
रुद्रप्रयाग, प्रेस 15 न्यूज। सनातन आस्था का प्रमुख केंद्र केदारनाथ मंदिर के कपाट गुरुवार को शीतकाल के लिए विधि विधान के साथ बंद हो गए हैं। विश्व प्रसिद्ध ग्यारहवें ज्योतिर्लिंग श्री केदारनाथ धाम के कपाट आज भैया दूज, कार्तिक शुक्ल सप्तमी, अनुराधा नक्षत्र के पावन अवसर पर प्रातः 08:30 बजे विधिवत रूप से बंद हुए।
कपाट बंद होने से पूर्व मंदिर को पुष्पों से भव्य रूप में सजाया गया । सेना के बैंड की भक्ति धुनों और “जय बाबा केदार” के जयघोष के साथ मंदिर परिसर श्रद्धाभाव से गूंज उठा। ठंडे मौसम के बावजूद लगभग 10 हजार श्रद्धालु कपाट बंद होने की ऐतिहासिक घड़ी के साक्षी बने।
कपाट बंद करने की प्रक्रिया के अंतर्गत ब्रहममुहूर्त में श्री केदारनाथ धाम के मुख्य पुजारी बागेशलिंग एवं आचार्यगणों द्वारा यज्ञ, हवन एवं समाधि पूजन किया गया। तत्पश्चात भगवान केदारनाथ के स्वयंभू शिवलिंग को स्थानीय पुष्पों—कुमजा, बुकला, राख, ब्रह्मकमल, सूखे पुष्प-पत्रों से ढककर समाधि रूप दिया गया। इसके बाद गर्भगृह के द्वार जय बाबा केदार के उदघोष के साथ शीतकाल हेतु बंद किए गए।
इस वर्ष कुल 17,68,795 श्रद्धालुओं ने बाबा केदार के दर्शन किए, जो पिछले वर्ष 2024 के 16,52,076 तीर्थयात्रियों की तुलना में लगभग सवा लाख अधिक है।
कपाट बंद होने के पश्चात बाबा केदार की पंचमुखी उत्सव डोली आज प्रस्थान कर प्रथम पड़ाव रामपुर में रात्रि विश्राम हेतु पहुंचेगी। कल शुक्रवार, 24 अक्टूबर को डोली श्री विश्वनाथ मंदिर, गुप्तकाशी पहुंचेगी, जहां रात्रि विश्राम के पश्चात शनिवार, 25 अक्टूबर को शीतकालीन गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर, ऊखीमठ के लिए प्रस्थान करेगी।
इस मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी खास तौर पर केदारनाथ पहुंचे, उन्होंने श्री केदारनाथ धाम में विशेष पूजा-अर्चना करते हुए, प्रदेशवासियों की सुख, समृद्धि और कल्याण की कामना की। मुख्यमंत्री ने स्थानीय तीर्थ पुरोहितों और तीर्थयात्रियों से भी बातचीत की। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि इस वर्ष रिकॉर्ड संख्या में श्रद्धालु बाबा केदार के दर्शन हेतु पहुंचे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यात्रा के दौरान प्राकृतिक आपदा को छोड़कर संपूर्ण यात्रा अवधि में व्यवस्थाएं सुचारु रहीं। शीतकालीन अवधि में भी श्री केदारनाथ धाम में सुरक्षा व्यवस्था सुदृढ़ रहेगी और शीतकालीन पूजाओं को प्रोत्साहित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार के सुनियोजित प्रयासों से इस बार की चार धाम यात्रा सफल और सुचारू रूप से संपन्न हुई। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा ना सिर्फ प्रदेश की आर्थिकी में अहम योगदान देती है, बल्कि देवभूमि उत्तराखंड को दुनिया भर में रहने वाले सनातन धर्मावलंबियों से भी जोड़ती है।
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर केदारनाथ धाम क्षेत्र में चल रहे विकास कार्यों का स्थलीय निरीक्षण करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मे नेतृत्व में उत्तराखंड के चार धामों के साथ ही मानसखंड से जुड़े मंदिरों में भी विभिन्न विकास कार्य पूरे किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वर्ष 2026 की यात्रा के लिए अभी से रणनीति तय की ली जाए, ताकि समय रहते यात्रा प्रबंध पूरे किए जा सकें, उन्होंने यात्रा को सकुशल सम्पन्न कराने में तीर्थ पुरोहितों, हक हकूकधारियों, स्थानीय कारोबारियों और तीर्थ यात्रियों का विशेष आभार व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस वर्ष चारधाम यात्रा में रिकॉर्ड तीर्थयात्री पहुंचे, बाबा केदार के धाम की यात्रा अब सकुशल सम्पन्न हो चुकी है। हम सब पर बाबा का आशीर्वाद बना रहे, प्रदेश सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में उत्तराखंड को सनातन धर्म की आध्यात्मिक राजधानी के तौर पर विकसित कर रही है।








