हल्द्वानी, प्रेस 15 न्यूज। आज के समय में रोगमुक्त काया किसी वरदान से कम नहीं है। वर्तमान समय में मिलावटी खानपान और अव्यवस्थित जीवनशैली के चलते निरोगी काया पाना किसी सपने के पूरे होने जैसा है। लेकिन यह भी सच है कि जो लोग अपनी दिनचर्या, व्यायाम और खानपान का ख्याल रखते हैं वो स्वस्थ जीवन जीते हैं। हालाकि ऐसे लोगों की संख्या बहुत कम है।
हमारे घर परिवार और आसपड़ोस में ऐसे तमाम लोग मिल जाएंगे, जो घुटनों में दर्द की बीमारी यानी गठिया (अर्थराइटिस) से जूझ रहे होते हैं। घुटनों में दर्द की ये असहनीय दर्द की बीमारी आज से कुछ साल पहले तक केवल बुजुर्गों के साथ होती थी लेकिन आज के वक्त में यह बीमारी कम उम्र के युवाओं को भी अपना शिकार बना रही है। ऐसे में यह जरूरी है कि हम समय रहते अपने खानपान और दिनचर्या में बदलाव करें।
हमने आयुर्वेद से जुड़े विशेषज्ञों से गठिया रोग के बचाव और निदान को लेकर बात की। विशेषज्ञों ने साफ तौर पर कहा कि अगर संयमित दिनचर्या, योग, प्राणायाम के साथ साथ खानपान में बदलाव किया जाए तो समय रहते गठिया (अर्थराइटिस) से बचा जा सकता है।
गठिया रोग से पीड़ित व्यक्ति को योग प्राणायाम के साथ साथ खानपान का विशेष ध्यान रखने की जरूरत होती है, नहीं तो इसमें होने वाला दर्द इतना बढ़ जाता है कि चलना फिरना ही नहीं, बल्कि उठना बैठना भी मुश्किल हो जाता है।
अगर आप भी घुटनों के दर्द से जूझ रहे हैं और इस दर्द को नियंत्रण में रखना चाहते हैं, तो योग प्राणायाम के साथ साथ खानपान में इन चीजों को शामिल कर सकते हैं।
गठिया रोग में यूरिक एसिड को नियंत्रित करना बहुत जरूरी होता है। अगर आप रोजाना एक छोटा चम्मच अलसी के बीजों का सेवन कर सकते हैं। अलसी को नमक के तौर पर भी खाया जा सकता है। इसमें फाइबर, पोटैशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन और कई एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो हड्डियों को मजबूत देते हैं।
गठिया को जड़ से खत्म करने के लिए अश्वगंधा का सेवन भी काफी फायदेमंद माना गया है।
डेयरी प्रोडक्ट्स जैसे दूध, पनीर और दही का सेवन भी हड्डियों को मजबूती देता है। इससे शरीर में कैल्शियम की कमी पूरी होती है और हड्डियों के दर्द से काफी हद तक आराम पाया जा सकता है।
हरी सब्जियां वैसे तो अच्छी सेहत का खजाना होती हैं लेकिन गठिया के मरीजों के लिए ये किसी वरदान से कम नहीं। मेथी, पालक , बथुआ, लाई, पत्ता गोभी, बीन और ब्रोकली जैसी सब्जियां घुटनों में दर्द में काफी आराम देती हैं। ये हरी सब्जियां एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होती हैं, जिससे जोड़ों में आने वाली सूजन को कम करने में मदद मिलती है।
गठिया के दर्द में फलों का सेवन करना भी लाभकारी होता है। यहां ध्यान रहे कि फलों के जूस के नाम पर किसी भी डिब्बाबंद जूस के सेवन से बचना चाहिए। क्योंकि यह फलों के जूस के नाम पर लोगों के सेहत से बड़ा खिलवाड़ है। जूस के नाम पर लोगों को चीनी का घोल पिलाया जा रहा है।
आपको सीधे फलों का ही सेवन करना चाहिए। खासतौर से विटामिन सी से भरपूर फल आंवला, संतरा, नींबू , मौसमी और अंगूर। इसके अलावा केला, तरबूज, पपीता का सेवन करना लाभकारी होता है। सेब फाइबर का एक समृद्ध स्रोत तो है ही एंटीऑक्सिडेंट से भी भरपूर है जो सूजन को कम करने में सहायता करता है और गठिया के दर्द में आराम मिलता है।
दलिया, ब्राउन चावल और अन्य साबुत अनाज भी सूजन से लड़ने वाले बड़ी भूमिका निभाते हैं। मंडुवे की रोटी भी गठिया रोग को दूर करने में मदद करती है।
मखाने को पहले घी में भून लें। उसके बाद उसमें गुड़, सफेद तिल और काला नमक और सौंठ मिलाकर मिश्रण बना लें। सुबह शाम दूध के साथ इस मिश्रण को खाने से भी गठिया के दर्द में आराम मिलता है।