

नैनीताल, प्रेस 15 न्यूज। पर्यटन सीजन के नाम का हो हल्ला और एसी दफ्तरों में मीटिंग लेने में व्यस्त नैनीताल प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी जिले के पर्यटक स्थलों के रखरखाव के प्रति कितना संजीदा हैं , इसकी एक बानगी आपको इस खबर को पढ़ने के बाद पता चलेगी।
नैनीताल की सडियाताल (सरिताताल) झील के सड़ने से वुडलैंड वाटरफॉल में दुर्गंध आ रही है। पर्यटक, इस प्रवेश द्वार के बोर्ड में लिख गए कि “ये पार्क बहुत गंदा है और इसमें अंदर दुर्गंध आती है”।
नैनीताल कालाढूंगी मार्ग में लगभग 7 किलोमीटर दूर सरिताताल झील है। वहां पर्यटन गतिविधियां होती हैं। वहां झील के अलावा एक सुंदर वाटर फॉल भी है, जिसकी देखरेख वन विभाग करता है।
वाटर फॉल में प्रवेश के लिए प्रत्येक पर्यटक को पचास रुपये देने पड़ते हैं। यहां, प्रतिदिन 800 से 1100 पर्यटक झरने को देखने आते हैं। इससे विभाग को लगभग 50 से 60 हजार रुपये प्रतिदिन प्राप्त होते हैं। यहां के नियमों में टिकट खरीद के एक घंटे के भीतर पार्क में प्रवेश करना होगा।
तीन चरणों में बने झरने में ऊपर से नीचे तक दुर्गंध ही दुर्गंध महसूस हो रही है। बीते वर्षों तक अत्यंत स्वच्छ इस झरने में अब हरी काई (एल्गी)की जगह ग्रे रंग की गंदगी दिख रही है।
पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र इस झरने को देखने के लिए शनिवार को एक हजार से अधिक पर्यटकों ने दौरा किया जिससे ₹58,000 से अधिक का मुनाफा हुआ था। रविवार दोपहर तक भी इतने ही लोग वहां पहुंचे।
दिल्ली से आई पर्यटक जानविका ने कहा कि इस बेहतरीन जगह का नाम सुनकर यहां पहुंचे। यहां दूर से ही गंदी बू आ रही है।
बिहार से आए आकाश कुमार ने तो बहुत नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि, यहां दूर से ही दुर्गंध आ रही है और पानी में जाने में भी गंदा महसूस हो रहा था। इसका टिकट लिया जा रहा है तो इसकी देखरेख करने वाली एजेंसी ने साफ सफाई की व्यवस्था करनी चाहिए।
सरिताताल झील के समीप व्यापार करने वाले रविन्द्र सिंह बिष्ट बताते हैं कि झील के पानी की निकासी लंबे समय तक नहीं की जाति है। इसमें, फड़ व अन्य दुकानों का गंदा समाता है, जिससे झील सड़ने लगी है। उन्होंने शिकायत की है, लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं है। वन क्षेत्राधिकारी की तरफ से भी पानी में दुर्गंध की शिकायत की गई, लेकिन अभी तक समाधान नहीं निकला है।
(✍️नैनीताल से वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट)



