
नैनीताल, प्रेस 15 न्यूज। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने काठगोदाम से लालकुआं नेशनल हाइवे में काठगोदाम, लालकुआं, गोरापडाव, तीनपानी में बेतरतीब बने कट में हादसों का स्वतः संज्ञान संबंधी जनहित याचिका में याचिकाकर्ता ने कहा कि आदेश होने के बावजूद अबतक एनएच ने धरातल पर कोई काम नहीं किया है।
न्यायालय ने इस पर एनएच से कहा कि उन्होंने जो रिपोर्ट न्यायालय में पेश की, उसकी कॉपी शिकायतकर्ता को दें। न्यायालय ने शिकायतकर्ता को रिपोर्ट का अवलोकन कर अपने सुझाव 21 नवंबर तक देने को कहा है।
मामले के अनुसार, चोरगलिया निवासी सामाजिक कार्यकर्ता भुवन चंद्र पोखरिया और लालकुआं के ग्रामीणों ने मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर कहा था कि नैनीताल जिले के काठगोदाम से लालकुआं तक सड़क चौड़ीकरण के दौरान काठगोदाम, लालकुआं, गौरापडाव, तीनपानी में बेतरतीब बने कट के कारण पिछले 8 माह में 14 लोगों की जान चली गई। इन कटों के कारण दर्जनों लोग गम्भीर रूप से घायल हो गए। उनका बाहरी अस्पतालों में ईलाज चल रहा है।
याचिका में प्रार्थना की गई है कि दुर्घटना में जान गंवाने वालों के परिवारों और घायलों को एनएच ऑथरिटी से मुआवजा दिलाया जाए।
न्यायालय ने इसका संज्ञान लेते हुए एनएच में निर्माण निर्धारित मानकों के अनुसार ही होना चाहिए था। एनएच में ऐसी क्या खामियां आ गई जिसकी वजह से दुर्घटनाएं हो रही है ? अगर दुर्घटनाएं हो रही हैं तो उसकी जांच कराई जानी चाहिए। ओवरस्पीड को रोकने के लिए स्पीड ब्रेकर लगाए जाएं।
(नैनीताल से वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट ✍️)









