हल्द्वानी, प्रेस 15 न्यूज। अल्मोड़ा के भतरौजखान क्षेत्र के मोहनरी में हुई चार गौवंशों की बेरहमी से की गई हत्या के मामले में अल्मोड़ा पुलिस ने 04 पिशाचों को गिरफ्तार किया है। जिनकी पहचान सलीम, इसराइल, इमरान और भतरौजखान के ही रहने वाले हरी सिंह कड़ाकोटी उर्फ हरदा के तौर पर हुई है।
सड़क पर भटकती गौ माता के साथ हुई इस दरिंदगी में उत्तर प्रदेश और उधमसिंह नगर के तीन शैतानों का साथ देवभूमि के एक स्थानीय पिशाच ने भी दिया था। चारों ने योजना बनाकर कुल्हाड़ी से बड़ी ही बेरहमी से चार गोवंश की हत्या कर मांस को मुरादाबाद में ठिकाने भी लगा दिया।
हल्द्वानी में गौवंश की ऐसी दुर्दशा !
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बहरहाल, गौ माता के हत्यारे ये चारों पिशाच जेल में बंद हैं। सच ये भी है कि लचर कानून व्यवस्था वाले देश में ये चारों शैतान ज्यादा दिन तक जेल में नहीं रह पाएंगे यानी इनके आकाओं ने इन्हें जेल से बाहर निकालने की तैयारी शुरू कर दी होगी। जल्द ये सभी जमानत पर बाहर होंगे।
मोहनरी में बीते तीन मई को रिची रोड के नीचे खाई में चार गोवंश के क्षत-विक्षत अंग मिले थे। आरोपी गोवंश के अनुपयोगी अंग मौके पर छोड़कर मांस लेकर फरार हो गए थे।
मामला सार्वजनिक होने पर विभिन्न संगठनों के लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। जिसके बाद पुलिस भी सक्रिय हुई। पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू की। आखिरकार तीन दिन बाद अल्मोड़ा पुलिस ने चार गौवंशों की बेरहमी से हत्या करने वाले इन चार पिशाचों को गिरफ्तार कर ही लिया।
लेकिन इस घटना ने अपने पीछे कई सवाल छोड़ दिए। जिन्हें पहाड़ के लोगों और खासतौर पर सनातन के अनुयाइयों को समय रहते समझ जाना चाहिए। आज पहाड़ के पूजनीय बेजुबान कट रहे हैं, कल ऐसा न हो कि देवभूमि में विधर्मी अपने शैतानी मंसूबों को पूरा करने के लिए इंसानी जान के लिए आफत बन जाएं।
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सवाल यह भी है आखिर वो कौन लोग हैं जो गौवंश को सड़क पर मरने को छोड़ रहे हैं? ऐसे लोगों की पहचान का जिम्मा प्रशासन पर मत छोड़िए। क्योंकि प्रशासन के पास उनके मुताबिक और भी बहुत जरूरी काम हैं।
एक नागरिक के तौर पर आप अपना फर्ज भी निभाइए। बेजुबान को निर्दयता से मौत के घाट उतारने वाले ही दोषी नहीं हैं वो लोग भी उतने दोषी हैं जो इन्हें तिल तिल कर मरने को सड़क पर छोड़ते हैं।
याद रहे विधर्मी सिर्फ वो नहीं जो गौवंश को तड़पा तड़पाकर काट रहे हैं, वो भी हैं जो उन्हें सड़क पर मरने को छोड़ रहे हैं। या चंद पैसों के लिए उनका सौदा कर रहे हैं। वो भी विधर्मी ही हैं जो गौवंश के साथ हो रहे इस अत्याचार को जानते समझते हुए भी मौन हैं।
सालों तक जिस गाय का दूध पिया और बेचा, जब वह गाय बूढ़ी हो गई तो उसे या तो कसाई को बेच दिया या फिर सड़क पर मरने को… क्या गौवंश के साथ ऐसी क्रूरता करने वाले ये निर्दयी ऐसा ही व्यवहार अपने घर में मौजूद उन बुजुर्गों के साथ भी करते होंगे जो उम्रभर काम करने के बाद बुढ़ापे में लाचार हो जाते हैं?
सोच कर देखिए भूख प्यास से बैचेन उन चार गौवंशों पर क्या बीती होगी जब इन चार पिशाचों ने उनकी कुल्हाड़ी और दूसरे हथियारों से हत्या की होगी?
एक बात गांठ बांध लीजिए उन बेजुबानों की वह अथाह पीड़ा बेजा नहीं जाएगी। बेजुबान गौवंश के सागर से गहरे दुख की पीड़ा समाज के हर उस व्यक्ति के हिस्से आएगी जो गौवंश के साथ हुए अत्याचार पर चुप रहना बेहतर समझता है।
गौवंश की हत्या में पुलिस ने सलीम (47) निवासी नरपत नगर, रामपुर, यूपी हाल निवासी बधाण, भतरौंजखान,
इसराइल (40) निवासी दड़ियाल, टांडा, रामपुर यूपी, इमरान (23) निवासी मुड़ियाकला, बाजपुर, उधमसिंह नगर के साथ ही सूणी, भतरौंजखान निवासी हरी सिंह कड़ाकोटी (54) को गिरफ्तार किया है।
चारों को गोवंश संरक्षण अधिनियम के तहत जेल भेजा है। इस हत्याकांड में प्रयुक्त हथियार भी पुलिस ने बरामद किए हैं। वहीं गौमांस को मुरादाबाद में ठिकाने लगाने वाली पिकअप UK04ca 0628 को भी सीज किया गया है।
सड़क पर भटकते चार गोवंश की बेरहमी से की गई हत्या में शामिल तीनों आरोपी सलीम, इजराइल और इमरान लंबे समय से गोवंश की हत्या में लिप्त थे। यानी तीनों ही पिशाचों का गोवंश संरक्षण अधिनियम का मजाक बनाना शौक था।
उनकी इस शैतानी करतूत में मोहनरी के स्थानीय पिशाच हरी सिंह कड़ाकोटी ने भी चंद पैसों के लालच में भरपूर साथ दिया। नाम हरी और काम शैतान से भी गिरे हुए…
हरी सिंह ने बीती एक मई को भतरौंजखान क्षेत्र में सड़क पर भटकते चार गौवंश को खदेड़ते हुए मोहनरी की रिची रोड पर सूनसान जगह तक पहुंचाया ताकि स्थानीय लोगों को उसकी करतूत पर किसी तरह का शक न हो।
जिसके बाद तीनों विधर्मी सलीम, इजराइल और इमरान धारदार हथियारों के साथ मौके पर पहुंचे। कुल्हाड़ी से बड़ी ही बेरहमी से प्रहार कर तीनों शैतानों ने चार गौवंशों की हत्या कर उन्हें सड़क से नीचे खाई में फेंक दिया। और मांस को मुरादाबाद में ठिकाने भी लगा दिया। बीते बृहस्पतिवार को मोहनरी में रिची रोड के नीचे खाई में चार गोवंश के कटे हुए क्षत-विक्षत अंग बिखरे पड़े मिले थे।
एसएसपी देवेंद्र पींचा ने मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपियों का पता लगाने के लिए तीन विशेष टीमों का गठन किया था। गोवंश के कटे अंग पोस्टमार्टम के लिए भिकियासैंण भेजे गए।
इस मामले में केदार बदरी गोरक्षा अंतरराष्ट्रीय परिषद के साथ ही विभिन्न संगठनों ने गोवंश की हत्या में शामिल लोगों की गिरफ्तारी की मांग की थी।
सच यह भी है कि यह तो एक मामला पकड़ में आ गया, उत्तराखंड में न जाने किस पहाड़ और मैदान के शहर में हर रोज ऐसे कितने ही गौवंश निर्दयतापूर्वक मार दिए जा रहे हों। क्योंकि सड़क पर भटकते गौवंशों की उत्तराखंड में कोई कमी नहीं है। हल्द्वानी, नैनीताल, लालकुआं, रामनगर, भीमताल, भवाली, अल्मोड़ा, रानीखेत हर जगह आपको बेजुबान सड़क पर भूखे प्यासे भटकते दिख जाएंगे।
अभी कुछ दिन पहले ही हल्द्वानी के नैनीताल रोड स्थित एक चर्च और स्कूल परिसर में गौवंश के मांस पकाने का मामला सामने आया था। प्रशासन और काठगोदाम थाना पुलिस ने मौके पर जाकर मांस के सैंपल भी लिए थे। लेकिन अब तक उस सैंपल की रिपोर्ट के बारे में कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं है।
इस मामले को प्रशासन के सामने लाने वाले गौ सेवक जोगेंद्र राणा जोगी समेत तमाम गौ सेवक भी मामले की लीपापोती से आक्रोशित हैं। गौ सेवकों ने गौ माता के साथ उत्तराखंड में हो रहे इस जुल्म के खिलाफ समाज के लोगों से एकजुट होने का आवाहन किया है।