नैनीताल में सेल्फी के “भूत” ने महिला को झील में डुबोया, बचा लाए खाकी वाले देवदूत

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नैनीताल, प्रेस 15 न्यूज। पुलिस की कार्यशैली को लेकर अक्सर सवाल उठते हैं। लेकिन ये भी एक सच है कि पुलिस ही घर और घर से बाहर हमारे जीवन को सुरक्षित और बेहतर बनाने का काम करती है। फिर चाहे मौसम कोई सा क्यों न हो। समय कोई सा क्यों न हो। हर हाल में हर विपदा में पुलिस के जवान अपनी ड्यूटी निभाते हैं।

अब आप कहेंगे भाई ये सब करना ही तो पुलिस का काम है। इसी बात की तो उन्हें सैलरी मिलती है। लेकिन एक सच ये भी है साहब! सरकारी तनख्वाह तो इस देश में कई अधिकारी कर्मचारी ले रहे हैं। क्या वो सब भी अपनी जिम्मेदारी को पूरी ईमानदारी से निभा रहे हैं?

ट्रैफिक मैनेजमेंट, नशा तस्करों और रुटीन ड्यूटी से इतर अब नैनीताल पुलिस के जवान लोगों के दिमागी फितूर से भी निपट रही है। यह दिमागी फितूर सेल्फी का है जो हर स्मार्टफोन यूजर के दिलोदिमाग में है। एक हद तक ये सेल्फी का ये फितूर बुरा नहीं है लेकिन एक हद बाद ये जिंदगी पर भारी पड़ जाता है। ऐसे में अब पुलिस इस खतरे से भी लोगों को बचा रही है।

मल्लीताल क्षेत्र के बोट स्टैंड के पास सोमवार रात करीब 11:15 बजे तब चीख पुकार मच गई जब एक प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) निवासी एक महिला सेल्फी लेने के दौरान रैलिंग से पैर फिसलने के कारण झील में गिर गई। इस दौरान महिला के पति के हाथ पांव फूल गए। तभी पास में तैनात पुलिसकर्मियों ने तत्परता और साहस का परिचय दिया और देवदूत बन गए।

सेल्फी के चक्कर में झील में डूबी महिला को सकुशल बाहर निकालते पुलिस के जवान और नाविक।

पिकेट ड्यूटी पर तैनात कांस्टेबल मनोज कुमार और आईआरबी कांस्टेबल मनोहर सिंह के साथ ही चीता मोबाइल की टीम ने स्थानीय नाविकों की मदद से महिला को झील से बाहर निकाला। और प्राथमिक उपचार के लिए बीडी पांडे चिकित्सालय भेजा।

इस घटना में पुलिसकर्मियों और नाविकों ने मानवता और कर्तव्य के प्रति अपनी निष्ठा का परिचय प्रस्तुत किया। और एक जीवन को बचा लिया।

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संजय पाठक

संपादक - प्रेस 15 न्यूज | अन्याय के विरुद्ध, सच के संग हूं... हां मैं एक पत्रकार हूं

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