
नैनीताल, प्रेस 15 न्यूज। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने बरसाती मौसम के दौरान प्रदेश के 12 जिलों में होने वाले पंचायत चुनाव को अगस्त माह के बाद कराने संबंधी जनहित याचिका में सुनवाई के दौरान डीजीपी ने बताया कि पंचायत चुनाव मतदान का पहला चरण 24 जुलाई को होना है और कावड़ यात्रा 23 जुलाई को संपन्न होगी। सचिव पंचायती राज भी इस दौरान वीसी के माध्यम से उपस्थित रहे।
डी.जी.पी.ने मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ को बताया कि 30% पुलिस फोर्स कावड़ यात्रा की ड्यूटी में लगी है, 10% चारधाम यात्रा और आपदा प्रबंधन की ड्यूटी में है। साथ ही 10% फ़ोर्स रैगुलर ड्यूटी दे रही है। बाकी 50% फोर्स सभी जिलों में तैनात है और चुनाव की तैयारियों में जुटी है।

बताया कि पुलिस का पूरा फोकस(ध्यान) पहले चरण में 24 जुलाई को होने वाले मतदान पर है। कावड़ यात्रा सम्पन होते ही फ़ोर्स चुनाव के लिए डिप्लॉय कर दी जाएगी। जबतक मतदान का दूसरा चरण 28 जुलाई को शुरू होगा सम्पूर्ण पुलिस बल जिले में तैनाती ले लेगा।
न्यायालय के कावड़ यात्रा के दौरान कावड़ियों के कानून व्यवस्था समेत दुकान में तोड़फोड़ और महिला पर हमला करने संबंधी सवाल पर डीजीपी ने कहा कि ऐसा व्यवहार पूरी तरह से अस्वीकार्य है और पुलिस मामले में सख्त कार्यवाही करते हुए एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तारी कर रही है।
सचिव पंचायती राज ने बताया कि कावड़ यात्रा से पौड़ी गढ़वाल, यमकेश्वर ब्लॉक, देहरादून और ऋषिकेश ब्लॉक प्रभावित हैं, जहाँ चुनाव पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा क्योंकि इन क्षेत्रो में मतदान दूसरे चरण में 28 जुलाई को है। कहा कि इन्होंने आश्वासन दिया है कि कांवड़ से चुनाव प्रक्रिया में कोई बाधा नहीं आएगी।
कहा कि चारधाम यात्रा और हेमकुंड साहिब में यात्रियों की अधिकतम संख्या केवल 10% है। कहा कि उत्तराखंड एक आपदा प्रभावित राज्य हैं और यह हमारा नियमित अभ्यास है और मॉक ड्रिल पहले ही आयोजित हो चुकी है, इसलिए बाधा का कोई सवाल ही नहीं उठता।
मामले को सुनने के बाद न्यायालय ने कल सुनवाई के लिए रख दिया है।
मामले के अनुसार, देहरादून निवासी डॉ. बैजनाथ ने जनहित याचिका दायर कर कहा कि अभी राज्य में पंचायत चुनाव का कार्यक्रम चल रहा है। वहीं दूसरी तरफ कांवड़ यात्रा, चारधाम यात्रा और बरसात का सीजन भी है। प्रदेश में बाढ़ राहत के बचाव में प्रशासन, पुलिस और एस.डी.आर.एफ.की टीमें लगी हुई हैं। ऐसी स्थिति में पंचायत के चुनाव कराना खतरे से खाली नहीं है।
उन्होंने न्यायालय से प्रार्थना की है कि पंचायत चुनाव को अगस्त महीने में कराया जाए। इस पर कोर्ट ने वास्तविकता जानने के लिए दोनों अधिकारियों से न्यायालय का मार्गदर्शन करने के लिए मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित होने को कहा।
(नैनीताल से वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट)

