हे श्रीकृष्ण! आज जन्मदिन का शुभ अवसर है… हल्द्वानीवासियों की ये पुकार सुन लेना

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हल्द्वानी, प्रेस 15 न्यूज। हे श्रीकृष्ण! आज आपके जन्म का शुभ दिन है। आपने गीता का पावन ज्ञान देकर जीवन को सन्मार्ग में ले जाने का रास्ता दिखाया। आपने दिव्य लीलाओं से प्रेम, सत्य, धर्म का पाठ पढ़ाया। आपने पवित्र मार्गदर्शक गीता में ये वादा किया था कि जब जब धर्म की ग्लानि होगी और अधर्म बढ़ेगा आप अवतार लेंगे।

हे श्रीकृष्ण! आप तो जग के पालनहार हैं आप से कुछ भी नहीं छुपा है। आज इंसानों की बस्ती में आसुरी प्रवृति का बीज इस कदर पनप रहा है कि पता ही नहीं चल रहा है कि कौन दो पैरों वाला इंसान सबसे बड़ा हैवान है। यही वजह है कि देवभूमि हर रोज ऐसे शैतानों की करतूत से शर्मिंदा हो रही है जो रिश्ते नातों को तो शर्मसार कर ही रहे हैं साथ ही इंसानियत को भी शर्मिंदा करने से नहीं चूक रहे।

हे श्रीकृष्ण! आज इंसान पांच विकारों के वशीभूत होकर  शैतान बन चुका है। किसी का अपराध मीडिया की हेडलाइन बन जा रहा है तो अनगिनत मामले गुमनामी के अंधेरे में गुम हो जा रहे हैं।

जिन बेटियों को कन्या पूजन में इंसान अपनी गली कालोनी में घूमते फिरते हैं वही कन्या आज इंसानी दानवों से जख्म पा रही हैं। मासूम बेटियां ही क्यों मासूम बेटे भी काम विकारी शैतानी सोच से नहीं बच पा रहे हैं। यानी मासूम बचपन फिर चाहे वो बेटा हो या बेटी आज अपने घर तक में सुरक्षित नहीं है। पड़ोस और सड़क में भी खतरे कम नहीं हैं।

एक और बात कि जितने भी शैतान इंसानी भेष में छुपकर ये घिनौना काम कर रहे हैं उनकी उम्र छोटी से लेकर कब्र में पांव लटकने तक है। यानी साफ है कि शैतानी सोच उम्र  की मोहताज नहीं है ये दूषित मन दिमाग की उपज है।

अब देखिए ना, शनिवार को काठगोदाम में 17 साल के नाबालिग ने 8 साल के बच्चे के साथ कुकर्म की घटना अंजाम दिया। बच्चा कराहते हुए लहूलुहान हालत में घर पहुंचा तो मां के पैरों तले जमीन खिसक गई।

आरोपी के खिलाफ पॉक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज कर जेजे बोर्ड के सामने पेश किया गया। यहां से उसे बाल संप्रेक्षण गृह भेज दिया है।

कुल मिलाकर नाबालिग की आड़ में यह शैतान सपोला कानून के सख्त शिकंजे से बच गया। ये उसी नस्ल का नाबालिग होगा जिसने साल 2012 में दिल्ली में निर्भया के साथ दरिंदगी की होगी। और जो आसानी से सजा पाने के बजाय छूट गया था।

इधर, रविवार रात परिजनों ने आरोपी नाबालिग के परिजनों पर धमकाने का आरोप लगाया और काठगोदाम पुलिस से शिकायत की। ऐसे में आप समझ सकते हैं कैसे ये शैतान हल्द्वानी और काठगोदाम के घरों में पल रहे हैं। बेटियों के साथ साथ बेटे भी आज के दौर में सुरक्षित नहीं हैं।

बेतालघाट जैसे पहाड़ी क्षेत्र में शनिवार को मानवता को शर्मसार करते हुए दो वर्षीय बच्ची के साथ उसके पड़ोस में रहने वाले 72 साल के रिश्ते के दादा ने दुष्कर्म किया। बीडी पांडे अस्पताल में मासूम बच्ची का दर्द के बीच इलाज चल रहा है। पुलिस ने आरोपी शैतान बुजुर्ग के खिलाफ पॉक्सो एक्ट में केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया।

जानकारी के अनुसार जिले के बेतालघाट क्षेत्र के एक गांव में शनिवार की शाम जिस वक्त शैतानी सोच वाला बुजुर्ग ये घिनौना काम कर था था तब मासूम बच्ची के माता पिता खेत में काम कर रहे थे।

तब उनकी दो साल की मासूम बच्ची घर के आंगन में खेल रही थी। तभी पड़ोस में रहने वाला 72 साल के विक्षिप्त विकारी बुजुर्ग बच्ची को मकान के पीछे ले गया। जब बच्ची के रोने की आवाज आई तो वहां खेल रही दूसरी बच्ची ने इसकी सूचना बच्ची की मां को दी। जब बच्ची की मां घर पहुंची तो उसकी आंखें फटी की फटी रह गई।

बच्ची के शरीर से खून बह रहा था। जब मां बुजुर्ग से मासूम बच्ची को छीनने गई, शैतान ने मां के साथ भी मारपीट की। श्मशान जाने की उम्र में इस शैतान के हौसले से अंदाजा लगाइए कि कैसे ये पांच विकारों से भरा हुआ वायरस था।

परिजन किसी तरह बच्ची को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले गए जहां से उसे बीडी पांडे अस्पताल रेफर कर दिया। बीडी पांडे अस्पताल में बच्ची का इलाज चल रहा है।

तीसरी वारदात रुद्रपुर में हुई जहां अवैध मदरसे के मौलवी ने उर्दू पढ़ाने के बहाने इंसानियत को शर्मसार किया।

मौलवी ने एक दो नहीं बल्कि पांच बेटियों को अश्लील वीडियो दिखाकर उनका शारीरिक शोषण किया।

जांच में पता चला कि डेढ़ महीने से उर्दू पढ़ाने के नाम पर छह से आठ साल की बच्चियों का शारीरिक शोषण कर रहा था।

इतना ही नहीं, ये शैतान मौलवी मदरसे में आने वाले बड़े लड़कों से सख्ती से पेश आता था। बड़े लड़के-लड़कियों को जल्दी घर भी भेज देता था। इसके बाद मस्जिद में बने एसी कमरे में मासूम बच्चियों को बुलाता था। बच्चियों को अपने मोबाइल पर अश्लील वीडियो दिखाकर उनका शारीरिक शोषण करता था।

जांच में पता चला कि ये हवस से भरा मौलवी इससे पहले शाहबाद रामपुर में मस्जिद में सेवाएं देता था। दो महीने पहले ही वह मलसी मस्जिद में आया था।

जानकारी के मुताबिक, पीड़ित बच्चियां स्कूलों में पढ़ती हैं और छुट्टी होने के बाद उर्दू पढ़ने मौलवी के पास जाती थीं। शैतान हवस से भरा मौलवी बच्चियों को डराकर रखता था ताकि उसकी करतूत उजागर न हो सके। वह बच्चियों को धमकी देता था कि अगर उन्होंने किसी को कुछ बताया तो वह जिन्न बुलाकर उनके मां बाप को मार देगा। मौलवी की धमकियों से मासूम बच्चियां डरी सहमी हुई थीं।

चौथी वारदात हल्द्वानी में ही घटी जहां कोतवाली क्षेत्र से 15 अगस्त को लापता हुई दसवीं में पढ़ने वाली छात्रा के साथ राजपुरा निवासी 21 साल के दुलाल घोष ने दुष्कर्म किया। पुलिस ने चार दिन बाद 19 अगस्त को छात्रा को सुशीला तिवारी अस्पताल के पास से बरामद कर आरोपी इंसानी भेड़िए दुलाल घोष के खिलाफ पॉक्सो में मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया है।

इंसानियत को शर्मसार करने वाला पांचवां मामला भी हल्द्वानी से ही है जहां बीते रोज भरी दोपहर एक मनचला अश्लील हरकत करते हुए मासूम बच्ची के पीछे दौड़ पड़ा। अचानक पीछे पड़े इस शैतान से डरी बच्ची किसी तरह जान बचाकर किसी तरह अपने घर में घुस गई। बेटी के परिजन इतना सहम गए कि उन्होंने देर रात करीब नौ बजे पुलिस से मौखिक शिकायत की।

वहीं, दो दिन पहले ही दोपहर के समय एक बेटी स्कूटी से कमलुवागांजा से हल्द्वानी की तरफ आ रही थी, तभी कुछ ही दूरी पर बाइक में बैठे एक नर पिशाच ने उसका पीछा करना शुरू कर दिया। रास्ते भर अश्लील कॉमेंट और इशारे करता रहा। बुरी तरह घबराई बेटी किसी तरह कुसुमखेड़ा चौराहे पर पहुंची और मौजूद पुलिस कर्मियों को रो रोकर आपबीती सुनाई।

आप यह जानकर हैरान रह जाएंगे कि मौके पर मौजूद पुलिसवालों ने मामले में कोई गंभीरता नहीं दिखाई जिस कारण आरोपी फरार हो गया। दिखाते भी कैसे वो लड़की उनकी बहन या बेटी थोड़े ना थी। वो तो भला हो सीओ नितिन लोहनी का जिनके संज्ञान में जब मामला आया तो उन्होंने पुलिस कर्मियों को फटकार लगाते हुए मुखानी एसओ पंकज जोशी को आरोपी को पकड़ने के सख्त निर्देश दिए।

कुछ दिन पहले ही मंगलपड़ाव से भोटिया पड़ाव के लिए निकली एक नाबालिग बेटी के साथ वनभूलपुरा निवासी टेंपो चालक नदीम ने दुष्कर्म किया था। आरोपी को सख्त सजा मिले, इसके लिए शहर की मातृशक्ति ने विरोध भी जताया था।

ऐसे अनगिनत मामले में है जिनका जिक्र करें तो आप पढ़ते पढ़ते थक जाएंगे लेकिन हैवानों की वारदातें कम नहीं होंगी। यहां जो मामले हमने आपसे साझा किए हैं ये चंद घंटे पहले और कुछ दिन पहले के ही हैं। पौड़ी की बेटी को दुनिया से गए दो साल से ज्यादा हो गया अंकिता के बूढ़े मां बाप आज दिन तक न्याय को भटक रहे हैं। क्योंकि आरोपी सत्ता के करीबी हैं। वो तो भला हो आशुतोष नेगी जैसे बेटों का जो अंकिता को न्याय दिलाने की यात्रा में बेबस लाचार माता पिता के साथ हैं।

गैरसैंण में चले तीन दिवसीय विधानसभा सत्र में भी बेटियों की सुरक्षा का मुद्दा जोरशोर से उठा था।

रुद्रपुर विधायक शिव अरोरा ने तो यहां तक कह डाला था कि उत्तराखंड में अवैध मदरसों का संचालन, उसमें यौन उत्पीड़न जैसे मामले लगातार आए दिन आ रहे हैं। इनको कौन संरक्षण दे रहा है? कांग्रेस के जनप्रतिनिधि इस मुद्दे पर चुप्पी क्यों साधे हुए हैं। क्या इस विषय पर चर्चा से उनका मुस्लिम वोट बैंक खतरे में आ जाएगा?

कुल मिलाकर कलयुग चरम पर है। काम, क्रोध, लोभ, मोह और अहंकार रूपी दानवी सोच किस मन मस्तिष्क में पनप रही है , आप कह नहीं सकते। हां, अपने आसपास के लोगों में महसूस जरूर कर सकते हैं।

ऐसे में हम तो यही कहेंगे कि अपने बच्चों को गुड टच बेड टच का बारे में अच्छे से बताइए। फिर चाहे वो बेटा हो या बेटी। बच्चों की पालना ऐसे कीजिए कि उनमें आत्मविश्वास कूट कूट कर भर जाए। बच्चों को छोटी उम्र से मार्शल आर्ट जैसी रक्षक विधाओं में पारंगत कीजिए। ज्यों ज्यों बच्चों की उम्र बढ़ती जाए उनसे दोस्ती कीजिए ताकि वो आपसे अपने मन की कोई बात आपसे न छुपाएं।

घर, परिवार, गली, कालोनी, ऑफिस, स्कूल, कॉलेज, होटल, रेस्टोरेंट, हॉस्पिटल, शहर, गांव, पहाड़, मैदान में कहीं भी घूमते और मंडराते इन नरपिशाचों से डरकर नहीं बल्कि इन्हें कुचलने की हिम्मत बच्चों में पैदा कीजिए।

याद रखिए बुराई तभी बढ़ती है जब अच्छाई खामोश हो जाती है। घर परिवार और समाज में कहीं भी बहन, बेटियों और बच्चों के साथ अन्याय होता देखें तो आवाज उठाएं। जरूरी नहीं कि आवाज तभी उठाई जाए जब पीड़ित आपका कोई अपना हो।

इन शैतानों से डरकर जिंदगी जीना तो नहीं छोड़ सकते न…वैसे भी यह भारत देश है जहां अभी भी महिला सुरक्षा के प्रति नीति नियंताओं में संवेदनशीलता की कमी आजादी के बाद से आज दिन तक बनी हुई है।

तभी तो आज अधिकतर मां बाप यह कहते नजर आते हैं काश भारत में भी अरब देशों जैसा कानून होता जहां महिला अपराध की सजा बीच चौराहे पर पत्थर और फांसी का फंदा होता है। शायद तभी अपराधी और विकारी सोच वाले इन रक्तबीज जैसे दानवों का खात्मा हो सके।

आज पावन श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का अवसर है…हे प्रभु धरती के बेबस माता पिता और अबोध बच्चों की ये पुकार सुन लेना… दानवों का अंत न सही कम से कम हर बहन बेटी और मासूम बचपन को निडरता के साथ जीने का हौसला देना।

वैसे, हे श्रीकृष्ण! आज आपका जन्मदिन है। इस शुभ बेला में एक बात और आपसे साझा करनी है।

आपकी प्यारी दुलारी गौ माता की भी हल्द्वानी और नैनीताल जिले में कम दुर्दशा नहीं है। गऊ माता भूखे प्यासे हल्द्वानी, गौलापार, लालकुआं, भीमताल, भवाली, रामगढ़, रामनगर में भटक रही हैं लेकिन जिम्मेदारों को कोई फर्क नहीं पड़ रहा।

सब अपने एसी दफ्तरों में मौज काट रहे हैं और हल्द्वानी में तो नगर निगम की दो दो अस्थाई गौशालाओं में गौमाता और नंदी नरक भोग रहे हैं। हो सके तो गौवंश के संरक्षण के नाम पर लाखों करोड़ों का बजट खपाने वालों और खाने वालों को आज सद्बुद्धि देना जिसे आपकी प्यारी गय्या और दूसरे बेजुबान राहत महसूस कर सकें।

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संजय पाठक

संपादक - प्रेस 15 न्यूज | अन्याय के विरुद्ध, सच के संग हूं... हां मैं एक पत्रकार हूं

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