
हल्द्वानी, प्रेस 15 न्यूज। नगर निगम सभागार में भाकपा (माले) की ओर से कामरेड राजा बहुगुणा की स्मृति में स्मृति सभा का आयोजन किया गया। सभा को पार्टी के महासचिव कॉमरेड दीपांकर भट्टाचार्य समेत कई राजनीतिक सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने संबोधित किया।
भाकपा (माले) के केंद्रीय कंट्रोल कमीशन के चेयरमैन रहे कामरेड राजा बहुगुणा का 28 नवंबर को कैंसर के कारण निधन हो गया था।
सभा को संबोधित करते हुए कॉमरेड दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि कामरेड राजा बहुगुणा उत्तराखंड के जन आंदोलनों की एक अत्यंत महत्वपूर्ण कड़ी थे। वे अपने विचारों में अडिग और व्यवहार में अत्यंत विनम्र थे।
उन्होंने न केवल कम्युनिस्ट धाराओं के बीच, बल्कि सभी जनपक्षधर विचारधाराओं के बीच एकता और समन्वय स्थापित करने का कार्य किया। वे जनवादी शक्तियों के बीच एक मजबूत “पुल” के रूप में सदैव याद किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि गंभीर बीमारी से जूझते हुए भी कामरेड राजा लगातार देश के राजनीतिक और सामाजिक हालात पर नजर बनाए हुए थे और साथियों को मार्गदर्शन देते रहे। उत्तराखंड में नशा मुक्ति आंदोलन, चिपको वन आंदोलन तथा राज्य आंदोलन में उनकी अग्रणी भूमिका रही।
कॉमरेड दीपांकर ने कहा कि आज जब फासीवादी ताकतों का खतरा लगातार बढ़ रहा है, ऐसे कठिन समय में कामरेड राजा बहुगुणा का जाना आंदोलनकारी शक्तियों के लिए एक बड़ी क्षति है। उन्होंने कहा कि कामरेड राजा द्वारा देखे गए शोषणमुक्त समाज के सपने को साकार करना ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
राजा बहुगुणा की जीवन साथी रेखा ने कहा कि उन्होंने मेरी जीवन के प्रति संपूर्ण नजरिए को बदलने का काम किया। हम उनकी विरासत को आगे बढ़ाने का काम करेंगे।
उक्रांद के वरिष्ठ नेता काशी सिंह ऐरी ने कहा कि राजा बहुगुणा ने सभी जनवादी ताकतों को एकजुट करने का आह्वान किया था जिस पर आज गंभीरता से विचार करने और अमल करने की जरूरत है।
यूपी से पहुंची वरिष्ठ माले नेता कृष्णा अधिकारी ने कहा कि, राजा भाई के नेतृत्व में महतोस मोड़ कांड में हम शामिल रहे। उन्होंने महिलाओं को सम्मान और गरिमा से जीने के लिए लड़ना सिखाया।
पीसी तिवारी ने उनके साथ नशा नहीं रोजगार दो, वन आंदोलन के दौरान उनके साथ के संघर्ष के दौर को याद किया. साथ ही आज के फासीवादी दौर में उनके विचारों को अहम बताया।
स्मृति सभा की अध्यक्षता भाकपा माले के राज्य सचिव इंद्रेश मैखुरी व संचालन भाकपा माले के जिला सचिव डा. कैलाश पाण्डेय ने किया।
स्मृति सभा में उक्रांद के वरिष्ठ नेता काशी सिंह ऐरी, सीपीआई के राज्य सचिव जगदीश कुलियाल, सीपीआई (एम) के राज्य सचिव राजेन्द्र पुरोहित, जसम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जहूर आलम, कृष्णा अधिकारी, पी सी तिवारी, प्रो उमा भट्ट, प्रभात ध्यानी, मुनीश कुमार, पोलित ब्यूरो सदस्य संजय शर्मा, किसान महासभा के राष्ट्रीय सचिव पुरुषोत्तम शर्मा , गिरजा पाठक, वरिष्ठ कम्युनिस्ट नेता बहादुर सिंह जंगी, प्रभात कुमार, जनकवि बल्ली सिंह चीमा, ऐक्टू प्रदेश महामंत्री के के बोरा, आशा यूनियन की अध्यक्ष कमला कुंजवाल, रीता कश्यप, तरुण जोशी, इतिहासकार प्रो अजय रावत, हाईकोर्ट बार अध्यक्ष दुर्गा सिंह मेहता, एडवोकेट कैलाश जोशी, संजय बघरवाल, रविन्द्र पटवाल, रमेश कृषक , गोविंद कफलिया, मदनमोहन चमोली, प्रो प्रभात उप्रेती, अतुल सती, किसान महासभा के प्रदेश अध्यक्ष आनंद सिंह नेगी, जिला अध्यक्ष भुवन जोशी, वरिष्ठ पत्रकार जगमोहन रौतेला, हरीश पंत, कथाकार नवीन जोशी, बसंती पाठक, उमेश तिवारी विश्वास, चंद्रशेखर भट्ट, प्रकाश फुलोरिया, नफीस अहमद खान, बीएल आर्य, आनंद सिजवाली, रिंकी जोशी, किशन बघरी, अमनदीप कौर, ज्ञानी सुरेंद्र सिंह, ममता पानू, विश्वास, हरीश जोशी, अचिंतो मंडल, डॉ उर्मिला, मीना भट्ट, विमला, हेमा, परवेज, हेमा आर्य, केएन शर्मा, चन्दन सिंह मटियाली, हरक सिंह बिष्ट, दौलत सिंह, दीवान सिंह, सुनीता, जीआर टम्टा, गोविंद कफलिया, एडवोकेट राम सिंह बसेडा, रवीन्द्र गड़िया, विक्रम मावडी, राजेन्द्र सिंह राजा, जगदेव सिंह, जागीर सिंह, भास्कर उप्रेती, फिरोज, विमला रौथाण, निर्मला शाही, आकाश भारती, धीरज कुमार, सुमित, गोविंद जीना, दर्शन सिंह, कमल जोशी, हरीश भंडारी, एसडी जोशी राजनीतिक दलों और जन संगठनों के सैकड़ों प्रतिनिधियों ने भाग लिया और कामरेड राजा बहुगुणा के अधूरे सपनों को पूरा करने का संकल्प लिया।









