि मामले को सुनने के लिए एक कमेटी तय हो गई है जिसमें कमिश्नर और असिस्टेंट कमिश्नर के साथ अन्य सदस्य हैं। इनके सम्मुख डीएम, एसएसपी, दोनों प्रत्याशी अपनी बात रखेंगे। हम सभी को सुने बिना निर्णय नहीं ले सकते, नहीं तो वो न्यायालय पहुंच जाएंगे। अधिवक्ता सेठी ने ये भी कहा कि आंध्र प्रदेश की एक समान चुनाव याचिका में कामथ जी उपस्थित हुए थे और याचिका खारिज हुई थी।
याचिकाकर्ता के वरिष्ठ अधिवक्ता देवीदत्त कामथ ने कहा कि राज्य सरकार का अधिवक्ता चुनाव आयोग के लिए कैसे बहस कर सकता है ? जिलाधिकारी के पत्रों का संज्ञान लिया है, जिसमें उन्होंने कहा कि यहां री-पोल किया जाएगा। याचिका वापस लेने के चुनाव आयोग के सुझाव पर उन्होंने न्यायालय से कहा कि आप शुक्रवार तक रीजॉइनडर मंगा सकते हैं और इस याचिका को जारी रख सकते हैं।
मुख्य न्यायाधीश (सीजे) ने आयोग के अधिवक्ता से कहा कि एसएसपी की रिपोर्ट 20 को आई, लेकिन उनके खिलाफ तत्काल कार्यवाही क्यों नहीं हुई ? ये सारी घटना कप्तान की लापरवाही से हुआ। कहा कि हमने बहुत कुछ ऑब्जर्व किया है। एसएसपी को एक नोटिस तक नहीं भेजा गया है ?
एआरओ की रिपोर्ट का भी संज्ञान नहीं लिया गया है। सीजे ने सवाल किया कि इलेक्शन कमीशन शांत क्यों है ? आपके आगे काफी मैटीरियल था।
उन्होंने कहा कि एसपी इंटेलिजेंस ने पहले ही सूचित कर दिया था कि बाहर से लोग आकर माहौल खराब करेंगे। राज्य के अधिवक्ता द्वारा की जा रही बहस पर कहा कि बहस का मुद्दा नहीं है, कोई भी करे। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर डीएम भी फेल हुई है। उन्होंने 164 के बयान कराए, जो किसी को बचा नहीं सकता। अगली सुनवाई मंगलवार को होगी।
(नैनीताल से वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट)
