लखनऊ, प्रेस 15 न्यूज। सत्संग के बाद श्रद्धालु बाबा के काफिले के पीछे उनकी चरण रज लेने के लिए दौड़े। भीड़ को काबू में करने के लिए पानी की बौछारें फेंकी गई। लोग भागने लगे, तभी एक-दूसरे पर गिरते गए और कुचलने से इतनी मौतें हुईं… यह कहना है हाथरस सत्संग हादसे के प्रत्यक्षदर्शियों का।
हाथरस में कथावाचक साकार विश्व हरि भोले बाबा सत्संग का काम करने से पहले पुलिस कांस्टेबल था। 17 साल पहले नौकरी छोड़कर वह सत्संग करने लगा था। हाथरस में भगदड़ मचने के बाद से हरि भोले बाबा पीछे के रास्ते फरार हो गया।
जानकारी के अनुसार, एटा के रहने वाले भोले बाबा का असली नाम सूरज पाल है। वह करीब 25 साल से सत्संग कर रहे हैं। पश्चिमी यूपी के अलावा राजस्थान, हरियाणा में भी इनके लाखों भक्त हैं।
उत्तर प्रदेश के हाथरस में भोले बाबा के सत्संग के बाद भगदड़ मची भगदड़ में कुचलने से अब तक 130 लोगों की मौत हो चुकी है। मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं हैं। माना जा रहा है कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है।
हादसा हाथरस जिले से 47 किमी दूर फुलरई गांव में मंगलवार दोपहर करीब 1 बजे हुआ। कहा जा रहा है जिस वक्त हादसा हुआ us दौरान पंडाल में करीब 50 हजार से ज्यादा लोग मौजूद थे। सीएम योगी ने कहा कि हाथरस की घटना हादसा है या साजिश, इसकी जांच होगी।
हाथरस की दुर्घटना के बाद मुख्यमंत्री योगी ने मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख तथा घायलों को 50-50 हजार की आर्थिक सहायता देने के निर्देश दिए हैं।
इधर, हादसे के बाद अस्पतालों में हालात भयावह हो गए। लाशों और घायलों को बस और टैंपो में भरकर सिकंदराराऊ सीएचसी और एटा जिला अस्पताल, अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज भेजा गया। सीएससी के बाहर लोगों के शव जमीन पर इधर-उधर बिखरे पड़े थे।
मृतकों में ज्यादातर हाथरस, बदायूं और पश्चिम यूपी के जिलों के हैं। इधर, एटा में लाशों का ढेर देखकर ड्यूटी पर तैनात सिपाही रजनेश (30) को हार्ट अटैक आ गया।
मुख्यमंत्री योगी के निर्देश पर मुख्य सचिव मनोज सिंह और डीजीपी प्रशांत कुमार घटनास्थल पहुंच गए। तीन मंत्री- संदीप सिंह, असीम अरुण और चौधरी लक्ष्मी नारायण भी कैंप कर रहे हैं। घटना की जांच के लिए एडीजी आगरा और अलीगढ़ कमिश्नर की टीम बनाई गई है।
वहीं, जिलाधिकारी ने आम लोगों की सहायता के लिए हेल्पलाइन 05722227041 और 05722227042 जारी किए हैं।