
नैनीताल, प्रेस 15 न्यूज। उच्च न्यायालय ने हरिद्वार की गंगा नदी में अवैध खनन संबंधी जनहित याचिका में अवैध रूप से चल रहे 48 स्टोन क्रशरों को तुरंत बंद करने के निर्देश दिए हैं। मातृ सदन की जनहित याचिका पर न्यायमूर्ति रविंद्र मैठाणी और न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ ने अगली सुनवाई 12 सिंतबर के लिए तय की है।
उच्च न्यायालय ने अवैध खनन संबंधी मातृ सदन की एक जनहित याचिका पर 3 मई को सुनवाई करते हुए स्टोन क्रेशर बन्द करने के आदेश दिए थे, लेकिन इस आदेश के बावजूद क्रेशर संचालित होते रहे। आज न्यायालय ने स्पष्ट कहा कि पूर्व के आदेशों की अवहेलना कर रहे इन स्टोन क्रशरों द्वारा संचालन करना कानून का साफ साफ उल्लंघन है।

न्यायालय ने हरिद्वार के जिलाधिकारी और एस.एस.पी.को 48 स्टोन क्रशरों को तत्काल बंद कर उनकी बिजली और पानी की आपूर्ति भी काटने के निर्देश दिए। खंडपीठ ने इसकी अनुपालन रिपोर्ट शीघ्र न्यायालय में प्रस्तुत करने को कहा है।
मामले के अनुसार, हरिद्वार मातृ सदन ने जनहित याचिका दायर कर कहा कि हरिद्वार गंगा नदी में नियमों को ताक पर रखकर धड़ल्ले से अवैध खनन किया जा रहा है। इससे, गंगा नदी के अस्तित्व को खतरा पैदा हो गया है।
गंगा नदी में खनन करने वाले नेशनल मिशन कलीन गंगा’ को पलीता लगा रहे हैं। मात्र सदन के स्वामी दयानन्द का कहना है गंगा नदी में हो रहे अवैध खनन पर रोक लगाई जाए ताकि नदी के अस्तित्व को बचाया जा सके।
(नैनीताल से वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट)
