सुनो मित्र पुलिस ! हल्द्वानी में हर दिन बेटियों को मानसिक आघात देते हैं कपूत

खबर शेयर करें -

हल्द्वानी, प्रेस 15 न्यूज। हल्द्वानी में एक के बाद एक बहन बेटियों के साथ हो रहे अपराधों ने हर मां बाप को चिंतित और परेशान कर दिया है। घर से बाहर बेटियों के जाने और वापस उनके घर आने तक मां बाप की धड़कनें तेज रहती हैं। चिंता बस इतनी कि उनकी गुड़िया रानी सुरक्षित होगी या नहीं।

लेकिन सच यह है कि घर से हंसती मुस्कुराती बेटियां जब स्कूल कॉलेज या दूसरे काम से निकलती हैं तो उन्हें रास्ते में ऐसे कई शैतान मिलते हैं जो उन पर अपनी गंदी परवरिश की काली नजर डालने से नहीं चूकते। इन गंदी नजरों में छोटी उम्र से लेकर अधेड़ उम्र वाले पुरुष शामिल होते हैं। सोचिए कैसे बेटियां इन शैतानों से बचते बचाते स्कूल कॉलेज पहुंचती होंगी?

आज हम बात भले हल्द्वानी की बेटियों की कर रहे हैं लेकिन ये हाल जिले के हर गांव शहर का है। बेटियां हर जगह संस्कारों के बिना पलते कपूतों और हवस से भरे अधेड़ पुरुषों की गंदी नजर और टिप्पणियों से परेशान हैं।

हल्द्वानी में बेटियों के लिए घर से बाहर भय मुक्त वातावरण बनाने और सुरक्षित महसूस करवाने के उद्देश्य से आज सरकारी विभागों की जिम्मेदार पदों में बैठी महिला अधिकारी कालाढूंगी रोड स्थित जीजीआईसी पहुंची।

जब अपर निदेशक (प्रशिक्षण) ऋचा सिंह और बाल विकास अधिकारी शिल्पा जोशी ने मंच से छात्राओं से ऐसे स्थानों के बारे में पूछा जहां पर वह असुरक्षित महसूस करती हैं, तो छात्राओं के दिलोदिमाग में बसा दर्द छलक उठा।

सड़क पर सुरक्षा को लेकर छात्राओं की बात सुनती अपर निदेशक (प्रशिक्षण) ऋचा सिंह।

छात्राओं ने एक सांस में बताया कि हर रोज हीरानगर में योगा पार्क के पास, गौलापार बागजाला वाला रास्ता, त्रिमूर्ति मंदिर के पास कमलुआगांजा, लालडांठ चौराहा, 03 नंबर फार्म डहरिया, जवाहरनगर, अम्बेडकर नगर, शनि बाजार, समता आश्रम गली, वर्कशॉप लाइन तिकोनिया, डहरिया, जज फार्म क्रियाशाला रोड, एमबी इंटर कॉलेज के आसपास, दुर्गा सिटी सेंटर, भोटिया पड़ाव, पनचक्की चौराहा, शनि बाजार, इंद्रा नगर, मंगलपड़ाव, गांधी स्कूल से सुशीला तिवारी वाली सड़क के पास से गुजरने पर उन्हें इंसानी भेष में भेड़िए मिलते हैं जिनमें युवाओं से लेकर बुजुर्ग शामिल होते हैं।

बेबाकी से हल्द्वानी की सड़कों पर घूमते शैतानों के बारे में अधिकारियों को बताती एक होनहार छात्रा।

छात्राओं ने बेबाकी के साथ वो सब बताया जो वो स्कूल आने और जाने के दौरान हर रोज झेलती हैं। छात्राओं ने बताया कि स्कूल की छुट्टी के समय गेट के पास लफंगे लड़के खड़े होकर छेड़खानी करते हैं और घर तक पीछा करते हैं और ऑटो वाले जबरदस्ती बैठाने के लिए भीड़ लगा लेते हैं।

छात्राओं ने बताया कि सड़क पर कई जगह युवक झुंड बना कर खड़े रहते हैं, और सड़क किनारे ही शराब और दूसरे नशे का सेवन करते हैं। लड़कियां देखते ही गाड़ी स्पीड से चलाते हैं और आते जाते छेड़ते हैं।

कार्यशाला में बालिकाओं ने स्कूलों के आसपास छुट्टी के समय पुलिस की गश्त, ऑटो चालक और ई रिक्शा चालक का सत्यापन, ऑटो या रिक्शा स्टैंड के साथ अन्य चिन्हित स्थानों पर पुलिस पेट्रोलिंग समेत कई सुझाव भी दिए।

अपर निदेशक (प्रशिक्षण) ऋचा सिंह ने बताया कि कार्यशाला में बेटियों के लिए चिन्हित असुरक्षित स्थानों और कारणों के साथ समिति अपनी रिपोर्ट डीएम को प्रेषित करेगी ताकि कार्रवाई हो सके।

कार्यक्रम में डा. आयुषी ने महिला स्वास्थ संबंधी जानकारी दी। इस मौके पर एएसआई ज्योति कोरंगा, जिला प्रोबेशन कार्यालय से तबस्सुम, सुपरवाइजर सुशीला ग्वाल मौजूद रहीं। कार्यक्रम का सफल संचालन यशोदा साह ने किया।

ऐसे में सवाल उठता है कि असामाजिक तत्वों के खिलाफ उत्तराखंड की मित्र पुलिस क्या कर रही है? क्या पुलिस को यह जानकारी नहीं कि स्कूल कॉलेज की छात्राओं को किन किन जगहों पर शोहदे और कपूत परेशान करते हैं?

सच्चाई ये है कि खुद को मित्र पुलिस से सुशोभित करने वाली मित्र पुलिस कभी भी दिखावे और मीडिया में छाने की मंशा से बाहर निकली ही नहीं। हर बार सिर्फ और सिर्फ दिखावे और खानापूर्ति के कार्यक्रम हुए, जिसकी पोल आज और कुछ दिन पहले एमबीपीजी की कार्यशाला में छात्राओं ने खोलकर रख दी।

केवल और केवल मीडिया की सुर्खियां बटोरने के बजाय अगर हकीकत में नैनीताल पुलिस के जिम्मेदार हल्द्वानी की सड़क पर बेटियों को सुरक्षित महसूस कराने के लिए प्रयास करते तो आज बेटियां स्कूल कॉलेज आने जाने में यूं डरी सहमी नहीं रहती। फिर पुलिस को स्कूलों के बाहर छुट्टी के समय खड़े होने का ड्रामा भी नहीं करना पड़ता, जैसा एक दो दिन पहले हल्द्वानी, नैनीताल में किया गया।

हमेशा हर बार वारदात के बाद पुलिस के जिम्मेदारों का जागने का ढोंग और कैमरों के जरिए मीडिया में गुड वर्क साबित करने का छद्म प्रयास होता रहा।

पिछले कुछ दिनों में हल्द्वानी की जनता ने ज्वेलर्स की दुकान से लेकर सड़क चौराहों में एसएसपी, एसपी तक को उतरते देखा जो ये संदेश देने को कोशिश कर रहे थे कि नैनीताल पुलिस अपराध और अपराधियों के खिलाफ सजग और गंभीर है।

लेकिन पुलिस कितनी सजग और गंभीर है, इसकी सच्चाई वही लोग बता सकते हैं जो आए दिन हल्द्वानी की सड़कों पर बेखौफ घूमते अपराधियों का शिकार बन रहे हैं। अभी दो दिन पहले ही मुखानी थाने के बगल से चेन स्नैचर एक बुजुर्ग माता का गले से सोने की चेन झपट ले गए। और चार दिन पीछे जाइए जब कोतवाली से चंद दूरी पर चेन स्नैचर का शिकार एक महिला बनी थीं।

अभी कल ही शिक्षक दिवस के दिन हल्द्वानी की एक शिक्षिका लामाचौड़ के पास दिनदहाड़े ऑटो चला रहे एक इंसानी भेड़िए का शिकार होते होते बची। ये हाल तब जबकि लामाचौड़ से हल्द्वानी तक जगह जगह नैनीताल पुलिस के सीपीयू जवान नियम तोड़ते वाहन चालकों का चालान काटने के लिए खड़े रहते हैं लेकिन सिर्फ चालान… अगर ऐसा नहीं तो कैसे उस शैतान ऑटो चालक के दिमाग में एक बार भी पुलिस नहीं आई?

ऐसे तमाम वाकए हैं जब अपराधियों ने बेलगाम होकर हल्द्वानी पुलिस को सलामी दी।

लेकिन अपराधियों को पकड़ने और सख्त संदेश देने का बजाय पुलिस ने कैमरा लेकर सड़क पर निकलना ही बेहतर समझा ताकि आम लोगों के साथ साथ खास लोगों को भी लगे कि पुलिस कितनी सक्रिय है। ये ठीक वैसे ही है जैसे सांप निकलने का बाद लाठी पीटना… लेकिन सुनने वाला कौन… ऐसे में पुलिस की जवाबदेही भी तय करे कौन…

यही वजह है कि हल्द्वानी में आज दिन तक वो माहौल नहीं बन सका जिससे बहन बेटियां खुद को सुरक्षित महसूस कर सकें। नैनीताल जैसे वीवीआईपी जिले की एसएसपी की कुर्सी पर दिग्गज आईपीएस काबिज होते रहे। कुछ ने ईमानदारी से प्रयास भी किए जिसका असर कुछ समय तक बहन बेटियों ने हल्द्वानी और जिले में देखा भी लेकिन आज फिर शहर की बहन बेटियां खुद को डरा सहमा और असुरक्षित महसूस कर रही हैं।

What’s your Reaction?
+1
2
+1
2
+1
0
+1
0
+1
0

संजय पाठक

संपादक - प्रेस 15 न्यूज | अन्याय के विरुद्ध, सच के संग हूं... हां मैं एक पत्रकार हूं

सम्बंधित खबरें