ओखलकांडा में अन्याय के खिलाफ उम्मीद बनकर आए हरीश पनेरू, खनस्यूं थाने के वर्दीधारी गुंडों के खिलाफ बड़े एक्शन की तैयारी

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हल्द्वानी, प्रेस 15 न्यूज। राज्य आंदोलनकारी हरीश पनेरू की ओर से पहाड़ के युवा मनमोहन शर्मा को न्याय दिलाने की लड़ाई आठ दिन से जारी है। शनिवार सुबह 10 बजे हरीश पनेरू के आवाहन पर ओखलकांडा के सैकड़ों लोग हल्द्वानी बुद्ध पार्क पहुंच गए। यहां से एसएसपी दफ्तर घेराव का कार्यक्रम था।

जैसे ही हरीश पनेरू और ओखलकांडा के लोगों की इस एकजुटता की भनक पुलिस को लगी तो बुद्ध पार्क को एक बार फिर पुलिस छावनी में बदल दिया गया। भवाली सीओ सुमित पांडे हरीश पनेरू का गुस्सा शांत करने पहुंच गए। इस दौरान हरीश पनेरू ने दो टूक कहा कि जब तक तीनों दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं होता और तीनों बर्खास्त नहीं होते वो पीछे नहीं हटेंगे।

इस दौरान खनस्यूं थाने के वर्दीधारी गुंडों के सितम का शिकार ओखलकांडा का बेबस युवा मनमोहन शर्मा भी मौके पर मौजूद रहा। काफी देर तक सीओ भवाली गुस्साए लोगों को शांत करने का प्रयास करते रहे। जब सीओ ने छह दिन में दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आश्वासन दिया तब जाकर हरीश पनेरू और ओखल कांडा के लोग शांत हुए और एसएसपी दफ्तर घेराव का कार्यक्रम रद्द किया।

सीओ ने हरीश पनेरू को बताया कि खनस्यूं थाने के तीनों आरोपी पुलिस कर्मियों के खिलाफ एनसीआर दर्ज करने के आदेश दे दिए हैं। जिसके बाद बुद्ध पार्क में हरीश पनेरू की ओर से ओखलकांडा से आए लोगों के लिए दाल भात भोज का आयोजन किया। जिसे खाकर आंदोलनकारी घर की तरफ लौटे और छह दिन में मांग पूरी न होने पर दोगुने जोश से हल्लाबोल करने का संकल्प लिया।

नैनीताल पुलिस के खनस्यूं थाने में 20 सितंबर को ओखलकांडा के युवक के साथ हुई बेरहमी के मामले में बीते आठ दिन से राज्य आंदोलनकारी हरीश पनेरू हल्लाबोल किए हुए हैं। खनस्यूं थाने से लेकर हल्द्वानी एसएसपी और एसपी क्राइम के दफ्तर में हरीश पनेरू पीड़ित युवक मनमोहन के साथ खड़े रहे।

इस दौरान पनेरू मनमोहन के साथ दरिंदगी करने वाले खनस्यूं थाने के एसआई सादिक हुसैन और सिपाही विनोद यादव और कंबोज के खिलाफ मुकदमा लिखने की मांग पर अड़े रहे।

बीते रोज हल्द्वानी में डीजीपी अभिनव कुमार का दौरा था। ऐसे में हरीश पनेरू डीजीपी के सामने खनस्यूं थाने और नैनीताल पुलिस की करतूत बेनकाब न कर दें, एसपी क्राइम हरबंस सिंह हल्द्वानी के पांच पांच थानों के एसओ समेत रामनगर, खनस्यूं के एसओ और भवाली के सीओ के साथ बुद्ध पार्क में पनेरू का रास्ता रोकने को जुट गए।

सुबह 10 बजे से दोपहर 2:30 बजे तक एसपी क्राइम हरबंस सिंह और भवाली के सीओ सुमित पांडे पुलिस बल के साथ हरीश पनेरू को बुद्ध पार्क में रोके रहे और डीजीपी का काफिला कोतवाली से निकलकर सर्किट हाउस काठगोदाम पहुंच गए लेकिन फिर भी एसपी क्राइम ने हरीश पनेरू को बुद्ध पार्क से बाहर जाने नहीं दिया।

यानी साफ था एसपी क्राइम पूरा दिन हरीश पनेरू को गुमराह और झांसा देते रहे। पुलिस का ये सोचा समझा प्लान था कि हरीश पनेरू को किसी भी हाल में डीजीपी अभिनव कुमार से नहीं मिलने देना है। ऐसे में दोपहर करीब 2:30 बजे पुलिस को लगा था कि वो अपने प्लान में सफल हो गए हैं।

लेकिन कुछ ही देर में हरीश पनेरू ने पुलिस की ये गलतफहमी दूर कर दी। हरीश पनेरू एसपी क्राइम हरबंस सिंह समेत हल्द्वानी के पांच पांच थानों के एसओ, रामनगर एसओ, खनस्यूं के एसओ और भवाली के सीओ सुमित पांडे समेत भारी भरकम पुलिस फ़ोर्स को चकमा देकर सर्किट हाउस तक पहुंच गए। लेकिन नैनीताल पुलिस ने अपने प्लान के तहत यहां भी हरीश पनेरू को डीजीपी से मिलने नहीं दिया और गिरफ्त में ले लिया।

डीजीपी अभिनव कुमार का काफिला जब अल्मोड़ा की तरफ निकला, उसके घंटों बाद देर रात पुलिस ने हरीश पनेरू और उनके साथियों के साथ पहाड़ी आर्मी के हरीश रावत को अपनी कैद से आजाद किया। जिसके बाद हरीश पनेरू रात में ही बुद्ध पार्क में धरने पर बैठ गए।

और अगली सुबह फिर उन्होंने पाने साथियों के साथ हल्लाबोल किया। शनिवार को हरीश पनेरू ओखलकांडा के सैकड़ों परिवारों और मातृशक्ति के साथ एसएसपी दफ्तर घेरने वाले थे। पूरी तैयारी भी हो चुकी थी।

लेकिन हरीश पनेरू के आक्रोश की भनक एलआईयू ने एसएसपी दफ्तर और हल्द्वानी पुलिस को दे दी। जिसके बाद आननफानन में खनस्यूं थाने के तीनों आरोपी पुलिस कर्मियों के खिलाफ एनसीआर दर्ज करने और छह दिन में मुकदमा दर्ज करने के आदेश पुलिस प्रशासन ने दे दिए।

सोचिए ये सब राज्य आंदोलनकारी हरीश पनेरू सिर्फ और सिर्फ पहाड़ के उस बेबस गरीब युवा के लिए कर रहे थे जिसे खनस्यूं थाने के तीन तीन वर्दीधारियों ने जानवरों की तरह पिटा था। युवक मनमोहन का कसूर सिर्फ इतना था कि उसने खनस्यूं बाजार में घूम रहे बाहरी राज्य के फेरीवाले से उसके पहाड़ में घूमने पर सवाल कर लिया था।

यानी जो काम पुलिस को करना चाहिए था वो काम पहाड़ का जागरूक युवा मनमोहन कर रहा था लेकिन यही जागरूकता मनमोहन के जान पर बन आई। खनस्यूं थाने के एसआई सादिक हुसैन और सिपाही विनोद यादव और कंबोज ने मनमोहन को थाने में जानवरों की तरह पीटा। और जब लगा वो फंस जायेंगे तो युवक को उकसाकर उसका एक वीडियो भी बना दिया।

जिसमें युवक के आक्रोश को इस तरह दिखाया मानो वही गुंडा और सबसे बड़ा शराबी है लेकिन पुलिस वाले ये भूल गए कि युवक ने न तो शराब पी थी और न ही वो कुछ गलत बोल रहा था। उसने पुलिसवालों के उकसाने पर वही बोला जो एक पीड़ित को बोलना चाहिए।

हालाकि ओखलकांडा में पुलिस के दलालों ने मनमोहन का ये वीडियो सोशल मीडिया में जमकर प्रसारित भी किया। इतना ही नहीं मनमोहन को शराबी घोषित करने के लिए उसके शराब खरीदने का पुराना सीसीटीवी फुटेज तक सामने रख दिया गया।

मनमोहन की छवि को धूमिल करने और उसके खिलाफ ये सारी साजिश वो लोग कर रहे थे जो खुद को ओखलकांडा का बेटा और सामाजिक कार्यकर्ता कहते फिरते हैं।

लेकिन एक अकेले हरीश पनेरू और ओखलकांडा के गिने चुने जांबाज युवाओं ने मिलकर ये साबित कर दिया कि सामने कितना बड़ा तुर्रम क्यों न हो, सच की लड़ाई परेशान जरूर होती है लेकिन कभी हारती नहीं।

हरीश पनेरू के हल्लाबोल से पुलिस प्रशासन पहले दिन से बैकफुट पर रहा। हालाकि पीड़ित युवक की न्याय की लड़ाई लड़ रहे राज्य आंदोलनकारी हरीश पनेरू और साथ देने वाले सभी लोग पुलिस के निशाने पर थे।

इससे पहले ओखलकांडा के लोगों के आक्रोश को देखते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पीएन मीणा ने युवक पर वर्दी की धौंस दिखाकर बेरहमी से पीटने वाले सब इंस्पेक्टर सादिक हुसैन और उसके आदेश का पालन करने वाले सिपाही विनोद यादव और कंबोज को लाइन हाजिर कर दिया था।

लेकिन अब भी हरीश पनेरू के नेतृत्व में ओखलकांडा के लोग तीनों आरोपी पुलिस कर्मियों की बर्खास्तगी पर अड़े हुए हैं। अब जबकि तीनों लाइन हाजिर पुलिस कर्मियों के खिलाफ एनसीआर दर्ज करने के आदेश हुए हैं, ऐसे में यह लड़ाई पहाड़ के गरीब बेबस और सीधे साधे लोगों की जीत की तरफ बढ़ता एक कदम है जिसे हरीश पनेरू जैसे समर्पित जनप्रतिनिधि लड़ रहे थे।

हालाकि अपने ही पुलिसवालों के खिलाफ पुलिस की ये कार्रवाई कितना असरकारी होगी, ये सच भी किसी से नहीं छुपा है। जो पुलिस पिछले आठ दिन से दोषी पुलिसवालों को बेकसूर और गरीब मनमोहन को शराबी और गुंडा करार देने में तुली थी, उससे उम्मीद भी क्या कर सकते हैं। हालाकि पीड़ित मनमोहन के परिजनों का साफ कहना है कि अगर सुनवाई नहीं हुई तो कोर्ट में जाने से भी देर नहीं करेंगे।

ओखलाकांडा के लोग कह रहे हैं कि जब तक हरीश पनेरू जैसे समर्पित जनप्रतिनिधि समाज में हैं तो कम से कम ओखलकांडा के लोगों में अन्याय के विरुद्ध लड़ने की उम्मीद तो बची ही रहेगी।

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संजय पाठक

संपादक - प्रेस 15 न्यूज | अन्याय के विरुद्ध, सच के संग हूं... हां मैं एक पत्रकार हूं

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