हल्द्वानी, प्रेस 15 न्यूज। एमबी इंटर कॉलेज में लगी नुमाइश अराजकता का गढ़ बनती जा रही है। नुमाइश के भीतर झूलों के नाम पर बच्चों और युवाओं की सुरक्षा को ताक पर रखने के बाद अब पार्किंग व्यवस्था भी सवालों के घेरे में है।
पार्किंग शुल्क को लेकर बीते रोज नुमाइश में अराजकता इस कदर बढ़ी कि युवाओं ने एक दूसरे पर तलवार तक निकाल दी। पुलिस ने दोनों गुटों से सात पर नामजद व अज्ञात युवकों पर बलवा, मारपीट, धमकी, जानलेवा हमले की कोशिश और लूट की धारा में मुकदमा दर्ज कर लिया है।
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फतेहपुर निवासी अजीत सिंह बगडवाल ने पुलिस को तहरीर देकर बताया कि 20 जुलाई को वह कार में चार दोस्तों के साथ नुमाइश देखने गया था। रात 12 बजे वह वापस लौट रहे थे। तभी पार्किंग शुल्क को लेकर देवेंद्र सिंह बिष्ट, राजा व 15-20 पार्किंग कर्मचारियों ने उनके साथ धक्कामुक्की की। इसके बाद तलवारें व चाकू निकालकर जानलेवा हमला कर दिया।
इस दौरान उसके सिर पर तलवार से वार किया गया। इससे गंभीर चोट आई। दूसरे साथी भी घायल हो गए। इतना ही नहीं, उनके साथी लक्ष्मण की तीन तोले के सोने की चेन और एक ब्रेसलेट भी मौके पर ही गिर गया। किसी तरह वह अपनी जान बचाकर मौके से भागे। बताया कि मारपीट करने वाले आइटीआई गैंग के हैं।
इधर, गैस गोदाम रोड निवासी देवेंद्र सिंह बिष्ट ने पुलिस को बताया कि उसने नुमाइश में पार्किंग का ठेका लिया है। 20 जुलाई को वह पार्किंग शुल्क वसूल रहा था। तभी फतेहपुर निवासी अजीत बगडवाल, करन बगडवाल, अजय कबडवाल, जीतपुर नेगी निवासी लक्ष्मण मंगोलिया, पारस बिष्ट व लामाचौड़ निवासी पीयूष बिष्ट पार्किंग शुल्क दिए बगैर जाने लगे। जब पार्किंग शुल्क देने को कहा तो कार में बैठा करन बगडवाल उतरा और चाकू से हमला कर दिया।
हमले में अभिलाष माहेश्वरी का हाथ कट गया। बाकी युवकों ने भी हमला किया। इसके बाद आरोपी धमकी देते हुए अभिलाष की जेब से तीन-चार हजार रूपए निकालकर फरार हो गए।
सीओ नितिन लोहनी ने बताया कि दोनों गुटों की तहरीर पर सात लोगों पर क्रॉस एफआईआर दर्ज की गई है। मारपीट में आईटीआई गैंग की संलिप्तता की जांच की जा रही है।
बताते चलें कि एमबी इंटर कालेज के मैदान में लगी नुमाइश में एंट्री गेट से लेकर मेले के भीतर नियम कायदों को ताक पर रखा जा रहा है। लेकिन कोई देखने वाला नहीं है।
बात अगर पार्किंग की करें तो हद तो तब हुई जब दो दिन पहले नुमाइश में पार्किंग ठेकेदार ने दबंगई दिखाते हुए इंट्री गेट की तरफ वाली सड़क किनारे पीली रस्सी बांधकर घेर दिया और दूसरी तरफ के एमबी इंटर कॉलेज के फुटपाथ को पुलिस की बेरीकेडिंग लगाकर बंद कर दिया। ताकि कोई वाहन यहां खड़ा न कर सके।
यहां से गुजरने वाले हर शख्स के मन में यही सवाल था कि आखिर सड़क किनारे रस्सी बांधने और पुलिस बेरीकेडिंग का इस्तेमाल करने का लाइसेंस नुमाइश पार्किंग ठेकेदार को किसने दिया? लेकिन नुमाइश के कर्ता धर्ताओं और पार्किंग ठेकेदार और उसके कर्मचारियों की दबंगई के सामने हर कोई मौन था।
इस दौरान यहां से गुजर रहे वरिष्ठ पत्रक्रोंनके एक दल ने जब यह नजारा देखा तो वह भी नुमाइश वालों की इस मनमानी को देखकर हैरान रह गए। जब उन्होंने मौके पर खड़े कर्मचारी से इस मनमानी पर सवाल दागा तो वह उल्टा उलझने लगे। जिसके बाद वरिष्ठ पत्रकारों ने तस्वीरों और वीडियो के जरिए पार्किंग ठेकेदार की दबंगई की शिकायत डीएम वंदना से कर डाली।
जिसके कुछ ही मिनटों बाद ठेकेदार आननफानन में रस्सी और बेरीकेडिंग हटाने पर मजबूर हो गया।
यह तो रही पार्किंग की मनमानी की बात, दूसरी तरफ नुमाइश में पर्याप्त सुरक्षा इंतजामों के झूलों में बच्चों और युवाओं की जान को जोखिम में डाला जा रहा है लेकिन कोई देखने वाला नहीं है। “प्रेस 15 न्यूज” ने इस पर विशेष वीडियो रिपोर्ट भी जनता के सामने रखी। लेकिन लगता है पुलिस प्रशासन भी जागने के लिए किसी हादसे का इंतजार कर रहा है।
वहीं, सोमवार को शहर के लोगों के एक प्रतिनिधिमंडल ने नुमाइश के नाम पर मनमाना इंट्री शुल्क लेने की शिकायत सिटी मजिस्ट्रेट एपी बाजपेई से की। लोगों ने ज्ञापन सौंपकर सिटी मजिस्ट्रेट से कहा कि नुमाइश के नाम पर जनता से मनमाना शुल्क लेना पूरी तरह से गलत है। शनिवार और रविवार को इंट्री शुल्क में इजाफा किया गया है। इसके साथ ही सुरक्षा को लेकर भी कोताही बरती जा रही है। सिटी मजिस्ट्रेट ने आवश्यक कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
वही अगर बात करें तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल भारत अभियान को भी नुमाइश के इंट्री गेट पर तार तार किया जा रहा है। यहां लोगों से इंट्री शुल्क कैश में लिया जा रहा है और डिजिटल पेमेंट का कोई ऑप्शन तक नहीं है। ऐसे में अधिकतर लोग कैश के अभाव में बैरंग लौट रहे हैं। वहीं, यह पूरी पेमेंट व्यवस्था भी सवालों के घेरे में है।
बताते चलें कि पिछले साल नुमाइश में वित्तीय गड़बड़ियों को लेकर जीएसटी और इनकम टैक्स की छापेमारी भी हुई थी। फिलहाल नियम कायदों को ताक पर रखकर नुमाइश का संचालन बेखौफ हो रहा है। अब देखना होगा कि नियम कायदों के पालन को नुमाइश के भीतर पुलिस प्रशासन की टीम कब दाखिल होती है?