

रुद्रपुर, प्रेस 15 न्यूज। जाने माने लेखक और पत्रकार शक्ति प्रसाद सकलानी नहीं रहे। 89 वर्षीय सकलानी लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे थे। शुक्रवार देर रात उन्होंने रुद्रपुर ट्रांजिट कैंप स्थित आवास में आखिरी सांस ली।
लेखक और वरिष्ठ पत्रकार शक्ति प्रसाद सकलानी का जन्म 4 जून 1936 को भैंसकोटी गांव, जिला टिहरी गढ़वाल में हुआ था। वह लंबे समय से बी-24, ट्रांजिट कैंप, रूद्रपुर में निवासरत थे। अपने जीवन में उन्होंने साहित्य, इतिहास, समाजशास्त्र और अध्यात्म के विविध पक्षों पर महत्त्वपूर्ण लेखन किया।

उनकी लेखनी ने उत्तराखण्ड को पहचान दिलाने में अद्वितीय भूमिका निभाई। उनकी प्रमुख कृतियों में तराई का इतिहास, औद्योगिक विकास की कहानी, उत्तराखंड की विभूतियां, उत्तराखंड में पत्रकारिता, सकलानी वंश, बायोग्राफी: चौ. समरपाल सिंह, क्या है ईश्वर जैसी पुस्तकें लिख चुके हैं। पंजाबी समाज: अतीत से वर्तमान सकलानी की 395 पेज वाली 12वीं पुस्तक है। इसमें विभाजन के कारण, जिम्मेदार नेता, विभाजन के बाद देश ही नहीं, विदेशों में फैली पंजाबियत का जिक्र है।
सिर्फ इतिहास ही नहीं, उन्होंने ‘क्या ईश्वर है?’, ‘जीवन से पहले और मृत्यु के बाद?’, और ‘उसी की याद में’ जैसी रचनाओं के माध्यम से अध्यात्म और आत्मकथा को भी स्वर दिया।
उनकी कलम समाज के वंचित वर्गों के लिए भी समर्पित रही। उनकी अपकमिंग किताब ‘व्यथा का अमरजीवी-हिजड़ा’ ट्रांसजेंडर समुदाय की पीड़ा और संघर्ष को रेखांकित करती है।
उत्तराखण्ड के सामाजिक और बौद्धिक परिवेश में शक्ति प्रसाद सकलानी का योगदान सदैव याद किया जाएगा। प्रेस 15 न्यूज की पूरी टीम की ओर से हम शोकाकुल परिवार और पाठकों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें।

