Model Code of Conduct: Loksabha Election 2024: लागू होने वाली है आदर्श आचार संहिता, जानें वोटर और नेताओं के लिए क्या क्या होंगी पाबंदियां

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Model Code of Conduct: Loksabha Election 2024: देहरादून, प्रेस15 न्यूज। जल्द ही देश में लोकसभा चुनाव 2024 की तारीखों की घोषणा हो सकती है। इस बार 18वीं लोकसभा के लिए चुनाव होने वाले हैं।

16 मार्च को चुनाव आयोग चुनाव की तारीखों का एलान करेगा। इससे पहले केंद्र सरकार ने गुरुवार को नए चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति को लेकर अधिसूचना जारी कर दी।

पूर्व नौकरशाह ज्ञानेश कुमार और उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव सुखविंदर संधू को नया चुनाव आयुक्त बनाया गया है। जबकि मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।

ऐसे में अब चुनाव आयोग पूरे दमखम के साथ चुनाव संपन्न कराने में जुट गया है।। अगले कुछ दिनों बाद देश में आदर्श आचार संहिता लागू हो जाएगी, जिससे बाद वोटर्स से लेकर राजनीतिक दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं के लिए कई तरह की पाबंदियां भी लग जाएंगी।

आपको बता दें कि पारदर्शी और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग ने आदर्श आचार संहिता के रूप में कुछ नियम और मानक तय किए हैं, जिनका सभी राजनीतिक पार्टियों और उम्‍मीदवारों को अनिवार्य तौर पर पालन करना होता है। हालाकि यह भी सच है कि राजनीतिक दल इन नियमों को तोड़ने या यूं कहें कुचलने से बाज नहीं आते।

आचार संहिता के तहत, चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों, उम्मीदवारों के साथ साथ मतदाताओं के लिए भी कई नियम कायदे तय किए हैं। आप भी जानिए ये नियम क्या क्या हैं….

– मतदान से 48 घंटे पहले चुनाव प्रचार, सार्वजनिक सभाएं सभी पर प्रतिबंध लागू हो जाता है।

-राजनीतिक दल या किसी उम्‍मीदवार के घर के सामने विरोध प्रदर्शन व धरना न किया जाए।

– मतदाताओं को रिश्‍वत देना, उन्‍हें डराना, धमकाना, मतदान केंद्र से 100 मीटर की दूरी के भीतर प्रचार-प्रसार करना आपराधिक गतिविधि मानी जाएगी।

– नेता अपने समर्थकों को किसी व्यक्ति की अनुमति के बिना उसकी भूमि, भवन, परिसर की दीवारों आदि पर झंडा लगाने, बैनर लटकाने की अनुमति नहीं दे सकते।

– सरकार की नीतियों व कार्यों की आलोचना करें, किसी नेता या कार्यकर्ता के निजी जीवन पर टिप्‍पणी न करें।

-किसी जाति या संप्रदाय की भावनाओं का उपयोग करते हुए वोट डालने की अपील न करें।

– मंदिर, मस्जिद या पूजा के किसी अन्य स्थान का उपयोग चुनाव प्रचार के लिए न हो।

-किसी दल की ओर से उन स्थानों के आसपास जुलूस न निकाला जाए, जहां दूसरे दलों की बैठक चल रही हो।

– एक दल के लगाए गए पोस्टर दूसरे दल के कार्यकर्ताओं की ओर से हटाए न जाएं।

-मतदाताओं को दी जाने वाली पर्ची सादे कागज पर हो, उस पर किसी तरह का चिन्‍ह, प्रत्‍याशी या पार्टी का नाम न हो।

-मतदान वाले दिन और उससे 48 घंटे पहले किसी को शराब वितरित न की जाए।

-मतदान केंद्र के पास लगाए जाने वाले कैंपों में पोस्‍टर, झंडा, प्रतीक या अन्‍य प्रचार सामग्री न प्रदर्शित न हो।

– सरकार के मंत्री और विधायक, आधिकारिक दौरे के वक्‍त चुनाव प्रचार न करें।

-सरकारी विमानों और गाड़ियों का उपयोग पार्टी के हित के लिए ना करें।

-सरकारी मशीनरी और कर्मचारियों को इस्‍तेमाल पार्टी हित में ना करें।

-सरकारी फंड से पार्टी का प्रचार-प्रसार न करें।

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संजय पाठक

संपादक - प्रेस 15 न्यूज | अन्याय के विरुद्ध, सच के संग हूं... हां मैं एक पत्रकार हूं

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