
हल्द्वानी, प्रेस 15 न्यूज। हल्द्वानी में एक से बढ़कर एक प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी रहती है। हर किसी का अपना जलवा है। सबकी अपनी अपनी मीडिया मैनेजमेंट टीम भी है जो अधिकारियों के छींकने से लेकर छापामार कार्रवाई तक 24× 7 उनके साथ रहती है। यानि जैसी अधिकारी की मर्जी वैसा कैमरा मैनेजमेंट…
हल्द्वानी में काबिज अधिकतर प्रशासनिक अधिकारियों की कार्यशैली की ये कहानी आपको इसलिए सुनाने को विवश हुए हैं क्योंकि हल्द्वानी जैसे शहर में कई मामलों में खुलेआम नियम कायदों की धज्जियां उड़ रही हैं लेकिन जिम्मेदार अधिकारी खामोश बने रहते हैं। क्यों बने रहते हैं ये तो जनता समझती ही है।
अधिकारी शिकायत का इंतजार करते हैं और इस अवस्था में आ चुके हैं कि कोई आए और नियम तोड़ने वालों के खिलाफ लिखित शिकायत करे, हम अपने आप से कोई कार्रवाई नहीं करेंगे।
अब सोचिए क्या कोई आम आदमी माफियाओं के खिलाफ आवाज उठाने की हिमाकत कर सकता है?
हल्द्वानी के राजपुरा क्षेत्र में लंबे समय से अवैध खनन का कारोबार जोरों से चल रहा है। हालाकि राजपुरा क्षेत्र में सट्टा माफिया, चरस, अवैध शराब, ब्याज माफिया का जाल भी फैला है।
लेकिन आज बात अवैध खनन की डंपिंग और तेज गति से मौत बनकर दौड़ रहे ट्राली और डंपरों की करते हैं। लंबे समय से स्थानीय लोग खनन माफिया की अंधेरगर्दी से परेशान हैं लेकिन जो मजाल लाव लश्कर वाले किसी अधिकारी की निगाह इस खेल पर पड़ जाए।
भाकपा माले नैनीताल जिला कमेटी ने आज हल्द्वानी के राजपुरा क्षेत्र में अवैध खनन की डंपिंग और तेज गति से मौत बनकर दौड़ रहे ट्राली और डंपरों पर रोक लगाने की मांग को लेकर एक ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट हल्द्वानी एपी बाजपेई को सौंपा।

ज्ञापन में कहा गया कि राजपुरा क्षेत्र में श्मशान घाट वाली रोड पर धड़ल्ले से अवैध खनन की डंपिंग करके ट्राली और डंपर भरान करके सड़क पर खुले आम दौड़ रहे हैं। आम जनता खास तौर पर बच्चों की जान माल का लगातार खतरा बना हुआ है।
आबादी को खतरे के साथ साथ इस अवैध खनन की डंपिंग और खनन से कटान होने के कारण बरसात के मौसम में राजपुरा क्षेत्र समेत हल्द्वानी नगर को भी नुकसान होने का खतरा बना हुआ है।
भाकपा माले ने सिटी मजिस्ट्रेट हल्द्वानी से मौका मुआयना करके अवैध खनन की डंपिंग और मौत के रूप में दौड़ रहे ट्रॉली डंपरों पर रोक लगाने की मांग की, जिससे जनता राहत महसूस करे।
ज्ञापन देने वालों में भाकपा माले नैनीताल जिला सचिव डॉ. कैलाश पाण्डेय, माले राज्य स्थायी समिति सदस्य केके बोरा, अफ़सर अली शामिल थे।

