ऋषिकेश, प्रेस 15 न्यूज। उत्तराखंड में शराब माफिया बेलगाम और अराजक हो चुके हैं। मानो पुलिस और प्रशासन का उन्हें कोई खौफ ही नहीं है।
लेकिन जब कोई योगेश डिमरी जैसा स्वतंत्र पत्रकार अपनी जान की बाजी लगाकर उत्तराखंड की धरती से गंदगी साफ करने का बीड़ा उठाता है तो उसे जनसामान्य का साथ तक नहीं मिलता। सिवाय फेसबुक और यूट्यूब पर कमेंट के अलावा लोग जमीन पर समर्थन के लिए नहीं आते।
यही वजह है आज योगेश डिमरी अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं और उत्तराखंड में बहुत से लोगों को अब तक उनके साथ शराब माफिया की दरिंदगी का पता भी नहीं होगा।
तय मानिए आज भले शराब माफिया के हमले में पत्रकार योगेश डिमरी जिंदगी की जंग लड़ रहे हों लेकिन ये हमला सिर्फ उन पर नहीं बल्कि हर उस उत्तराखंडी के ऊपर है जिसके सीने में उत्तराखंड बसता है। जो समृद्ध उत्तराखंड का सपना देखता है।
इधर, ऋषिकेश एम्स में भर्ती पत्रकार योगेश डिमरी पर हुए हमले के बाद स्वतंत्र पत्रकारों में रोष है। सोमवार दोपहर 12 बजे पत्रकारों का प्रतिनिधिमंडल ऋषिकेश कोतवाली में शराब माफिया के दुस्साहस और पत्रकार योगेश डिमरी के लिए न्याय की मांग करेगा।
रविवार को धर्मनगरी ऋषिकेश में शराब माफिया के इसी काले खेल को बेनकाब करने वाले आंवला न्यूज के संपादक योगेश डिमरी पर शराब माफियाओं ने जानलेवा हमला कर ये दर्शा दिया कि कानून उनके ठेंगे पर है।
आंवला न्यूज के संपादक योगेश डिमरी आज अस्पताल के बेड पर जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं। योगेश डिमरी के सिर पर गंभीर चोटें आई हैं,15 टांके हैं। जबड़ा तोड़ा गया है और पैर में फैक्चर और गंभीर चोट हैं। बमुश्किल माफिया के हमले में पत्रकार योगेश की जान बची।
आपको बताते चलें कि आंवला न्यूज के संपादक योगेश डिमरी लंबे समय से अवैध शराब की तस्करी पर रिपोर्टिंग कर रहे थे। जो काम ऋषिकेश पुलिस और प्रशासन को करना चाहिए था, वह काम पत्रकार कलम और कैमरे की मदद से कर रहा था। परिणाम यह हुआ कि शराब माफिया और अराजक तत्वों ने उन पर जानलेवा हमला कर दिया।