हल्द्वानी, प्रेस 15 न्यूज। एक बार फिर जमरानी बांध का जिन्न बाहर निकल गया है। ऐसे में वर्ष 1975 से जमरानी बांध के निर्माण का सपना देख रही हल्द्वानी और उधनसिंह नगर की जनता में फिर से पानी पाने की उम्मीद बढ़ गई है। जमरानी बांध परियोजना के पहले चरण का कार्य 15 सितंबर 2024 से शुरू होने जा रहा है।
सालों के इंतजार के बाद इस परियोजना के निर्माण का खर्च भी 3700 करोड़ पहुंच गया है। जमरानी बांध परियोजना प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना कार्यक्रम के तहत पूरी की जाएगी।
26 फरवरी 1976 को जमरानी बांध का शिलान्यास मुख्य अतिथि तत्कालीन ऊर्जा मंत्री केसी पंत और कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे तत्कालीन मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी ने की थी।
गुरुवार को आयुक्त दीपक रावत ने कैंप कार्यालय हल्द्वानी में राजस्व और जमरानी बांध के अधिकारियों के साथ बहुप्रतीक्षित जमरानी परियोजना को लेकर समीक्षा बैठक ली।
उन्होंने कहा कि इस परियोजना से उत्तर प्रदेश के दो और उत्तराखंड के दो यानि कुल 04 जिलों में 57065 हेक्टेयर क्षेत्र की सिंचाई की जाएगी। यूपी के जिला रामपुर और बरेली को 47607 हेक्टेयर क्षेत्र के लिए सिंचाई का पानी मिलेगा जबकि उत्तराखंड के नैनीताल और यूएस नगर जिलों को 9458 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई प्रदान की जाएगी।
परियोजना से हल्द्वानी शहर को 117 एमएलडी पेयजल उपलब्ध कराया जाना है जिसको वर्ष 2051 में हल्द्वानी और काठगोदाम शहर की अनुमानित जनसंख्या 10.65 लाख को देखते हुए इसका आकलन किया गया है।
बैठक में अपर जिलाधिकारी पीआर चौहान ने बताया कि बांध प्रभावितों को सोमवार से मुआवजा वितरित करने की योजना है।
बताते चलें कि परियोजना के डूब क्षेत्र में 06 गांव की 49.71 हेक्टेयर निजी भूमि जलमग्न और 1267 परिवार प्रभावित हो रहे है। पुनर्वास नीति के अनुसार डूब क्षेत्र में प्रथम श्रेणी के 213, द्वितीय श्रेणी के 821,और तृतीय श्रेणी के 233 प्रभावित परिवार वर्गीकृत है।
डीजीएम बीबी पांडेय ने बताया कि जमरानी बांध परियोजना के पहले चरण का कार्य 15 सितंबर से शुरू कर दिया जायेगा। लगभग 3700 करोड़ रुपए की लागत से 2029 तक निर्माण कार्य पूरा होना है। उन्होंने बताया की पुनर्वास स्थल प्राग फार्म में अवस्थापना कार्य के लिए टाउन शिप प्लानिंग का कार्य वेपकॉस लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है।
वर्तमान में सर्वे का कार्य पूरा कर मास्टर प्लान तैयार करने का कार्य गतिमान है। बांध निर्माण कार्य हेतु सर्वप्रथम संपर्क मार्ग बनाया जाएगा और बरसाती सीजन में कार्य सुचारू रूप से संचालित किए जाने के लिए गोला नदी का जल निकासी हेतु दो ऑफर डैम और टनल बनाई जाएगी।