

हल्द्वानी, प्रेस 15 न्यूज। कोई पूछे कि इन दिनों हल्द्वानी शहर में क्या चल रहा है तो जवाब होगा नोटिस का खौफ… देवखड़ी और रकसिया नाले के आसपास रहने वाले करीब 592 परिवारों को अतिक्रमणकारी घोषित करते हुए नोटिस थमाए गए हैं।
लेकिन एक भी जिम्मेदार विभाग और अधिकारी को नोटिस नहीं दिए गए जिनकी सरपरस्ती में नालों के आसपास बसावत सालों से जारी रही।

कौन नहीं जानता कि सिंचाई विभाग से लेकर तहसील, नगर निगम समेत शहर और जिले के आला अधिकारियों और नेताओं की शह पर नालों का आकार छोटा करने और स्टाम्प पेपर पर सौदा करने का काम होता रहा। लेकिन तब किसी डीएम या एसडीएम की नजर टेढ़ी नहीं हुई। यकायक ही अतिक्रमण का जिन्न और जेसीबी का पंजा बड़ा हथियार बना है।
ये सच है कि नदी नालों के आसपास अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं किया जा सकता लेकिन एक सच ये भी है कि शहर में अतिक्रमणकारी का नोटिस भी हैसियत देकर बांटा जा रहा है।
लंबे समय से जिला प्रशासन की इसी सवालों भरी कार्रवाई के खिलाफ राज्य आंदोलनकारी और वरिष्ठ कांग्रेस नेता ललित जोशी हल्लाबोल कर रहे हैं।
इसी क्रम में आज मीडिया को जारी बयान में ललित जोशी ने कहा कि हल्द्वानी में आई नोटिसों की बाढ़ और आशियाना टूटने के डर से सारा शहर खौफजदा है।
जबकि दूसरी तरफ सरकार के चहेते ठेकेदार एक साल से कछुआ गति से काम कर रहे हैं। अगर अधिकारी महीनों से उधड़ी सड़कें, सड़कों में भरे पानी और गड्ढों पर ध्यान देते तो हल्द्वानी यूं बीमारी का अड्डा न बनता।
कांग्रेस नेता ललित जोशी ने कहा कि हर वर्ष बरसात में आरम्भ में सरकार जागती है और नालों के नाम पर तोड़फोड़ होती है और हर वर्ष करोड़ों रूपया नालों की साफ़ सफाई में आता है, लेकिन फिर भी नालों से नुकसान यथावत रहता है।
ललित जोशी ने कहा कि ऐसे में रोज रोज की इस समस्या का स्थाई हल सिर्फ नालों का पुनर्निमाण और दिशा परिवर्तन ही है। क्योंकि हल्द्वानी पहाड़ की तलहटी में बसा है जहाँ बरसात में पानी आना और सड़कों नालों में भरना स्वाभाविक है।
उन्होंने आरोप लगाया कि आज नैनीताल जिले में नौकरशाह जनता और जनप्रतिनिधियों पर हावी हैं और सत्ताधारी दल के नेताओं की भी नहीं सुन रहे हैं जिससे आधा हल्द्वानी भय के साये में जीने को मजबूर है।

