आखिर क्या है इन सपोलों का इलाज? ट्रैक पर दौड़ रही थी काठगोदाम देहरादून एक्सप्रेस और सामने रख दिया खंभा

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रुद्रपुर, प्रेस 15 न्यूज। समझ नही आता आखिर उत्तराखंड के गांव शहरों में छुपे इन असामाजिक तत्वों या यूं कहें शैतानों का क्या इलाज है। क्योंकि कानून, पुलिस और प्रशासन का कोई खौफ इन जाहिलों और शैतानी दिलो दिमागवालों के मन में नहीं है।

काठगोदाम देहरादून एक्सप्रेस गाड़ी संख्या 12091 बुधवार रात को देहरादून से वापस काठगोदाम आ रही थी। इसी बीच रुद्रपुर बॉर्डर से सिटी क्षेत्र की बलवंत एनक्लेव कालोनी के पीछे रेलवे लाइन पर खंभा संख्या 45/10 और 11 के बीच लोहे का भारी भरकम पोल रखा मिलने से हड़कंप मच गया। सोचिए सैकड़ों यात्रियों की जान खतरे में डालने की साजिश थी।

रुद्रपुर के पास ट्रेन के लोको पायलट की नजर रेलवे लाइन पर गिरे बिजली के खंभे पर पड़ी तो वह भी अचंभित रह गए। लोको पायलट ने आनफानन में सूझबूझ दिखाते हुए ट्रेन को रोक दिया।

जिसके बाद बिजली के खंभे को ट्रैक से हटाया गया और फिर ट्रेन रवाना हुई। 9:45 पर एक्सप्रेस ट्रेन को रुद्रपुर रेलवे स्टेशन पहुंचना था। जबकि वह 10 मिनट देरी से चल रही थी। ट्रेन 10:15 पर रेलवे स्टेशन रूद्रपुर पहुंची। तब जाकर ट्रेन के लोको पायलट ने स्टेशन अधीक्षक और जीआरपी पुलिस को मामले की जानकारी दी।

सूचना पर स्थानीय पुलिस और जीआरपी के जिम्मेदार अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए। इस घटना ने सबकी नींद उड़ा दी। हालाकि यात्रियों की जान को खतरे में डालने वाला शैतान अब तक पुलिस और जीआरपी के पकड़ में नहीं आ सका है।

उत्तराखंड में रेलवे ट्रेक में हुई इस शैतानी करतूत ने एक बार फिर पुलिस और कानून व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी है। अपराधी मानसिकता या यूं कहें इंसानियत के दुश्मनों को पुलिस प्रशासन और देश के कानून का कोई खौफ नहीं रह गया है।

सोचिए अगर ट्रेन की रफ्तार तेज होती और ट्रेन ट्रेक से गुजर जाती तो कितना बड़ा हादसा हो सकता था। गनीमत रही ऐसा नहीं हुआ और शैतानी मंसूबा सफल नहीं हुआ।

अब भविष्य में कोई सपोला ऐसी हिमाकत न करे, इसके लिए सुरक्षा एजेंसियों को इस साजिश के गुनहगारों को पकड़कर और बेनकाब करके ही दम लेना चाहिए।

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संजय पाठक

संपादक - प्रेस 15 न्यूज | अन्याय के विरुद्ध, सच के संग हूं... हां मैं एक पत्रकार हूं

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