नैनीताल में जल संस्थान ने खतरे में डाली लोगों की जान, राहत के लिए पुलिस, फायर, SDRF, NDRF ने संभाला मोर्चा

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नैनीताल, प्रेस 15 न्यूज। सरोवरनगरी नैनीताल में आज शाम करीब 3:50 बजे उस समय अफरातफरी मच गई जब जल संस्थान सूखाताल में क्लोरीन गैस का रिसाव हो गया। जल संस्थान के जिम्मेदारों की इस गैर जिम्मेदाराना हरकत ने कई लोगों की जिंदगी खतरे में डाल दी।

सूचना पर पहुंची पुलिस, फायर, SDRF, NDRF फोर्स के साथ मौके पर राहत बचाव कार्य शुरू किया। सांस लेने में दिक्कत और उल्टी की शिकायत पर कुछ लोगों को बीडी पांडे अस्पताल में भी भर्ती कराया गया। हालाकि उपचार के बाद उनकी हालत में सुधार है।

सबसे ज्यादा परेशानी बुजुर्गों और बच्चों को हुई। सुरक्षा को देखते हुए आसपास के 25-30 घर तुरंत खाली करवा दिए गए। करीब 100 लोगों को उनके घरों से शिफ्ट किया गया।

राहत दल ने प्राथमिक रूप से गैस सिलिण्डर को हटाने का प्रयास भी किया। गैस सिलिण्डर के अधिक भारी होने तथा गैस के रिसाव के कारण सिलिण्डर को तत्काल हटाया जाना सम्भव नहीं था।

राहत व बचाव कार्य के लिए एसडीआरएफ की टीम खैरना से तथा एनडीआरएफ की टीम भवाली से मौके पर पहुंची। जिसके बाद क्लोरीन गैस सिलिण्डर को सुरक्षित रूप से निकालकर जेसीबी के माध्यम से सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया। इस दौरान आमजन को क्लोरीन गैस के रिसाव के दौरान व्यक्तिगत सुरक्षा के दृष्टिगत सावधानी बरतने के बारे में बताया गया।

आमजन से अपील की गई है कि क्लोरीन गैस के रिसाव की स्थिति में इसकी चपेट में आने वाले व्यक्तियों की आंखों में तेज जलन तथा सांस लेने में कठिनाई होती है। ऐसा होने पर तत्काल खुले एवं ऊँचे स्थान पर जाकर साफ हवा के सम्पर्क में आएं।

आंखों में जलन होने पर अपनी आंखों को 10-15 मिनट तक साफ गुनगुने पानी से धोएं तथा साफ गीले कपडें से आंखों का ढकें। अगर क्लोरीन के सम्पर्क में आ गए हैं और त्वचा पर क्लोरीन जम गई है तों तुरन्त सभी कपड़े बदलकर साफ पानी से स्नान कर लें।

सांस सम्बन्धी किसी परेशानी की स्थिति में निकटतम चिकित्सालय में जाकर परीक्षण करा लें। क्लोरीन गैस के सम्पर्क में आई वस्तुओं को यथासम्भव न छुएं एवं उनसे दूरी बनाकर रखें। किसी भी प्रकार की घबराहट, जल्दबाजी व अफवाह बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती है, अतः दूसरों को भी सुरक्षात्मक उपाय बताते हुए शांति बनाए रखें।

खबर लिखे जाने तक बचाव टीमों की अथक मेहनत से स्थिति को नियंत्रण में लाकर राहत बचाव का कार्य पूर्ण कर लिया था। क्लोरीन गैस का रिसाव बन्द कराया गया है।

लेकिन इस हादसे ने जल संस्थान की लापरवाह जानलेवा कार्यशैली की पोल खोलकर रख दी है। वो भी तब देश दुनिया के लोग नैनीताल में मां नंदा सुनंदा के महोत्सव में शामिल होने पहुंचे हैं।

लोगों का कहना है कि अब अगर इस मामले में उच्च पदस्थ लोगों ने ईमानदारी से जांच की, तभी साफ हो पाएगा कि इस प्राणघातक हादसे के कौन कौन जिम्मेदार हैं?

वैसे लोगों को पूरी आशंका है कि अगर इस प्राणघातक मामले में थोड़ी बहुत कार्रवाई नैनीताल जिला प्रशासन की तरफ से हुई भी तो छोटे कर्मचारियों को ही पहले नापा जाएगा। बड़े पर्दों पर विराजे जिम्मेदार ठीक उसी तरह से बचा लिए जाएंगे जैसे हर बार बचाए जाते हैं।

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संजय पाठक

संपादक - प्रेस 15 न्यूज | अन्याय के विरुद्ध, सच के संग हूं... हां मैं एक पत्रकार हूं

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