हल्द्वानी, प्रेस15 न्यूज। मोदी सरकार ने 2019 लोकसभा के घोषणा पत्र में किए चार वादों को मार्च 2024 आते आते पूरा कर दिया है। सोमवार को नागरिकता संशोधन कानून (CAA) लागू कर दिया गया। इससे पहले राम मंदिर निर्माण, जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाने और तीन तलाक पर कानून बना चुकी मोदी सरकार ने अपना चौथा वादा नागरिकता संशोधन कानून (CAA) 2019 लागू कर पूरा कर दिया है।
नागरिकता संशोधन कानून पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के गैर मुस्लिम शरणार्थियों को भारत की नागरिकता प्रदान करेगा। हालांकि, ये कानून पूर्वोत्तर राज्यों के आदिवासी क्षेत्रों में लागू नहीं होगा।
इधर, गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस पार्टी तुष्टीकरण, वोट बैंक की राजनीति के कारण सीएए कानून का विरोध करती थी। प्रधानमंत्री मोदी ने उनको नागरिकता देकर उनको सम्मान देने का काम किया है।
उन्होंने कहा कि हमने वादा किया था कि हम कश्मीर से धारा-370 को समाप्त कर देंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने 5 अगस्त, 2019 को धारा-370 समाप्त कर दिया।
नागरिकता संशोधन कानून के तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई शरणार्थियों को भारत की नागरिकता मिलेगी। भारत के पड़ोसी देशों से धार्मिक उत्पीड़न के कारण 31 दिसंबर, 2014 से पहले आने वाले गैर मुस्लिम शरणार्थियों को भारत की नागरिकता प्रदान करेगा।
इस कानून को उन पूर्वोत्तर राज्यों में लागू नहीं किया जाएगा, जहां देश के अन्य हिस्सों के लोगों को यात्रा के लिए इनर लाइन परमिट (ILP) की जरूरत है। बता दें कि इनर लाइन परमिट पूर्वोत्तर के अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड, मिजोरम और मणिपुर में लागू है।
सोमवार को अधिसूचित कानून के नियमों का हवाला से बताया गया है कि जिन जनजातीय क्षेत्रों में संविधान की छठी अनुसूची के तहत स्वायत्त परिषदों का गठन किया गया था, उन्हें भी सीएए के दायरे से बाहर रखा गया है। ये स्वायत्त परिषदें असम, मेघालय और त्रिपुरा में अस्तित्व में हैं।