बरेली से हल्द्वानी में खूब खप रहा “मालामाल” नशा, आज पकड़ में आई UP25CY 0703

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हल्द्वानी प्रेस 15 न्यूज। जिस राज्य की नींव 72 शहादतों पर स्थापित हुई हो, उस शांत उत्तराखंड को खोखला करने में नशा तस्कर इस कदर हावी हो जाएंगे, किसी ने सोचा नहीं था। राज्य के 13 जिलों वाले उत्तराखंड में शायद ही कोई गांव शहर बचा हो जहां स्मैक जैसा नशा न खप रहा हो।

कुमाऊं का प्रवेश द्वार हल्द्वानी भी साल दर साल नशे के अवैध कारोबार की गिरफ्त में धंसता जा रहा है। यहां “मिशन ड्रग फ्री देवभूमि अभियान” मानो मजाक बन गया है। हल्द्वानी शहर में लगातार खुल रहे नशा मुक्ति केंद्र भी इस बात को साबित करने के लिए काफी हैं कि कैसे नशे ने युवा पीढ़ी को तबाह कर दिया है।

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सोचकर देखिए उस घर की हालात जिस घर का बेटा और बेटी नशे के जंजाल में फंसकर नशा मुक्ति केंद्रों को गुलजार कर रहे हैं। इन परिवारों के लिए क्या होली क्या दीपावली और क्या ईद…

हल्द्वानी में लगातार उत्तर प्रदेश और अन्य जिलों से यहां स्मैक खपाई जा रही है। कितने ही एसएसपी बदले लेकिन एक ने भी हल्द्वानी समेत नैनीताल जिले को स्मैक से मुक्त करने के प्रभावी कदम नहीं उठाए।

हल्द्वानी मतलब एक शहर नहीं बल्कि कुमाऊं के छह जिले हैं। यही से नशे की खेप पहाड़ और मैदान के छह जिलों तक पहुंचती है।

दरअसल, सच यह भी है कि घर परिवार के चिरागों को बर्बाद करने वाला ये नशा कई जिम्मेदारों के घर भी भर रहा है। यही वजह है कि साल भर पहले हल्द्वानी पहुंचे राज्य के तत्कालीन डीजीपी अभिनव कुमार के मुंह से निकला था कि नशे का कारोबार पुलिस की शह के बगैर नहीं पनप सकता।

नैनीताल पुलिस का “मिशन ड्रग फ्री देवभूमि” भी किसी कोरे मजाक से कम नहीं है। कोतवाली समेत विभिन्न थाना चौकियों के बाहर कूड़ा बीनते बच्चे और बड़े आपको हर रोज डाइल्यूटर और दूसरे नशों को सूंघते मिल जाएंगे।

यही नहीं शहर में खरीदारी को पहुंच रहे बुजुर्गों, युवाओं और महिलाओं के साथ भी छीनाझपटी और चोरी की वारदातों को भी अधिकतर नशेड़ी ही अंजाम देते हैं।

कौन नहीं जानता कि हल्द्वानी के काठगोदाम, मंगलपड़ाव, राजपुरा, गांधीनगर, कुसुमखेड़ा, लामाचौड़, कठघरिया, गौलापार जैसे तमाम इलाकों में अवैध नशों के कितने ठिकाने हैं लेकिन इन नशे से मालामाल होने वालों के ठिकानों पर कभी हल्द्वानी पुलिस का वार नहीं होता।

हाल ही में भाजपा के वरिष्ठ विधायक बंशीधर भगत ने भी एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा के सामने ही नशे के इन तमाम अड्डों की पोल खोली थी। लेकिन नतीजा वही ढांक के तीन पात जैसा। बरेली से लगातार नैनीताल जिले में स्मैक खप रही है लेकिन इक्का दुक्का को पकड़कर ऐसा जताएंगे मानो बहुत बड़ा तीर मार दिया हो और शहर में नशा खपाने वालों पर आँखें मुदेंगे।

आज एक बार फिर हल्द्वानी की बरेली रोड पर मोतीनगर के पास से UP25CY 0703 बाइक में सवार दो तस्कर 162.14 ग्राम अवैध स्मैक (कीमत लगभग 48 लाख) के साथ पकड़ में आए। जिनके खिलाफ कोतवाली हल्द्वानी पर एफआईआर 355/2025 धारा- 8/21/29/60 एनडीपीएस एक्ट पंजीकृत किया गया है।

पुलिस के मुताबिक, दोनों तस्कर बरेली के शीशगढ़ क्षेत्र से स्मैक लाकर हल्द्वानी में खपाने ला रहे थे।

ये है आरोपियों का नाम पता

तस्लीम खान पुत्र नन्हे खान निवासी ग्राम रोहनिया थाना बहेड़ी जिला बरेली, उम्र 36 वर्ष

मोहम्मद राशिद खान पुत्र आलम साह निवासी ग्राम परेवा वैश्य थाना जहानाबाद जिला पीलीभीत, उम्र 25 वर्ष

ये पहली बार नहीं है कि बरेली से स्मैक हल्द्वानी लाई गई हो। लेकिन साल में एक दो बार ही स्मैक तस्करों की खबर पुलिस और एसओजी को लगती है।

सच यह है कि हल्द्वानी शहर में हर रोज स्मैक का नशा खप रहा है। गरीब से लेकर अमीरों के बच्चे लगातार नशे के गर्त में धंस रहे हैं और जिम्मेदार मालामाल। अब हल्द्वानी की यही कहानी भर है। ऐसे में राज्य के मुखिया पुष्कर सिंह धामी का “मिशन ड्रग फ्री देवभूमि 2025” कम से कम नैनीताल जिले में साकार होता नजर नहीं आ रहा है।

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संजय पाठक

संपादक - प्रेस 15 न्यूज | अन्याय के विरुद्ध, सच के संग हूं... हां मैं एक पत्रकार हूं

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