मेरी बेटी के साथ भीमताल की ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी में हुई रैगिंग! बेबस पिता को मिलेगा न्याय?

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भीमताल, प्रेस 15 न्यूज। एक पिता ने अपनी लाडली बेटी को भीमताल की ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी में बीसीए करने के लिए भेजा था। सोचा होगा देवभूमि की प्रकृति के बीच बाबा नीमकरौली के आश्रम के पास बेटी पढ़ लिखकर उज्ज्वल भविष्य बनाएगी और फिर अच्छे से घर परिवार में उसका रिश्ता होगा।

इसके लिए पिता ने यूनिवर्सिटी को अच्छी खासी फीस भी अदा की और यूनिवर्सिटी के ही हॉस्टल में बीसीए कर रही बेटी के रहने की व्यवस्था भी की।

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लेकिन उन्हें क्या पता था कि उनके सारे सपने धरे के धरे रह जाएंगे। और उनकी लाडली बेटी यूनिवर्सिटी के लचर सिस्टम की वजह से जिंदगी खत्म करने को मजबूर हो जाएगी। लचर क्यों ये आपको आगे खबर में पिता के अहम खुलासे के बाद पता चलेगा।

ये हादसा किसी भी मां बाप की जिंदगी में घट सकता है जो अपने बच्चों को उज्जवल भविष्य की खातिर महंगे कॉलेजों और यूनिवर्सिटीज में दाखिला दिलाने को आतुर रहते हैं।

ऐसे में लखनऊ के जिस तोमर परिवार ने अपनी 18 साल की होनहार बेटी को खोया है, वही इस दर्द को भी समझ सकता है। इस घटना ने भीमताल की ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी में दाखिला लेने वाले नए छात्र छात्राओं के साथ हो रही रैगिंग का भी खुलासा किया है।

गुरुवार को पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे लखनऊ निवासी राम कृष्ण सिंह तोमर ने कहना है कि उनकी बेटी आत्महत्या नहीं कर सकती है। वह रोज सुबह सवा नौ बजे क्लास अटेंड करती थी और दोपहर एक बजे लंच कर दो बजे तक कमरे में आ जाती थी।

बेबस दुखी पिता ने कहा कि उनकी बेटी के साथ रैगिंग हुई जिसका उसने वीडियो भी बनाया था। इतना ही नहीं बेटी ने रैगिंग का यह वीडियो उन्हें भी भेजा था। जिसके बाद उन्होंने बेटी से इसकी शिकायत वार्डन से करने की बात भी कही थी।

पिता ने कहा कि बुधवार को कॉलेज की ओर से उन्हें शाम सवा पांच बजे के बाद फोन करके जल्दी आने के लिए कहा गया। हॉस्टल के वार्डन ने उन्हें बुलाया लेकिन सही बात नहीं बताई।

जिसके बाद वह आननफानन में अपने रिश्तेदारों के साथ भीमताल पहुंचे। फिलहाल बेबस पिता पोस्टमार्टम के बाद अपनी लाडली के शव को लेकर लखनऊ रवाना हो गए। उन्होंने पुलिस से निष्पक्ष जांच की मांग की है।

बेबस पिता के इन सवालों का जवाब कौन देगा?

पुलिस के पहुंचने से पहले उनकी बेटी के शव को कॉलेज प्रबंधन ने फंदे से क्यों उतारा ?

अगर घटना दो से तीन बजे के बीच पता चली तो उन्हें शाम सवा पांच बजे के बाद क्यों बताया गया?

हॉस्टल की वार्डन ने उनसे मुलाकात क्यों नहीं की?

उन्होंने बेटी से रैगिंग वाले वीडियो की बात वार्डन को बताने के लिए भी कहा था। क्या वार्डन को वीडियो देखी? अगर देखी तो क्या एक्शन लिया?

छात्र छात्राओं के साथ यूनिवर्सिटी और हॉस्टल में रैगिंग न हो, इसके लिए क्या व्यवस्था बनाई गई है? 

बताते चले कि भीमताल के ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी की बीसीए द्वितीय वर्ष की छात्रा वाश्वी का शव बुधवार की दोपहर हॉस्टल में संदिग्ध हालात में फांसी के फंदे से झूलता मिला था। जैसी ही इसकी खबर आसपास के रूम की छात्राओं की लगी तो शव को फंदे से झूलता देख चीखपुकार मच गई। कॉलेज प्रबंधन ने आननफानन में छात्रा को अचेत अवस्था में भवाली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

सीएचसी के चिकित्साधिकारी डॉ. रमेश कुमार के मुताबिक, छात्रा वाश्वी तोमर (18) पुत्री रामकृष्ण सिंह तोमर निवासी वेदनाद पुरम, लखनऊ को अस्पताल में लाया गया था। लेकिन अस्पताल लाने तक छात्रा की मौत हो चुकी थी। गुरुवार को वीडियोग्राफी के साथ छात्रा के शव का पोस्टमार्टम किया गया।

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संजय पाठक

संपादक - प्रेस 15 न्यूज | अन्याय के विरुद्ध, सच के संग हूं... हां मैं एक पत्रकार हूं

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