

हल्द्वानी, प्रेस 15 न्यूज। जिन्हें लगता है कि सफलता सिर्फ और सिर्फ भाग्य, समय या फिर किसी विशेष स्थिति पर ही निर्भर होती है, उन्हें देवभूमि की होनहार बेटी हेमा बिष्ट ने सोचने पर मजबूर किया है।
हेमा ने सिखाया है कि मेहनत, लगन और दृढ़ इच्छाशक्ति की बदौलत भी सफलता पाई जा सकती है।
आज के वक्त में जो सरकारी स्कूल हर तरह से उपेक्षा का शिकार हैं, हेमा ने उन्हीं सरकारी स्कूलों में पढ़कर सफलता की कहानी लिखी है।
राजकीय प्राथमिक विद्यालय बूढ़ी बना से प्रारंभिक शिक्षा ग्रहण करने वाली छात्रा हेमा बिष्ट की सफलता आज पूरे क्षेत्र में गर्व और सीख का केंद्र बनी है।
हेमा को शिक्षा शास्त्र विषय में कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल ने पीएचडी (डॉक्टरेट) की उपाधि प्रदान की गई है। उनके शोध का विषय “स्टडी ऑफ कैरियर कॉन्शयसनेस अम॑ग फीमेल ग्रेजुएट स्टूडेंट ऑफ़ उत्तराखंड इन रिलेशन टु देयर एजुकेशनल सोशियो फैमिलियल फैक्टर्स एंड एटीट्यूड टुवर्ड्स मॉर्डनाइजेशन” था। हेमा ने अपना शोधकार्य शोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अल्मोड़ा के शिक्षा संकाय की पूर्व संकायाध्यक्ष और विभागाध्यक्ष प्रोफेसर भीमा मनराल के निर्देशन में संपन्न किया ।
डॉ. हेमा बिष्ट बोरा मूल रूप से ग्राम बूढ़ी बना निवासी समाजसेवी और आरएसएस कार्यकर्ता गंगा सिंह बिष्ट की पुत्री हैं। उनकी माता पार्वती देवी गृहिणी हैं और उनके चार भाई हैं। पढ़ाई के दौरान ही हेमा का विवाह चंपावत निवासी एडवोकेट देवेंद्र सिंह बोरा के साथ हुआ। वर्तमान में देवेंद्र सिंह बोरा उच्च न्यायालय नैनीताल में बतौर सरकारी अधिवक्ता कार्यरत हैं।
परिजनों के मुताबिक, हेमा ने शुरुआती शिक्षा राजकीय प्राथमिक विद्यालय बूढ़ी बना से प्राप्त की। कक्षा छह से आठवीं तक उन्होंने राजकीय जूनियर हाईस्कूल कसियालेख से शिक्षा प्राप्त की।
कक्षा 9 से 12 तक की पढ़ाई उन्होंने आगर इंटर कॉलेज टांडी पोखराढ़ से की। बीएससी, एमएससी (बॉटनी), और एमए शिक्षाशास्त्र की पढ़ाई उन्होंने डीएसबी परिसर नैनीताल से की। हेमा यूजीसी नेट और एमएड की परीक्षा भी उत्तीर्ण कर चुकी हैं। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, गुरुजनों और परिवार के सदस्यों को दिया है।
हेमा की सफलता के बाद शुभचिंतकों की ओर से उन्हें और पूरे परिवार को बधाई देने का तांता लगा हुआ है।
“प्रेस 15 न्यूज” की पूरी टीम की ओर से हेमा बिष्ट बोरा को उज्जवल भविष्य की ढेर सारी शुभकामनाएं…



