काशीपुर की ग्राम प्रधान प्रत्याशी को हाईकोर्ट से मिली राहत, हैरान करने वाली है नामांकन निरस्त की कहानी

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नैनीताल, प्रेस 15 न्यूज। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने रिटर्निग अधिकारी द्वारा ग्राम प्रधान उम्मीदवार का नामांकन पत्र निरस्त करने के मामले में याची को चुनाव में प्रतिभाग करने की अनुमति दे दी है।

मुख्य न्यायधीश जी.नरेंद्र और न्यायमूर्ती आलोक मेहरा की खण्डपीठ ने मामले के अनुसार, काशीपुर के फिरोजपुर मानपुर निवासी नेहा गौतम का नामांकन पत्र इस आधार पर निरस्त कर दिया गया था कि उनकी माता वन विभाग की भूमि पर अतिक्रमणकारी हैं, और नेहा का अपनी माँ के घर आना जाना लगा रहता है।

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इस नामांकन निरस्त की प्रक्रिया को नेहा गौतम ने उच्च न्यायालय में चुनौती देते हुए कहा कि वो विवाहित है और अपने ससुराल में रहती हैं।

नेहा ने न्यायालय को बताया कि उनकी माता को वन विभाग से अतिक्रमण का कोई नोटिस नहीं दिया गया है और ना ही उनके खिलाफ कोई कार्यवाही आज तक अमल में लाई गई है। उनका नामांकन गलत तरीके से निरस्त किया गया है।

आज मुख्य न्यायधीश की खण्डपीठ ने मामले को सुनने के बाद याचिकाकर्ता को राहत देते हुए चुनाव में प्रतिभाग करने की अनुमति दे दी है। खंडपीठ ने याचिका लेकर आए अन्य आपराधिक मुद्दों, नो ड्यूस और अतिक्रमण के मामलों में हुए नामांकन अस्वीकार में राहत देते हुए निर्वाचन अधिकारी को उन्हें जोड़ने को कहा है।

(नैनीताल से वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट)

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संजय पाठक

संपादक - प्रेस 15 न्यूज | अन्याय के विरुद्ध, सच के संग हूं... हां मैं एक पत्रकार हूं

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