देहरादून/नैनीताल, प्रेस 15 न्यूज। सर्द मौसम में एक बार फिर अनदेखे वायरस ने चिंता में डाल दिया है। ऐसे में सतर्क रहने की जरूरत है।
स्वास्थ्य विभाग, उत्तराखण्ड ने सीजनल इन्फ्लुएन्जा, ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस (HMPV) आदि श्वसन तंत्र सम्बन्धित रोगों से बचाव एवं रोकथाम के सम्बन्ध में दिशा निर्देश जारी किए हैं।
ह्यूमन मेटोन्यूमो वायरस (एचएमपीवी) श्वसन तंत्र रोग वैश्विक रुप से प्रसारित हो रहा है, जो कि अन्य श्वसन तंत्र रोगों के समान ही सामान्य सर्दी जुकाम एवं फ्लू जैसे लक्षण के साथ सर्दी के मौसम में परिलक्षित होता है। वर्तमान तक राज्य में किसी भी रोगी में ह्यूमन वायरस की पुष्टि नहीं हुई है।
सीएमओ नैनीताल डॉ. हरीश पंत ने बताया कि ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस सामान्य सर्दी जुकाम के लक्षणों के साथ ही आता है, साथ ही 3 से 5 दिन के भीतर स्वतः ही ठीक हो जाता है।जिसको लेकर किसी प्रकार कि भ्रांति, भय की आवश्यकता नहीं है।
उन्होंने एतिहायात के तौर पर ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस समेत अन्य शीतकालीन संबंधित समस्त श्वसन तंत्र रोगों से बचाव एवं रोकथाम के लिए सभी चिकित्सालयों में इन्फ्लूएजा/ निमोनिया रोगियों के उपचार हेतु पर्याप्त आईसोलेशन बेड/वार्ड आक्सीजन बेड, आई.ई.सी.यू बेड, वेंटिलेटर आक्सीजन सिलेंडर और समस्त चिकित्सालयों में आवश्यक औषिधियों एवं सामग्री आदि की उपलब्धता तथा चिकित्सक, नर्सिंग स्टाफ की पर्याप्त उपलब्धता साथ ही चिकित्सालय एवं समुदाय स्तर पर इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (आईएलआई) / गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी(एसएआरआई) के लक्षणों वाले रोगियों की सघन निगरानी की जाए। साथ ही रोगियों का विवरण अनिवार्य रुप से आई.डी.एस.पी के अंतर्गत आईएचआईपी पोर्टल में प्रविष्टी करने की बात कही।
जानें क्या करें क्या न करें :
क्या करें :
• बच्चों एवं बुजर्गों तथा किसी अन्य गम्भीर रोग से ग्रसित लोगो में विशेष सावधानी बरती जाये।
• छींकते या खांसते समय नाक और मुंह को ढकने के लिए रूमाल/टिश्यू का इस्तेमाल करें।
• भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचें।
• साबुन पानी से हाथों को स्वच्छ रखें।
• अधिक माात्रा में पानी / तरल पदार्थों का सेवन करें तथा पौष्टिक आहार लें।
सर्दी, जुकाम, बुखार आदि के लक्षण होने पर चिकित्सकीय परामर्श लें तथा चिकित्सकीय परामर्श पर ही औषधि का सेवन करें।
• लक्षण होने पर स्वस्थ लोगों से दूरी बनाकर रखें।
क्या न करें :
इस्तेमाल किये गये टिश्यू पेपर / रूमाल का पुनः उपयोग न करें।
• हाथ मिलाने से परहेज करें।
• लक्षण ग्रसित लोगों से नजदीकी सम्पर्क से बचें।
बिना चिकित्सीय परामर्श के औषधि का इस्तेमाल न करें।
• बार-बार आँख, नाक व मुँह को छूने से बचें।
सार्वजनिक स्थानों पर थूकने से परहेज करें।
ये है आदेश: