Sanatan Dharma: Hindu Code of Conduct: Mahakumbh 2025: Kashi Vidvat Parishad Varanasi: वाराणसी, प्रेस15 न्यूज। देश में समान नागरिक संहिता यानि यूसीसी लागू करने के लिए सरकार मंथन कर रही है। हालांकि उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन चुका है जहां समान नागरिक संहिता लागू होगी। इस बीच सनातन धर्म की मजबूती के लिए हिंदू आचार संहिता देश के लोगों के सामने आने की खबर आ गई है। चार साल की मेहनत के बाद हिंदू आचार संहिता बनकर तैयार है। इसे काशी विद्वत परिषद और देशभर के विद्वानों की टीम ने बनाया है।
आपको बता दें कि हिंदू आचार संहिता पर प्रयागराज में 2025 में होने वाले महाकुंभ में शंकराचार्य और महामंडलेश्वर अंतिम मुहर लगाएंगे। फिर धर्माचार्य नई हिंदू आचार संहिता को स्वीकार करने का आग्रह देश की जनता से करेंगे। कर्म और कर्तव्य प्रधान हिंदू आचार संहिता के लिए स्मृतियों को आधार बनाया गया है। इसमें श्रीमद्भागवत गीता, रामायण, महाभारत और पुराणों का अंश शामिल किया गया है। 2025 महाकुंभ में सनातन धर्म से जुड़े धर्मप्रेमी जनों के लिए पहली बार हिंदू आचार संहिता की एक लाख प्रतियां छापी जाएंगी। इसके बाद देश के हर शहर में 11 हजार प्रतियों का वितरण किया जाएगा।
श्री काशी विद्वत परिषद के महामंत्री प्रो. रामनारायण द्विवेदी के अनुसार, हिंदू आचार संहिता तैयार करने की जिम्मेदारी काशी विद्वत परिषद को सौंपी गई थी। इसके लिए 70 विद्वानों की 11 टीम और तीन उप टीम बनाई गई थी। हर टीम में उत्तर और दक्षिण के पांच-पांच विद्वान सदस्यों को रखा गया था। टीम ने 40 से अधिक बैठकें की। हिंदू आचार संहिता के लिए मनु स्मृति, पराशर स्मृति और देवल स्मृति को भी आधार बनाया गया है। महाकुंभ 2025 में इसे देश की जनता के सामने रखा जाएगा। खास बात यह है कि हिंदू आचार संहिता में शुचिता और पवित्रता को ध्यान में रखते हुए मानवता की श्रेणी का बंटवारा किया गया है। यही नहीं हिंदू आचार संहिता में पोडश संस्कारों को भी सरल किया गया है।